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खसरे से हो रही हैं बच्चों की मौतें, कैसे बचें?

तेजी से फैल रहा है खसरा.

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वैक्सीन की मदद से मीज़ल्स से बचाव किया जा सकता है
सांकेतिक फोटो.
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25 नवंबर 2022 (Updated: 25 नवंबर 2022, 22:45 IST)
Updated: 25 नवंबर 2022 22:45 IST
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(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

मीज़ल्स, जिसे बोलचाल की भाषा में खसरा भी कहते हैं, आजकल एक नई मुसीबत बनी हुई है. पिछले कुछ समय से, खासकर मुंबई में खसरा के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. आमतौर पर खसरा बच्चों को होने वाली बीमारी मानी जाती है. लेकिन जो सामने आ रहे हैं, उनसे पता चल रहा है कि ऐसा नहीं है. 15 साल और 21 साल के लोगों को भी खसरा हो रहा है.

मीज़ल्स से मरने वाले लोगों की संख्या 12 तक पहुंच चुकी है. इस साल मुंबई में खसरा के 220 मामले कन्फर्म हुए हैं. अब ऐसे में सवाल उठता है कि खसरा यानी मीज़ल्स फैलता क्यों है और इससे कैसे बच सकते हैं? सब विस्तार से जानते हैं.

क्या है खसरा और कैसे फैलता है?

ये हमें बताया डॉक्टर अमिताव सेनगुप्ता ने.

Caring for Your Bundle of Joy - Elets eHealth
डॉक्टर अमिताव सेनगुप्ता, डायरेक्टर, बाल चिकित्सा, पारस हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम

-मीज़ल्स को आम भाषा में खसरा भी कहते हैं

-ये एक वायरल बीमारी है

-ये रूबिओला वायरस के कारण होती है

-ये जर्मन मीज़ल्स से अलग है

-जर्मन मीज़ल्स रूबेला वायरस से होता है

लक्षण

-बहुत तेज़ बुखार होता है

-नज़ला, ज़ुकाम, खांसी होती है

-पूरे शरीर में लाल रंग के दाने हो जाते हैं

-पैदा हुए बच्चों से लेकर ये बड़ों को भी हो सकता है

-छाती में होने वाली समस्याओं से बचकर रहना है

-क्योंकि छोटे बच्चों में मीज़ल्स से निमोनिया हो सकता है

Measles: Symptoms, Diagnosis, and Treatments
मीज़ल्स रूबिओला वायरस के कारण होता है

-मीज़ल्स से इन्सेफलाइटिस भी हो सकता है

बचाव

-वैक्सीन की मदद से मीज़ल्स से बचाव किया जा सकता है

-अगर वैक्सीन लग जाए तो मीज़ल्स होने पर भी कोई ख़तरा नहीं होता

-वैसे 9 महीने का होने पर मीज़ल्स की वैक्सीन लगती है

-लेकिन आजकल नेशनल शेड्यूल के मुताबिक MMR लगता है

-यानी मीज़ल्स, मम्प्स और रूबेला वैक्सीन

-इसका अगला बूस्टर लगता है 15 महीने पर

-आख़री बूस्टर लगता है 5 साल की उम्र में

-ऐसा करने से मीज़ल्स से बचा जा सकता है

डायग्नोसिस

-मुंह की कैविटी के अंदर, गले के पास कॉप्लिक स्पॉट्स नाम के स्पॉट्स आ जाते हैं

-इसको देखकर पक्का किया जा सकता है कि मामला मीज़ल्स का है

इलाज

-इलाज लक्षण देखकर किया जाता है

Measles Vaccine, Symptoms, Treatment, Causes
अगर वैक्सीन लग जाए तो मीज़ल्स होने पर भी कोई ख़तरा नहीं होता

-पैरासिटामॉल और एंटीपायरेटिक दवाइयां देनी हैं

-खांसी को रोकने की कोशिश करनी है

-ध्यान देना है कि मामला बिगड़े नहीं

-रैश के लिए लैक्टोकैलामाइन जैसे लोशन इस्तेमाल कर सकते हैं

-लेकिन सबसे ज़रूरी है मीज़ल्स की वैक्सीन लगवाना

मीज़ल्स, वायरस से होने वाली बीमारी है. जितनी तेज़ी से इसके मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में ज़रूरी है कि इससे बचने के तरीके अपनाए जाएं. अव्वल है वैक्सीन. बच्चों को मीज़ल्स की वैक्सीन लगना ज़रूरी है. इसलिए अपने डॉक्टर से पूछकर अपने बच्चों को ये ज़रूर लगवाएं. 

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