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झारखंड में दबिश मारने गई पुलिस ने 4 दिन के बच्चे को बूट से कुचलकर मार दिया!

केस खुला तो क्या हुआ? क्या एक्शन लिया गया?

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Jharkhand Baby killed by police
दिनेश पांडेय की पुलिस को दी गई शिकायत (फोटो सोर्स-Twitter @yourBabulal)
24 मार्च 2023 (Updated: 24 मार्च 2023, 16:09 IST)
Updated: 24 मार्च 2023 16:09 IST
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झारखंड के गिरीडीह जिले (Giridih Jharkhand) से एक बुरी खबर आई. यहां के एक गांव में कल 23 मार्च को पुलिस (Jharkhand Police) एक घर पर रेड मारने पहुंची थी. आरोप है कि एक पुलिस वाले ने खाट पर सोए 4 दिन के नवजात बच्चे को अपने बूट से कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. अब इस घटना में जांच हुई है और 6 पुलिस वालों को सस्पेंड किया गया है.

क्या है पूरा मामला?

गिरीडीह जिले के कोसोगोंदोदिघी गांव की घटना है. ये गांव देवरी थाना क्षेत्र में आता है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक दिनेश पांडेय नाम के एक व्यक्ति की शिकायत पर कुछ पुलिस वालों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. दिनेश की उम्र 50 साल के आस-पास है. खेती-किसानी के अलावा पुजारी का काम भी करता है.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पांडेय ने कहा,

"सुबह करीब 3 बजे पुलिस ने घर का दरवाजा खटखटाना शुरू किया. चूंकि मेरे खिलाफ मारपीट का एक मामला दर्ज है और मैं एक बार जेल जा चुका हूं, इसलिए मैं डर गया था. मेरे सात बच्चे हैं, सबसे छोटा बच्चा 5 साल का है. मुझे डर था कि अगर मुझे फिर से गिरफ्तार किया गया, तो मेरे बच्चे भूखे मर जाएंगे. इसलिए मैं भाग गया. एक घंटे बाद, मुझे फोन आया कि मेरे पोते की मौत हो गई है."

दिनेश पांडेय की बहू नेहा देवी हैं. 4 दिन पहले ही उन्होंने बेटे को जन्म दिया था. नेहा ने बताया कि जब पुलिस अंदर घुसी वो अपने बेटे के साथ खाट पर सो रही थीं. जबकि सास और उनके पति नीचे फर्श पर लेटे थे. ये घर कच्चा है. जिसमें लकड़ी का एक दरवाजा है. इसी से सटा हुआ एक अधूरा बना हुआ पक्का घर भी है. पांडेय अपने बाकी बच्चों के साथ उस घर में रहते हैं.

बहू नेहा ने इंडियन एक्सप्रेस से बताया,

"पुलिस ने धक्का देकर दरवाजा खोला और हम पर चिल्लाना शुरू कर दिया. वो लोग मेरे ससुर को ढूंढ रहे थे. हमने बताया भी कि वो घर पर नहीं हैं. लेकिन पुलिस वालों ने हमें धमकाना शुरू कर दिया. हम घबराकर आंगन की तरफ़ भागे. तभी मैंने देखा कि एक पुलिस वाला उस खाट पर कूद रहा था जिस पर मेरा बच्चा सोया हुआ था."

नेहा के मुताबिक घर की छत छप्पर की है जिस पर लकड़ी के पटरे लगे हुए हैं. और पुलिसवाला शायद ये देखने के लिए खाट पर खड़ा था कि पांडेय छप्पर की मचान पर तो नहीं छिपा है.
नेहा बताती हैं, वो जब पुलिस वालों से बात कर रही थी, उस वक़्त याद आया कि वो बच्चे को देखना भूल गईं हैं. उन्होंने कहा,

"मैंने सोचा इस सब हंगामे के बाद भी बच्चा रो नहीं रहा है. शायद सो रहा होगा. लेकिन जब मैंने उसे देखा, उसका शरीर ठंडा पड़ चुका था. वो सांस नहीं ले रहा था. उसकी गर्दन लाल हो गई थी और मुझे बूट का निशान भी दिखा. तब मुझे समझ में आया कि उसके साथ क्या हुआ है. मैंने पुलिस वाले को पलंग पर कूदते देखा था. मेरा बेटा कुचलने से मरा है. हमने उसका नाम श्रवण रखा था. अब वो नहीं रहा. जिसने मेरे बेटे को मारा है उसे सजा मिलनी चाहिए."

धनेश्वर महतो, कोसोगोंदोदिघी गांव के मुखिया हैं. उन्होंने कहा कि जब पांडेय ने मुझे बताया तो मैं बच्चे की बॉडी देखना चाहता था. उसके शरीर पर जूते का साफ़ निशान था. रमेश पांडेय ने पुलिस को जो शिकायत दी है उसमें ये भी कहा है कि पुलिस वालों ने रमेश को कोई मुकदमा न दर्ज करवाने के लिए धमकाया भी था. 

इसके घटना में अब पुलिस टीम के खिलाफ कार्रवाई हुई है. जिले के SP अमित रेणु ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा है,

"पांडेय की शिकायत के आधार पर हमने उस पुलिसकर्मी के खिलाफ IPC की धारा 304 (लापरवाही से हत्या) के तहत FIR दर्ज की है."

झारखंड में विपक्ष के नेता और पूर्व CM बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह जिले के SP को भी निलंबित करने की मांग की है, उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है,

"पुलिस की संवेदनहीनता का ज्वलंत नमूना है ये. ऐसे एसपी को जांच का ज़िम्मा दिए जाने और उनकी जांच पर भला कौन भरोसा करेगा? क़ायदे से तो हेमंत जी आपको ऐसे एसपी को तुरंत निलंबित कर देश-दुनिया के संवेदना का मैसेज देना चाहिए था. लेकिन मैं जानता हूं कि आप के बूते से बाहर है ये काम. मुझे बताया गया है कि जिस भाई-भाई की आपसी मारपीट के केस में पुलिस नवजात के दादा को गिरफ़्तार करने गई थी वो न्यायालय से ज़मानत पर है. तीन बजे रात में बिना महिला पुलिस के किसी परिवार वाले के घर में पुलिस के घुसने का कौन सा क़ानून है? वह भी बिना पता किए कि जिसे पकड़ने गए हैं वो तो ज़मानत पर है. ऐसा जंगल राज तो तालिबान में भी नहीं देखा गया है."

इस पूरी घटना के बारे में बात करते हुए पांडेय का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर आया है. जिसके बाद झारखंड के CM हेमंत सोरेन ने पुलिस को जांच के आदेश दिए थे. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी कल कहा है कि पुलिस वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. फिलवक्त पांडेय के घर गई पुलिस टीम को सस्पेंड कर दिया गया है. 

वीडियो: झारखंड में दरवाजा तोड़ लड़की को जला डाला

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