SSC घोटाला: पार्थ चटर्जी की ममता सरकार से छुट्टी, TMC नेता बना रहे थे दबाव
पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से 50 करोड़ कैश बरामद होने के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है.

SSC घोटाले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को ममता बनर्जी की सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक टीएमसी ने पार्थ चटर्जी से सभी मंत्रालय की जिम्मेदारी ले ली है. उनके पास उद्योग, वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी सहित कई विभागों की जिम्मेदारी थी. पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को ईडी ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था.
इस मुद्दे पर गुरुवार 28 जुलाई को ममता बनर्जी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक हुई थी. इसी बैठक में चटर्जी को मंत्री पद से हटाने का फैसला लिया गया. बैठक के बाद पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव ने राज्यपाल के आदेश के बाद पार्थ चटर्जी को हटाने का नोटिफिकेशन जारी किया.
ममता बनर्जी ने दिया बयानईडी की छापेमारी में पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से करीब 50 करोड़ कैश बरामद हुए है. इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने ये फैसला लिया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्थ चटर्जी के बाद अब ममता बनर्जी ही वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय संभालेंगी. ममता ने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाए जाने के बाद कहा,
"मैंने उन्हें (पार्थ) हटाया, क्योंकि मेरी पार्टी बहुत ही सख्त पार्टी है. अगर कोई सोचता है कि वो ऐसा करके टीएमसी के बारे में राय बदल सकता है तो वो गलत है."
टीएमसी के कई नेता ममता बनर्जी पर पार्थ चटर्जी को हटाने का दबाव बना रहे थे. 28 जुलाई को TMC महासचिव कुणाल घोष ने पार्थ चटर्जी को पार्टी और मंत्रालय से हटाने की मांग की. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था,
विपक्ष ने भी सरकार को घेरा"पार्थ चटर्जी को मंत्री पद और पार्टी के सभी पदों से तुरंत हटाया जाना चाहिए. उन्हें निष्कासित करना चाहिए. अगर मेरा यह बयान गलत है तो पार्टी के पास मुझे सभी पदों से हटाने का अधिकार है. मैं तृणमूल कांग्रेस का सिपाही बना रहूंगा."
बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर लिया और बताया कि पार्टी ने मुद्दे का संज्ञान लिया है. इसके अलावा टीएमसी विधायक और पार्टी प्रवक्ता बिस्वजीत देब ने कुणाल घोष का समर्थन किया. देब ने कहा,
"घोष 100 फीसदी सही हैं. पार्टी हितों के लिए चटर्जी को तुरंत हटाया जाना चाहिए. चटर्जी ने एक बार भी क्यों नहीं कहा कि वे निर्दोष हैं? इस एक घटना ने पार्टी की छवि को खराब किया है. एक मैसेज दिया जाना चाहिए कि पार्टी भ्रष्ट्राचार को बर्दाश्त नहीं करेगी."
पार्टी नेताओं के अलावा विपक्ष पिछले कई दिनों से सरकार पर सवाल उठा रहा था. बीजेपी विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने 27 जुलाई को सवाल किया था कि घोटाले में गिरफ्तारी के बाद भी ममता सरकार ने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से क्यों नहीं हटाया है.
ED की टीम ने 27 जुलाई को अर्पिता मुखर्जी के बलघरिया टाइन क्लब स्थित फ्लैट पर छापेमारी की थी. यहां उनके घर से 28.90 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे. इसके अलावा 5 किलो से अधिक सोना भी जब्त किया गया था. पिछले हफ्ते भी अर्पिता मुखर्जी के एक घर से 21 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे. ईडी की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अर्पिता मुखर्जी ने बताया था कि ये पैसे पार्थ चटर्जी के हैं.
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