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इतिहास में पहली बार 1 डॉलर का भाव 81 रुपए आकंड़ा पार कर गया

भारत को कच्चे तेल जैसी चीज़ों के लिए पहले से ज़्यादा पैसे देने पड़ेंगे.

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indian rupees doller
सांकेतिक फोटो (साभार: आजतक)
26 सितंबर 2022 (Updated: 26 सितंबर 2022, 23:51 IST)
Updated: 26 सितंबर 2022 23:51 IST
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आज बात करते हैं रूपये की. जी हां, आपने ठीक गेस किया. आज रुपये ने एक बार फिर गिरकर इतिहास रच दिया. आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार 1 डॉलर का भाव 81 रुपए 66 पैसे तक पहुंच गया. दरअसल अमेरिका में महंगाई काबू करने के लिए वहां का फेडरल रिज़र्व ब्याज दरें बढ़ा रहा है. सो दुनिया भर में डॉलर खरीदने की होड़ मची हुई है. क्योंकि लगभग पूरा अंतरराष्ट्रीय कारोबार डॉलर में ही होता है. इस होड़ के चलते डॉलर की कीमत दुनिया की लगभग सभी मुद्राओं के मुकाबले बढ़ रही है. लेकिन सब कमज़ोर तो रुपया कमज़ोर वाले तर्क में एक काम की बात छिप जाती है. इस बात का बड़ा प्रचार किया जाता है कि रुपया गिरने में कोई समस्या इसीलिए नहीं है, क्योंकि भारतीय निर्माताओं को इससे फायदा ही होता है. और इसके लिए उदाहरण दिया जाता है चीन, जापान जैसे देशों का. लेकिन मुद्रा कमज़ोर होने का असर भारत पर बिलकुल उलटा होता है. क्योंकि भारत एक नेट इंपोर्टर है. माने हम जितना निर्यात नहीं करते, उससे कहीं ज़्यादा आयात करते हैं. इतना ही नहीं, कोविड रिकवरी के तमाम दावों के बावजूद हमारा व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है. माने निर्यात और आयात के बीच की खाई बड़ी होती जा रही है.

इसीलिए रुपये के कमज़ोर होने से नुकसान ही ज़्यादा है. भारत को कच्चे तेल जैसी चीज़ों के लिए पहले से ज़्यादा पैसे देने पड़ेंगे. माने भारत में महंगाई और बढ़ सकती है. इसी महीने के आखिर में भारतीय रिज़र्व बैंक मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक करने वाला है. खुदरा महंगाई 9 महीनों से 6 फीसदी के पार चल रही है, जबकि RBI का काम है इसे 4 फीसदी के आसपास रखना. इसीलिए जानकार ये तय मानकर चल रहे हैं कि बैंक इस बैठक के बाद भी रेपो और रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोत्तरी करेगा. रेपो रेट माने वो दर, जिसपर आपके बैंक RBI से कर्ज़ लेते हैं. और रिवर्स रेपो रेट माने वो दर, जिसपर RBI आपके बैंकों से कर्ज़ लेता है. मई 2022 से लेकर अब तक RBI रेपो रेट को 1.40 फीसदी बढ़ा चुका है. अब अगर इसमें और बढ़ोत्तरी होगी, तो आपके घर या कार की किस्त कुछ और महंगी हो सकती है.

आज DAP भी ख़बरों का हिस्सा था. खेती वाला DAP नहीं, राजनीति वाला. ठीक एक महीने पहले एक बेहद तीखे खत के साथ कांग्रेस छोड़ने वाले ग़ुलाम नबी आज़ाद ने ''डेमोक्रैटिक आज़ाद पार्टी'' नाम से अपना अलग दल लॉन्च कर दिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने नई पार्टी का झंडा भी लहराया. और ऐलान किया कि पार्टी कम से कम 50 फीसदी टिकट महिलाओं और नौजवानों को देगी. जम्मू कश्मीर में परिसीमन लगभग पूरा हो गया है. प्रबल संभावना है कि जैसे ही औपचारिकताएं पूरी होंगी, विधानसभा के चुनाव करवा लिए जाएंगे. ऐसे में आज़ाद को जल्द से जल्द अपनी पार्टी को पंजीकृत करवाना होगा और संगठन का काम देखना होगा. इसीलिए आज़ाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा भी कि वो अब दिल्ली में कम और जम्मू-कश्मीर में ज़्यादा रहेंगे.

जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसी पार्टियां अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने को एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में हैं. ऐसे में पत्रकारों ने अनुच्छेद 370 पर आज़ाद से भी सवाल किया. आज़ाद आज भले कह रहे हैं कि मोदी साहब पर कोई इंफ्लूएंस नहीं है. लेकिन वो दृष्य कौन भूल सकता है, जब राज्यसभा में आज़ाद की विदाई के वक्त प्रधानमंत्री का गला रुंध गया था.

