बाबिल ने कला में सिंगर मास्टर मदन से प्रेरित रोल किया, जानिए असली कहानी
उनकी मृत्यु पर, शिमला बंद हो गया और उनकी अंतिम यात्रा में उनके साथ एक विशाल जनसमूह आया.
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मास्टर मदन एक बाल कलाकार थे जिनकी मृत्यु 14 साल की छोटी उम्र में हो गई थी. उन्होंने केवल कुछ गीत गाए जो चिरस्थायी हैं और पूर्णता में सन्निहित हैं. अपने जीवनकाल में उन्होंने केवल 8 गाने रिकॉर्ड किए. ये हैं मशहूर गाने उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से तब गाया जब वे साढ़े तीन साल के थे, धरमपुर अस्पताल द्वारा आयोजित एक रैली में. उन्हें वहीं और फिर कई गोल्ड मेडल दिए गए. वह एक प्रसिद्ध रेडियो गायक थे, जो मुख्य रूप से अलीपुर रोड पर दिल्ली रेडियो स्टेशन पर गाते थे. लेकिन कुछ प्रदर्शन के बाद वह बीमार रहने लगे. 1942 की गर्मियों में वे शिमला गए, जहाँ उनका माथा और जोड़ असामान्य रूप से चमकने लगे. देखिए वीडियो.