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बच्चे को अगवा कर अटैची में बंद किया, दम घुटने से मौत, पुलिस ने सभी आरोपियों को गोली मार कर धरा

उत्तर प्रदेश के औरेया में 23 मार्च को जिस बच्चे को अगवा किया गया था, उसकी मौत हो गई है. 12 साल का सुभान एक जोहरी का बेटा था. पड़ोस के रहने वाले रियाज सिद्दीकी ने पैसों के लिए बच्चे को किडनैप कर बैग में डाल दिया था. दम घुटने से बच्चे की मौत हो गई.

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auraiya kidnapping and murder
मुठभेड़ स्थल पर SP चारू निगम. (फ़ोटो - सोशल)
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27 मार्च 2024
Updated: 27 मार्च 2024 14:36 IST
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उत्तर प्रदेश के औरैया ज़िले में शनिवार, 23 मार्च को एक जोहरी का बेटा अगवा हो गया था. नाम, सुभान. उम्र, 12 साल. घर के बाहर से कुछ लोग उसे उठा ले गए. अब ये लोग गिरफ़्तार कर लिए गए हैं. कुल आठ आरोपी थे. पुलिस ने सभी को पकड़ लिया है. मुठभेड़ में सभी के पांव में गोली लगी है. अस्पताल में इलाज चल रहा है. डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत स्थिर है.

कैसे अगवा हुआ बच्चा?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, बच्चा अपने घर के बाहर ही खेल रहा था. कुछ देर बाद जब वो दिखना बंद हो गया, तो उसके पिता मोहम्मद शकील ने एरवा कटरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला कि सुभान को आख़िरी बार उनके पड़ोसी रियाज़ सिद्दीक़ी के साथ देखा गया था. आस-पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि हाल के दिनों में रियाज़ अक्सर ही बच्चे के साथ दिखता था. पुलिस ने रियाज़ और उसके दोस्तों की तलाश की, मगर उनका पता नहीं चल सका. इसके बाद उनके कॉल रिकॉर्ड्स निकाले गए. मालूम हुआ कि वे औरैया से बाहर जा रहे थे. जांच के लिए कई पुलिस टीमें तैनात की गईं. आखिरकार पुलिस को उनकी लोकेशन दिल्ली के पास मिली.

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औरैया सर्कल अफ़सर अशोक सिंह ने मीडिया को बताया कि नोएडा और दिल्ली पुलिस की मदद से रविवार, 24 मार्च को एक आरोपी अवधेश कुमार मिश्रा को पकड़ लिया गया. उसने बताया कि बच्चा उसके तीन साथियों - जतिन दिवाकर, रवि कुमार और दीपक गुप्ता - के पास है. दिल्ली के पश्चिम विहार में.

फिर औरैया पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद ली. जतिन, रवि और दीपक को पकड़ लिया. वहीं उनकी कार से एक ट्रॉली बैग बरामद किया. जब बैग खोला गया तो उसमें सुभान का शव मिला. हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे. लड़के को फ़ौरन अस्पताल ले जाया गया. वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

औरैया एसपी चारू निगम ने बताया कि अपहरण करने के बाद आरोपियों ने बच्चे को एक ट्रॉली बैग में छिपा दिया था. दम घुटने से उसकी मौत पहले ही हो गई थी.

कैसे पकड़ा गया रियाज़?

दिल्ली में क़ानूनी प्रक्रिया पूरा कर चारों आरोपियों को वापस औरैया ले जाया गया. उन्होंने पुलिस के सामने रियाज़ और उसके तीन सहयोगियों - शोभन यादव, अंकित कुमार और आशीष मिश्रा - की संलिप्तता क़बूल की. साथ में ये भी बताया कि चारों अभी औरैया में ही हैं.

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रियाज़ और उसके तीन साथियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने प्लान बनाया. उन्होंने गिरफ़्तार आरोपियों से कहा कि रियाज़ को फ़ोन करें कि उन्हें फ़िरौती की रक़म मिल गई है और वो पैसा लेने आ जाए. रियाज़, शोभन, अंकित और आशीष मौक़े पर पहुंचे. मगर उन्हें भनक लग गई कि पुलिस वहां है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पुलिस टीम पर फ़ायरिंग कर दी. स्थिति का फ़ायदा उठाकर अवधेश, जतिन, रवि और दीपक ने पुलिस की गिरफ़्त से भागने की कोशिश की. सो पुलिस ने उन पर भी गोलियां चलाईं. गोलीबारी में सभी आठ आरोपियों के पैर में गोली लगी और उन्हें पकड़ लिया गया.

फ़िलवक़्त वो एक अस्पताल में अपने घावों का इलाज करवा रहे हैं.

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