रॉबर्ड वाड्रा केस में उलझे दो IAS, एक ने ट्वीट कर सरकार से नाराजगी जताई, तो दूसरे ने शिकायत कर दी
6 अप्रैल को IAS अफसर अशोक खेमका (Ashok Khemka) ने वाड्रा लैंड डील (Robert Vadra-DLF land deal) में मोदी सरकार (Modi Government) की मंशा को लेकर सवाल उठाए. इस पर अब IAS संजीव वर्मा (Sanjeev Verma) ने उनके ख़िलाफ़ हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र लिख दिया है.
हरियाणा के दो सीनियर IAS अधिकारियों का विवाद अब नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) तक पहुंच गया है. ये विवाद है IAS संजीव वर्मा (Sanjeev Verma) और IAS अशोक खेमका (Ashok Khemka) के बीच. बीते दिनों IAS अशोक खेमका ने वाड्रा लैंड डील (Robert Vadra-DLF land deal) को लेकर कई सवाल किए थे. सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे. इसे लेकर अब IAS संजीव वर्मा ने अपने समकक्ष अफसर अशोक खेमका के ख़िलाफ़ सरकार से शिकायत कर दी है. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि खेमका ने मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को सीधे टारगेट किया है. सरकारी सेवा करते हुए भी खेमका सरकार की आलोचना कर रहे हैं.
क्या है पूरा विवाददरअसल, 6 अप्रैल को अशोक खेमका ने एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने वाड्रा लैंड डील को लेकर सरकार से सवाल किए. उन्होंने लिखा,
10 साल होने के बावजूद वाड्रा-DLF सौदे की जांच सुस्त क्यों? और कितना इंतज़ार किया जाए. ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में. पापियों की मौज. शासक की मंशा कमजोर क्यों है? देश को साल 2014 में दिये वचन प्रधानमंत्री जी के वचन को याद किया जाना चाहिए.
ऐसा ही एक ट्वीट उन्होंने 8 अप्रैल को किया. इसमें उन्होंने लिखा,
सवाल मेरे नहीं, बल्कि ख़ुद माननीय प्रधानमंत्री जी ने साल 2014 में उठाए थे. उनके सवाल बिल्कुल सही थे. क्या शासन और प्रशासन की नैतिक ज़िम्मेदारी नहीं कि उन सवालों के जवाब जनता को दे. आज उस बात को दस साल हो गए.
उनके इन्हीं ट्वीट को लेकर अब IAS संजीव शर्मा ने हरियाणा के मुख्य सचिव TVSN प्रसाद को पत्र लिखा है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस पत्र में उन्होंने खेमका के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक और आपराधिक कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने अपने पत्र में ये भी लिखा है कि उनकी ये पोस्ट तब आई है, जब सूबे में लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है. 25 मई को हरियाणा में वोटिंग होनी है. ऐसे में चुनाव के मद्देनजर सोशल मीडिया पर सरकारी अफसर का ऐसा पोस्ट घृणित और विवादासपद है. संजीव वर्मा ने खेमका के ख़िलाफ़ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 और 125 के साथ-साथ IPC की धारा 153 (A) के तहत कार्रवाई की मांग की है.
क्या है रॉबर्ट वाड्रा लैंड डीलदरअसल, रॉबर्ट वाड्रा और प्रमुख भारतीय रियल एस्टेट डेवलपर DLF के बीच फ़रवरी 2008 में एक सौदा हुआ. रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के मानेसर-शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज़ से क़रीब 3.5 एकड़ ज़मीन खरीदी. 7.5 करोड़ रुपये में. इसके बाद प्लॉट का म्यूटेशन अगले ही दिन स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के पक्ष में कर दिया गया. साथ ही, ख़रीदी के 24 घंटे के अंदर ज़मीन क मालिकाना हक़ रॉबर्ट वाड्रा को ट्रांसफर कर दिया गया. इसके एक महीने बाद हरियाणा सरकार ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को अधिकांश ज़मीन पर एक आवास प्रोजेक्ट डेवलप करने की मंजूरी दे दी. इससे ज़मीन के क़ीमतों में तत्काल वृद्धि हुई. तब हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा वाली कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी. इसके बाद जून 2008 में DLF 58 करोड़ रुपये में प्लॉट खरीदने के लिए सहमत हो गया. इसका मतलब था कि कुछ ही महीनों में वाड्रा की संपत्ति में 700% की बढ़ोतरी हो गई. वाड्रा को कई किश्तों में भुगतान किया गया.
ये भी पढ़ें - IAS अशोक खेमका का ये एक लाइन का ट्वीट सीएम खट्टर को अच्छा नहीं लगेगाबता दें कि संजीव वर्मा 2004 बैच के IAS अफसर हैं. उन्हें हरियाणा सिविल सेवा से प्रमोट किया गया था. वो फ़िलहाल राज्य के रोहतक डिवीजन के आयुक्त और हरियाणा महिला विकास निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. जबकि 1991 बैच के IAS अफसर अशोक खेमका राज्य के मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव हैं. दोनों कई बार अलग-अलग मौक़ों पर आपस में भिड़ते रहे हैं.
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