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नौकरी ही ऐसी कि पूरा दिन कुर्सी पर जमे रहते हैं, बहुत दिक्कत हो सकती है!

काम करते वक्त कई लोगों को घंटों कुर्सी पर बैठे रहना पड़ता है. यह हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं है. लगातार बैठे रहने से कमर और गर्दन में दर्द रह सकता है. जोड़ों और मांसपेशियों में भी परेशानी हो सकती है. वज़न और कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ सकता है.

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What are the drawbacks of sitting on a chair all the time
सिटिंग जॉब में हैं तो रोज़ थोड़ी देर एक्सरसाइज़ करें.
18 अप्रैल 2024
Updated: 18 अप्रैल 2024 20:57 IST
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सिटिंग जॉब. यानी ऑफिस में कुर्सी पर घंटों बैठे रहने वाली नौकरी. एक बार बैठे तो उठना मुश्किल. कुछ लोग तो बीच-बीच में टहल कर आ जाते हैं. लेकिन, कुछ लोग कुर्सी पर जम जाते हैं. उठते ही नहीं. सिर्फ खाना खाने के लिए जाते हैं और फिर आकर तुरंत बैठ जाते हैं. ऐसे लोगों को गंभीर परेशानियां हो सकती हैं. उनके घुटनों में दर्द रहने लगता है. कमर और गर्दन दिक्कत देने लगती है. सिर्फ यही नहीं, कई और बीमारियां भी होने सकती हैं. आज डॉक्टर से जानेंगे कि कुर्सी पर लगातार बैठे रहने से क्या दिक्कतें हो सकती हैं, जो बैठकर ही काम करते हैं, वो क्या करें और शारीरिक रूप से एक्टिव रहना कितना ज़रूरी है.

कुर्सी पर लगातार बैठे रहने से क्या दिक्कतें हो सकती हैं?

ये हमें बताया डॉ. अंकुर जैन ने.

डॉ. अंकुर जैन, कंसल्टेंट फिजिशियन, मेडि डर्माशाइन क्लिनिक, मुंबई

कुर्सी पर बैठकर घंटों काम करना आज बड़ी समस्या बन गया है. लगातार बैठे रहने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इससे जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है. युवाओं में कमर और गर्दन में दर्द की समस्या भी बढ़ी है. कोशिश करनी चाहिए कि ज़्यादा देर बैठकर काम न करना पड़े. हमारे खाने में कैलोरी होती है. ज्यादा देर बैठने से ये कैलोरी शरीर में जमा होने लगती है. इससे मोटापा हो सकता है. कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है. डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर और PCOD जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं. फिर यही दिक्कतें आगे जाकर हार्ट और पैरालिसिस का अटैक आने की वजह बनती हैं. WHO ने भी कहा है Sitting Is The New Smoking, घंटों बैठकर काम करने को एडिक्शन माना गया है इसलिए इससे बचकर रहें.

जो बैठकर ही काम करते हैं, वो क्या करें?

अगर आप बैठकर काम करते हैं तो हर एक घंटे बाद 10 मिनट का ब्रेक लें. इस 10 मिनट में चलें और घूमें-फिरें. लगातार बैठकर काम करने से मांसपेशियों में खून का थक्का जम जाता है जिसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस कहते हैं. लिहाज़ा आपको रोज़ एक घंटा एक्सरसाइज़ और योग करना चाहिए. इसके दो फायदे हैं. पहला, आपकी कैलोरी कंज़्यूम हो जाएगी. दूसरा, एक्सरसाइज़ करने से शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड पैदा होता है. यह खून की नलियों में मिल जाता है. जिससे खून का प्रवाह बढ़ता है. एक्सरसाइज़ से हमारे मसल्स को अच्छा ब्लड मिलता है. हम एक्टिव भी रहते हैं. अगर आप सिटिंग जॉब करते हैं तो रोज़ एक्सरसाइज़ करने का नियम बना लें.

कुर्सी से थोड़ी-थोड़ी देर में उठकर ब्रेक लेते रहें
शारीरिक रूप से एक्टिव रहना कितना ज़रूरी?

स्वस्थ रहने के तीन नियम होते हैं. सबसे अहम है, अच्छी नींद आना. फिर एक्सरसाइज़ से अपनी मांसपेशियों को एक्टिव बनाना. इसके बाद बैलेंस्ड डाइट लेना. अगर आप अच्छे से खाएंगे, सोएंगे और एक्सरसाइज़ करेंगे तो आप फिट रहेंगे. डायबिटीज़, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर से जुड़ी बीमारियां भी नहीं होंगी.

अगर आप फिट रहना चाहते हैं, हेल्दी रहना चाहते हैं. तो एक जगह घंटों टिककर न बैठें. चहलकदमी करते रहें. रोज़ एक्सरसाइज़ करें. जब भी लंच या डिनर करने जाएं तो कम से कम दस मिनट ज़रूर टहलें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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