कश्मीर में पब्लिक सेफ्टी के नाम पर शख्स को 3 साल जेल में रखा, HC ने कहा- गलत किया 5 लाख रुपए दो
पहली बार jammu kashmir High Court ने Public Safety Act के तहत हिरासत के लिए राज्य को दंडित किया है. अली मोहम्मद लोन को 2019 से मार्च 2024 तक कई बार जेल में रखा गया, करीब 3 साल तक. अब कोर्ट ने क्या कहा?
जम्मू-कश्मीर का Public Safety Act (PSA) एक बार फिर चर्चा में है. एक्ट को लेकर हाई कोर्ट ने प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है (Jammu Kashmir High Court). साथ ही पांच लाख रुपये मुआवजा देने को कहा है. साल 2019 में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व प्रवक्ता अली मोहम्मद लोन को इस एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया था. वो तीन साल तक जेल में रहे. हाई कोर्ट ने अब उस हिरासत को अवैध करार दिया है.
केस की दिलचस्प बात ये है कि कोर्ट ने लगातार तीन बार अली की PSA हिरासत को रद्द कर दिया था. लेकिन, सरकार ने कोर्ट का ऑर्डर नजरअंदाज करते हुए चौथी बार अली पर PSA लगाया और हिरासत में डाल दिया. वो 2019 से मार्च 2024 तक कई बार जेल में रहे, लगभग तीन साल तक. इसके बाद फिर इस मामले में एक याचिका दायर की गई. जिसमें अली मोहम्मद लोन ने सरकार से 25 लाख रुपये का मुआवजा मांगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट ने प्रशासन से अली को अवैध हिरासत के लिए पांच लाख रुपये मुआवजा देने को कहा है. ये पहली बार है जब अदालत ने PSA के तहत हिरासत के लिए राज्य को दंडित किया है. ये एक्ट अधिकारियों को किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है.
जस्टिस राहुल भारती ने कहा,
याचिकाकर्ता की हिरासत दुर्भावनापूर्ण और अवैध है. याचिकाकर्ता को 2019 से मार्च 2024 तक लगातार चार हिरासत आदेशों के तहत 1,080 दिनों से ज्यादा समय के लिए जेल में रखा गया.
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अली को सबसे पहली बार 5 मार्च, 2019 को PSA के तहत हिरासत में लिया गया था. अदालत ने 11 जुलाई, 2019 को हिरासत रद्द कर दी. आदेश के आठ दिन बाद और हिरासत में रहने के दौरान ही सरकार ने 19 जुलाई को अली के खिलाफ दूसरा PSA लगा दिया. इसे 3 मार्च, 2020 को अदालत ने फिर से रद्द कर दिया. तीन महीने तक जेल से बाहर रहने के बाद सरकार ने 29 जून, 2020 को लगातार तीसरी बार अली के खिलाफ PSA लगाया जिसे अदालत ने 24 फरवरी, 2021 में रद्द कर दिया. इसके बाद 14 सितंबर, 2022 को हिरासत में लेने का चौथा आदेश निकला. और अली को फिर हिरासत में ले लिया गया.
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