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कोलेजियम विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए पांच नए जज कौन हैं?

ये पांचों जज सोमवार, 6 फरवरी को शपथ लेंगे.

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5 new judges to Supreme Court
जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, जस्टिस मनोज मिश्रा (बाएं से दाएं)
4 फ़रवरी 2023 (Updated: 5 फ़रवरी 2023, 13:39 IST)
Updated: 5 फ़रवरी 2023 13:39 IST
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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 5 जजों की नियुक्ति को लेकर कोलेजियम की बात मान ली है. केंद्र सरकार ने कोलेजियम की सिफारिश को मंजूरी दे दी है. और अब सुप्रीम कोर्ट को जल्द ही 5 नए जज मिलने वाले हैं. 

सुप्रीम कोर्ट के लिए प्रमोट होने वाले जजों में जस्टिस पंकज मिथल (राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), जस्टिस संजय करोल (पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), जस्टिस पीवी संजय कुमार (मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह (पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश) और जस्टिस मनोज मिश्रा (इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश) शामिल हैं. ये पांचों जज सोमवार, 6 फरवरी को शपथ लेंगे. आइए, इनके बारे में जानते हैं.

जस्टिस पंकज मिथल

राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं पंकज मिथल (Justice Pankaj Mithal). इन्होंने साल 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कॉमर्स में स्नातक किया. 1985 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के मेरठ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की. जस्टिस पंकज मिथल ने साल 1985 में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में एडवोकेट के तौर पर खुद को रजिस्टर कराया और प्रैक्टिस शुरू की.

एडवोकेट कोटे से जुलाई 2006 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में एडिशनल जज बने, फिर जुलाई 2008 में परमानेंट हो गए. जनवरी 2021 में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस पद की शपथ ली. इसके बाद अक्टूबर 2022 में राजस्थान हाई कोर्ट पहुंच गए.

जस्टिस संजय करोल

पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से कानून में डिग्री हासिल की है. साल 1986 में एक वकील के तौर पर काम शुरू किया. मार्च 2007 को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए. अप्रैल 2017 में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस का कार्यभार संभाला. नवंबर 2018 को त्रिपुरा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने. फिर नवंबर 2019 में बतौर चीफ जस्टिस पटना हाई कोर्ट पहुंचे.

जस्टिस पीवी संजय कुमार

जस्टिस पीवी संजय कुमार (Justice P.V. Sanjay Kumar) अगस्त 2008 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के एडिशनल जज नियुक्त हुए. 14 अक्टूबर, 2019 को उनका तबादला पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में किया गया. फरवरी 2021 में जस्टिस पीवी संजय कुमार मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बन गए.

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह (Justice Ahsanuddin Amanullah) सितंबर 1991 में प्रैक्टिस के लिए बिहार बार काउंसिल में इनरोल हुए. जस्टिस अमानुल्लाह को जून 2011 में पटना हाई कोर्ट में नियुक्त किया गया. करीब दस साल बाद अक्टूबर 2021 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में उनका ट्रांसफर हो गया. कुछ महीने बाद ही जून 2022 में फिर पटना आ गए.

जस्टिस मनोज मिश्रा

जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Misra) दिसंबर 1988 में वकील बने. उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में नागरिक, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक मुद्दों पर बहस की. नवंबर 2011 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में ही एडिशनल जस्टिस बने. मनोज मिश्रा अगस्त 2013 से इलाहाबाद हाई कोर्ट के स्थायी जज हैं.

भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन के लिए इन पांच जजों के नाम की सिफारिश की थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने 2 फरवरी, 2023 को ही इन नामों को मंजूरी दे दी थी. 

सुप्रीम कोर्ट में अभी कितने जज हैं?

सुप्रीम कोर्ट में CJI सहित 34 जजों की पद हैं. अभी सुप्रीम कोर्ट 27 जजों के साथ काम कर रही है. 5 जजों के शपथ लेने के बाद यह संख्या बढ़कर 32 हो जाएगी. इसका मतलब है कि इसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट में जजों के 2 पद खाली रहेंगे. हालांकि, कोलेजियम इन 2 पदों के लिए भी नाम भेज चुकी है. 

31 जनवरी, 2023 को कोलेजियम ने दो जजों के नाम की सिफारिश की थी. इनमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम और केंद्र सरकार के बीच जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा है. कानून मंत्री किरेन रिजिजू कई बार कोलेजियम सिस्टम पर सवाल उठा चुके हैं. रिजिजू इसे गैर-संवैधानिक तक बता चुके हैं. 

ये भी पढ़ें- जजों की नियुक्ति करने वाले कोलेजियम सिस्टम पर विवाद क्यों?

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: सुप्रीम कोर्ट और नरेंद्र मोदी सरकार के बीच कोलेजियम पर बहस में कौन सही, कौन गलत?

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