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'मैं दलित, तो मेरा बेटा क्यों नहीं?' रोहित वेमुला की मां ने उठाए पुलिस रिपोर्ट पर सवाल, CM से मिला ये जवाब

Rohit Vemula की आत्महत्या वाले मामले पर Telangana Police ने एक क्लोजर रिपोर्ट जारी की. अब उस रिपोर्ट पर सवाल उठाए गए हैं. इस केस को फिर से खुलवाने की मांग की जा रही है. मुख्यमंत्री और राज्य पुलिस अब इस मामले पर क्या करने जा रहे हैं?

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Rohit Vemula
हैदराबाद विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले रोहित वेमुला ने साल 2016 में आत्महत्या कर ली थी (फोटो: आजतक)
5 मई 2024 (Updated: 5 मई 2024, 14:54 IST)
Updated: 5 मई 2024 14:54 IST
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हैदराबाद विश्वविद्यालय (Hyderabad University) में पढ़ने वाले रोहित वेमुला ने साल 2016 में अपनी जान दे दी थी (Rohith Vemula Sucide case). इसे लेकर पुलिस जांच भी हुई. जिसके बाद तेलंगाना पुलिस (Telangana Police) ने एक क्लोजर रिपोर्ट जारी की थी. अब दिवंगत छात्र की मां ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर सवाल उठाते उसे झूठा बताया है. इसे लेकर उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की है. बता दें कि पुलिस ने इस मामले में आरोपी पूर्व कुलपति और बीजेपी के नेताओं को क्लीन चिट दे दी है.

मृतक की मां ने क्या कहा?

आजतक से जुड़ीं अपूर्वा जयचंद्रन की रिपोर्ट के मुताबिक 4 मई को मृतक छात्र की मां राधिका वेमुला ने मामले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा,

'पुलिस ने केस को कैसे बंद कर दिया और पुलिस जाति कैसे पूछ सकती है? अगर मैं एक दलित हूं, तो क्या मेरी संतान दलित नहीं होगी?'

उन्होंने पुलिस पर 'झूठी रिपोर्ट' कहकर मामले को बंद करने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया,

'मेरा बेटा पढ़ने में बहुत अच्छा था. लेकिन रिपोर्ट में कहा गया कि वो पढ़ाई में अच्छा नहीं था. मेरे बेटे के बारे में गलत जानकारी फैलाई गई है. वो कैसे कह सकते हैं कि उसने पढ़ाई नहीं की. रोहित 10वीं कक्षा में दूसरे स्थान पर था और उसके अच्छे नंबर आए थे.'

CM ने कहा फिर केस खुलेगा...

रोहित की मां ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की है. मुलाकात के दौरान रेवंत ने फिर से केस खुलवाने का आश्वासन दिया है. वहीं तेलंगाना पुलिस ने भी कहा है कि वो मामले की फिर से जांच करेंगे. बताया कि मृतक की मां और कुछ लोगों ने कोर्ट में पुलिस द्वारा दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं.

क्या था पूरा मामला?

रोहित वेमुला हैदराबाद विश्वविद्यालय के PhD स्कॉलर थे. 17 जनवरी, 2016 को उन्होंने अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद देशभर में काफी जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे. रिपोर्ट के मुताबिक रोहित वेमुला 'अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन' नाम के संगठन के सदस्य थे. उन्हें पांच और छात्रों के साथ हॉस्टल से निकाल दिया गया था. आरोप था कि उन्होंने साल 2015 में ABVP के एक सदस्य पर हमला किया था. विश्वविद्यालय ने शुरुआती जांच में पांचों छात्रों को क्लीन चिट दे दी थी. लेकिन बाद में उन्होंने अपने फैसले को बदल दिया था.

पुलिस ने रिपोर्ट में क्या कहा? 

इंडिया टुडे से जुड़े अब्दुल बशीर की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने अपनी जांच में पाया है कि रोहित वेमुला को डर था कि उनकी असली जाति की सच्चाई बाहर आ जाएगी, क्योंकि वो अनुसूचित जाति से नहीं आते थे. पुलिस ने अपनी इस रिपोर्ट को तेलंगाना हाई कोर्ट को सौंपा है और कहा है कि रोहित को पता था कि उनकी मां ने उन्हें अनसूचित जाति का फर्जी सर्टिफिकेट दिलवाया था. 

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तेलंगाना पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कई प्रमुख लोगों को क्लीन चिट दे दी है. इन लोगों में उस समय के सिकंदराबाद के सांसद बंडारू दत्तात्रेय, विधान परिषद के सदस्य एन रामचंद्र राव, यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अप्पा राव और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी का नाम शामिल है. स्मृति ईरानी उस समय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री थीं. क्लोजर रिपोर्ट में ABVP के भी कई सदस्यों को क्लीन चिट दे दी गई है.

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