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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप, शिकायत में क्या-क्या लिखा है?

Governor CV Ananda Bose पर पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने भी निशाना साधा है. इस पर राजभवन की तरफ़ से परिसर में वित्त मंत्री के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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CV Ananda Bose accused of sexual harassment
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप. (फ़ोटो- इंडिया टुडे)
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3 मई 2024 (Updated: 3 मई 2024, 12:09 IST)
Updated: 3 मई 2024 12:09 IST
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पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं (Governor CV Ananda Bose Accused Of Sexual Harassment) . आरोप लगाया है राजभवन (Raj Bhavan) की एक महिला कर्मी ने. महिला ने हेयर स्ट्रीट थाने में बोस के ख़िलाफ़ लिखित शिकायत दी है. राज्यपाल पर ये आरोप तब लगे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल (PM Modi in West Bengal) के दौरे पर हैं. 2 मई यानी वो दिन जब राज्यपाल पर आरोप लगे, उसी दिन पीएम मोदी (PM Modi) राजभवन पहुंचे थे. इधर, राज्यपाल ने महिला के आरोपों को ग़लत बताया है. उनका कहना है कि उन्हें बदनाम करने की साज़िश रची जा रही है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, महिला राजभवन में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम करती है और स्टाफ़ क्वार्टर में रहती है. महिला ने अपनी शिकायत में कहा,

"19 अप्रैल को गवर्नर सर ने मुझे कुछ समय निकालकर अपने CV के साथ मिलने के लिए बुलाया. 24 मार्च को दोपहर 12.45 बजे के क़रीब उन्होंने मुझे अपने ऑफ़िस के रूम में बुलाया. फिर उन्होंने कुछ देर बातचीत के बाद मुझे छुआ. मैं किसी तरह वहां से निकलने में कामयाब रही. 2 मई को उन्होंने मुझे फिर फ़ोन किया. मैं अपने सुपरवाइजर को अपने साथ कॉन्फ़्रेंस रूम लेकर गई, क्योंकि मैं डरी हुई थी. कुछ देर काम के बारे में बात करने के बाद उन्होंने सुपरवाइजर को जाने के लिए कहा. उन्होंने मेरे प्रमोशन की बात कही और बातचीत को लंबा खींचा. उन्होंने मुझे रात में फ़ोन करने की बात भी कही. साथ ही ये बात किसी को न बताने के लिए कहा. जब मैंने मना किया, तो उन्होंने मुझे छूने की कोशिश की. फिर मैं कैसे भी बचते-बचाते वहां से निकल गई."

शिकायत की पुष्टि करते हुए सेंट्रल डिविजन की डिप्टी कमिश्नर (Deputy Commissioner) इंदिरा मुखर्जी ने कहा,

"क़रीब शाम 5 बजे पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज कराई गई. इसे हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन भेजा गया है. शिकायत राज्यपाल के ख़िलाफ़ है. मामले की जांच की जा रही है."

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इस मामले में न्यूज़ एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि महिला एक और सहकर्मी की मदद से भारत के चुनाव आयोग को भेजी जाने वाली शिकायतों (लोगों की) को रोक रही थी. और जब उसे ऐसा करने से रोका गया और डांटा गया, तो उसने छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया.

राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य की भी इस मामले में प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा,

“ये क्या है? पीएम आज रात आएंगे और राजभवन में रुकेंगे. इस समय राज्यपाल पर एक महिला पर अत्याचार का आरोप लग रहा है...ये शर्म की बात है.“

इस पर राजभवन की तरफ़ से भी मंत्री पर पलटवार किया गया. राजभवन ने X पर लिखा,

“राज्यपाल के ख़िलाफ़ मानहानि और संविधान विरोधी मीडिया बयानों के लिए चंद्रिमा भट्टाचार्य के कोलकाता, दार्जिलिंग और बैरकपुर के राजभवन परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्यपाल ने यह भी निर्देश दिया है कि वो मंत्री की मौजूदगी वाले किसी भी समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे. मंत्री के ख़िलाफ़ आगे के क़ानूनी कदमों पर सलाह के लिए भारत के अटॉर्नी जनरल से संपर्क किया गया है."

मामले में राज्यपाल आनंद बोस का कहना है कि आरोप निराधार हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म X पर लिखा,

“सच्चाई की जीत होगी. मैं ज़बरदस्ती चलाए जा रहे दावों से डरने वाला नहीं हूं. अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी फायदा चाहता है, तो भगवान उसका भला करे. लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के ख़िलाफ़ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते."

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मामला सामने आने के बाद राज्य की सतारूढ़ पार्टी TMC ने भी आनंद बोस पर निशाना साधा है. पत्रकार और अब TMC से राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने उन पर हमला बोला है. सागरिका ने कहा,

“बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के ख़िलाफ़ एक गंभीर आरोप लगाया गया है. महिला ने राजभवन में छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न और ग़लत व्यवहार का आरोप लगाया है. ये आरोप तब लगे हैं, जब पीएम मोदी कोलकाता पहुंच रहे हैं. मोदी जी राजभवन में ही ठहरेंगे. क्या मोदी जी राज्यपाल से सफ़ाई मांगेंग? क्या मोदी जी पूछेंगे कि राजभवन में इस तरह की घटना कैसे घटी?”

बता दें कि पीएम मोदी शुक्रवार, 3 मई को कृष्णानगर, बोलपुर और बीरभूम लोकसभा क्षेत्रों में तीन चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे.

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