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सब कहते थे 'तुम इंडियन दिखते हो', विदेशी टूरिस्ट ने ताजमहल वालों को चूना लगा दिया

जमील नाम के विदेशी टूरिस्ट ने ताजमहल में बस एक शब्द बोला और होशियारों को चकमा दे डाला.

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50 रूपए में खरीदे टिकट के साथ जमील. Photo : Instagram
5 जनवरी 2024 (Updated: 5 जनवरी 2024, 15:24 IST)
Updated: 5 जनवरी 2024 15:24 IST
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‘Jamil.Gk - The Traveler’ नाम से अकाउंट है. @jamil.entertainment है Instagram हैंडल का पता. कौन हैं? विदेशी टूरिस्ट हैं. बहुत से देश घूमने जा चुके हैं. अब भारत आए. असल में किस देश से हैं, प्रोफाइल से पता नहीं चल पाया. शायद तुर्की के हैं, पर शायद में नहीं जाते, यही मानते हैं कि हमें सब कुछ नहीं पता. तो जमील जब भारत आए तो अक्सर लोग उनसे कहते कि वो तो इंडियन दिखते हैं. कई तो उनसे हिंदी में बात करने की कोशिश भी करते. जमील ने लोगों के इसी धोखे को एक नया एक्सपीरियंस लेने और पैसे बचाने के लिए इस्तेमाल किया. ताजमहल पहुंचे. विदेशी टूरिस्ट की जगह, भारतीयों को मिलने वाला टिकट खरीदा और पैसे बचा लिए. 

इतना तो आपको पता ही होगा कि पर्यटक स्थलों में भारतीयों और विदेशियों को मिलने वाले टिकट के दाम अलग-अलग होते हैं. ताजमहल का जो टिकट आपको 50 रुपये में मिलता है, विदेशियों को वही 1100 में मिलता है. SAARC या BIMSTEC देशों के नागरिक हुए तो 540 रुपये में.

जमील ने अपने वीडियो में जो बताया उसके अनुसार, उन्होंने भारतीयों जैसे दिखने का फायदा टिकट खरीदते समय उठाने का मन बनाया. वो टिकट खरीदते समय बहुत उत्साहित थे, क्योंकि खरीद ले जाते तो आती मौज़ और न खरीद पाते तो हो जाती बेइज्जती खराब. टिकट खिड़की पर पहुंचे तो दिमाग लड़ाया, सिर्फ एक शब्द बोले. 'टिकट' चालाकी काम आई, सामने से एक सवाल नहीं पूछा गया. और सिर्फ 50 रुपये में 1100 का काम हो गया. भारतीय नागरिकों वाला टिकट मिल गया. जमील कहते हैं, अब तो ये तय हो गया कि मैं भारतीय दिखता हूं. आगे बताया कि टिकट के दामों में 13 यूरो माने लगभग 1100 रुपये का अंतर था. अंत में कहते हैं, 'हबीबी, मैं इंडियन हूं.' वीडियो पर लिखा मिलता है, ‘भारतीय अफसर इस ट्रिक से नफरत करेंगे.’ पोस्ट पर अब तक 41 हजार लाइक आए और आठ लाख से ज़्यादा लोग ये वीडियो देख चुके हैं.

जो हुआ वो कानूनन तो सही नहीं था लेकिन गलती टिकट देने वाले की थी, अगले ने पैसे भी बचा लिए और इतने जुगाड़ के बाद थोड़ी छूट के साथ वेल प्लेड कह भारतीय कहा जाना तो बनता है. आम आदमी देखता है कि प्रत्यक्ष नुकसान उसे नहीं सिस्टम को हुआ है तो उसे भी मजा आ ही जाता है. 

लोगों ने लिखा, 'भाई ने रेसिज्म का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर लिया.' 

कोई बोला, 'भाई तू इंडियन ही है, बस तुझे पता नहीं है.' 

किसी का कहना था, 'तुम भारतीयों से ज़्यादा भारतीय दिखते हो.' 

एक यूजर ने लिखा, 'उम्मीद करता हूं, अब अथॉरिटीज तुम पर नियम तोड़ने के लिए फाइन न लगा दें.'

एक यूजर ने विदेशियों से ज़्यादा पैसे लेने पर सवाल खड़ा किया कि 'मुझे फॉरेनर्स से ज़्यादा पैसे लेने का लॉजिक कभी नहीं समझ आया. अच्छा काम किया हबीबी. मैंने देखा है कई तुर्क भारतीय लगते हैं. अपनी यात्रा के मजे लो.'

नियम-क़ानून से परे एक रेबेल किस्म का कमेंट आया कि 'तुम्हें पता है कि तुम ज़्यादा भारतीय हो. इसलिए नहीं कि तुम दिखते हो, इसलिए कि तुम्हें सिस्टम से खेलना आता है.'

आपको क्या लगता है, सिस्टम को धता बताकर जमील ने सही किया या ग़लत. हमें कमेंटबॉक्स में बताइए.

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