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अनुराग ठाकुर के ही इलाके में BJP हारी, इस नेता ने सबको धूल चटा दी!

किसी ने नहीं सोचा था कि ऐसा होगा!

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Ashish Sharma Hamirpur
आशीष शर्मा और अनुराग ठाकुर (साभार: Facebook\Ashish Sharma)
8 दिसंबर 2022 (Updated: 8 दिसंबर 2022, 21:53 IST)
Updated: 8 दिसंबर 2022 21:53 IST
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हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर विधानसभा सीट (Hamirpur assembly seat) पर एक बड़ा उलटफेर हुआ है. इस सीट से बीजेपी के मौजूदा विधायक नरेंद्र ठाकुर को हार मिली है. हमीरपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले आशीष शर्मा (Ashish Sharma) जीत गए हैं. आशीष शर्मा ने कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पेंद्र ठाकुर को 12899 वोटों से हराया है. बढ़त बनाने के बाद आशीष शर्मा ने मीडिया से कहा कि वे चुनाव नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई (पार्टी) उनसे संपर्क करेगा तो वो इसकी जानकारी देंगे.

आशीष शर्मा कंस्ट्रक्शन के कारोबारी है. हमीरपुर के ही रहने वाले हैं. पहले बीजेपी से टिकट मांगने गए लेकिन नहीं मिला. अनुराग ठाकुर और जेपी नड्डा से मिले फिर भी बात नहीं बनी. फिर कांग्रेस से भी टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी आश्वासन देने के बाद भी नहीं मानी. शर्मा ने हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला से भी मुलाकात की थी. लेकिन फिर भी टिकट नहीं मिला. इसके बाद वो निर्दलीय चुनाव लड़ गए.

आशीष ‘गऊ सेवा आयोग’ नाम से एक संगठन चलाते हैं. साल 2009 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद कारोबार में लग गए. आशीष शर्मा ने अपनी एक वेबसाइट बना रखी है. इसके मुताबिक, उन्होंने साल 2010 में आवारा पशुओं की देखरेख का काम भी शुरू किया. दावा है कि कोविड-19 महामारी में लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अपने इलाके में राशन, सैनिटाइजर दूसरी जरूरत की चीजों को बांटकर गरीब लोगों की मदद की. इससे लोगों के बीच चर्चा में आए.

अनुराग ठाकुर का संसदीय क्षेत्र

हमीरपुर बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर का संसदीय क्षेत्र भी है. उनके पिता और पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल इस सीट से 2012 में विधायक बने थे. इसलिए बीजेपी के लिहाज से महत्वपूर्ण सीट मानी जा रही थी. बीजेपी ने मौजूदा विधायक नरेंद्र ठाकुर पर भरोसा जताकर उन्हें दोबारा उम्मीदवार बनाया. वहीं कांग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा पूर्व मंत्री रणजीत सिंह वर्मा के बेटे हैं. हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं.

पिछले चुनाव में नरेंद्र ठाकुर ने कांग्रेस के कुलदीप सिंह पठानिया को हराया था. बीजेपी साल 2007 से लगातार इस सीट पर जीतती आई थी. 1977 के बाद कांग्रेस सिर्फ एक बार 2003 में विधानसभा चुनाव जीती (अनिता वर्मा) थी. हालांकि अनिता वर्मा ने 1995 में इस सीट से उपचुनाव भी जीता था.

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