आज जैकलीन फर्नांडिस को दिल्ली की एक अदालत से अंतरिम ज़मानत मिल गई. सुकेश चंद्रशेखर नाम के एक ठग ने फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिवेंदर सिंह की पत्नी से 200 करोड़ की ठगी की. इतनी बड़ी रकम का मामला था तो प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच अपने हाथ में ली. और सुकेश होते हुए ED जैकलीन तक पहुंची, जिनपर सुकेश से महंगे तोहफे लेने का आरोप है. इस मामले में जैकलीन और नोरा फतेही से दिल्ली में लंबी पूछताछ हो चुकी है. ED का कहना है कि जैकलीन ने तोहफे लेने की बात कबूल की है. दूसरी तरफ जैकलीन ने अपने बचाव में दावा किया है कि उन्हें सुकेश की सच्चाई मालूम नहीं थी और वो भी ठगी का शिकार हुई हैं. सच्चाई जो भी हो, ED ने अपनी पूरक चार्जशीट में जैकलीन को आरोपी माना है. और इसका संज्ञान न्यायालय ने ले लिया है. इसीलिए जैकलीन के लिए बेल लेना ज़रूरी हो गया था,जो आज उन्हें मिल गई. जैकलीन को 50 हज़ार रुपये के निजी बॉन्ड पर बेल दी गई है. मामले की अगली सुनवाई होगी 22 अक्टूबर को.

अब बात करते हैं आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान की. दिल्ली वक्फ बोर्ड मामले में उन्हें आज 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के 32 कर्मचारियों को मार्च 2019 से मार्च 2021 के बीच अवैध तरीके से 3 करोड़ 20 लाख रुपए दिए. 16 सितंबर को ACB ने अमानतुल्लाह से जुड़ी चार जगहों पर छापा मारा था. ACB के मुताबिक इस दौरान 24 लाख कैश के साथ साथ गैर लाइसेंसी हथियार भी मिले, जिसके बाद खान को गिरफ्तार किया गया. खान पांच दिन पुलिस कस्टडी में बिता चुके हैं. और अब दो हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहेंगे. उनकी बेल याचिका भी लंबित है, जिसे अदालत 27 सितंबर को सुनने वाली है.

बात करते है अब चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी MMS कांड की. आज आरोपियों की रिमांड समाप्त हो गई. और रिमांड के दौरान मामले में कहानी हर दिन बदलती रही है. ये कहानी आज जहां पहुंची है, हम इंडिया टुडे संवाददाता मंजीत सहगल के हवाले से आपको बता रहे हैं. पुलिस ने अरुणाचल प्रदेश से संजीव सिंह नाम के एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया है, जो सेना में पदस्थ है. संजीव और आरोपी छात्र की पहचान सोशल मीडिया पर हुई थी, जिसके बाद वो दोनों आपस में बात करने लगे. पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि छात्रा ने संजीव को कोई वीडियो भेजे थे या नहीं. दरअसल अब ये बात सामने आई है कि जब हॉस्टल मैनेजर आरोपी छात्रा से पूछताछ कर रही थी, उस दौरान जिस शख्स के मैसेज लगातार आ रहे थे, वो वास्तव में संजीव सिंह था. और छात्रा ने संजीव से ही कहा था कि तस्वीरें और वीडियो मांगकर तुमने मुझे मुसीबत में डाल दिया. इसी चैट की तफ्तीश के बाद पुलिस सूत्रों ने ये दावा किया था कि छात्रा ब्लैकमेल की शिकार हो रही थी. उसे धमकी मिली थी कि वो अगर अपने और दूसरी छात्राओं के वीडियो नहीं बनाएगी, तो उसकी प्राइवेट तस्वीरें और वीडियो लीक कर दिए जाएंगे.

आरोपी छात्रा ने संजीव का नंबर सेव करते हुए तस्वीर रंकज वर्मा की लगाई थी. रंकज ने यही कहते हुए बेल याचिका भी लगाई है कि वो आरोपियों को नहीं जानता और उसे बस तस्वीर के चलते पकड़ा गया. पुलिस फिलहाल छात्रा और दूसरे आरोपियों से बरामद फोन्स और लैपटॉप आदि की फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने का इंतज़ार कर रही है. इसके आने पर साफ हो पाएगा कि क्या किसी दूसरी छात्रा का वीडियो बनाया गया था? जैसे जैसे जांच आगे बढ़ेगी, ये भी साफ हो जाएगा कि सनी मेहता, रंकज वर्मा और संजीव सिंह की भूमिका क्या थी और कितनी थी.

आख़िरी में बात करते हैं भारत सरकार की उस कार्रवाई की, जिसमें 10 यूट्यूब चैनलों के 45 वीडियो भारत में ब्लॉक करवाए गए हैं. सरकार नियमित रूप से ये कार्रवाई करती है. लेकिन इस बार वाली कार्रवाई इसीलिए चर्चा में है क्योंकि दो चर्चित ब्लॉगर्स के वीडियो  भी ब्लॉक किए गये हैं - Get set fly FACT के गौरव और ध्रुव राठी. सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि वीडियो ब्लॉक करने का आदेश 23 सितंबर को ही जारी कर दिया गया था. और कुछ वीडियोज़ में भारत का नक्शा ठीक से इस्तेमाल नहीं किया गया था. मिसाल के लिए जम्मू कश्मीर और लद्दाख के हिस्सों को भारत से बाहर दिखाना.

दी लल्लनटॉप शो: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी 'MMS कांड' मामले में कब क्या हुआ, जानिए

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