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राहुल गांधी की खूब तारीफ की, कांग्रेस से लड़े, जिग्नेश मेवाणी का क्या हुआ?

पिछली बार वडगाम से निर्दलीय विधायक चुने गए थे जिग्नेश मेवाणी.

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Jignesh Mevani Vadgam result 2022
जिग्नेश मेवाणी. (फाइल फोटो: PTI)
8 दिसंबर 2022 (Updated: 8 दिसंबर 2022, 19:02 IST)
Updated: 8 दिसंबर 2022 19:02 IST
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गुजरात के बनासकांठा जिले की वडगाम (Vadgam) विधानसभा सीट पर जिग्नेश मेवाणी ने जीत दर्ज की है. मेवाणी ने इस सीट पर दूसरी बार जीत दर्ज की है. पिछली बार 2017 के चुनाव में भी जिग्नेश मेवाणी ने वडगाम सीट जीती थी. हालांकि, तब मेवाणी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और इस बार वे कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे.

वडगाम में कांग्रेस और BJP के बीच रही कड़ी टक्कर

इस सीट पर कांग्रेस और BJP के बीच कड़ी टक्कर रही. शुरुआती रुझान में बीजेपी (BJP) की ओर से चुनावी मैदान में उतरे मणिभाई जेठाभाई वाघेला आगे चल रहे थे. एक वक्त पर जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani), वाघेला से 1087 वोटों से पीछे हो गए थे. हालांकि, आखिर में मेवाणी आगे निकल गए. मेवाणी ने मणिभाई जेठाभाई वाघेला को 4,928 वोटों से हराया है. 

चुनाव आयोग के मुताबिक मेवाणी को इस चुनाव में कुल 94,765 वोट मिले हैं. वहीं दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी के मणिभाई जेठाभाई वाघेला को 89,837 वोट मिले हैं. वडगाम सीट पर AAP की ओर से दलपत भाटिया को टिकट मिला था. AAP के दलपत भाटिया को मात्र 4,493 वोट मिले हैं. यहां दूसरे फेज में, यानी 5 दिसंबर को वोटिंग हुई थी.

2017 में क्या हुआ था?

जिग्नेश मेवाणी 2017 में वडगाम सीट पर निर्दलीय विधायक बने थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें अपना समर्थन दिया था. मेवाणी ने भारतीय जनता पार्टी के चक्रवर्ती विजयकुमार हरखाभाई को 19,696 वोटों के अंतर से हराया था. मेवाणी को इस चुनाव में 95,497 वोट मिले थे. 

इस बार BJP के टिकट पर वडगाम से चुनाव लड़ने वाले मणिभाई जेठाभाई वाघेला 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी थे. तब मणिभाई जेठाभाई वाघेला ने वडगाम सीट पर BJP के फकीरभाई राघाभाई वाघेला को 21,839 वोटों के मार्जिन से हराया था.

कांग्रेस में क्यों आए जिग्नेश?

दी लल्लनटॉप के प्रोग्राम 'जमघट' में जिग्नेश मेवाणी से सवाल पूछा गया था कि उन्होंने बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस को ही क्यों चुना. इस सवाल का जवाब देते हुए जिग्नेश ने कहा था,

कांग्रेस में जाने से पहले मेरी राहुल गांधी से कुछ मुलाकातें हुई थीं. तब मुझे तीन बातों का पता लगा, या कहें तो तीन चीजों का आइडिया लग गया. पहला कि राहुल गांधी व्यक्तिगत मीटिंग में या सार्वजनिक मंच के प्लेटफार्म से कभी झूठ नहीं बोलेंगे. इस तरह की फीलिंग मुझे इस मुल्क के किसी भी दल के मेनस्ट्रीम के अन्य नेता के बारे में नहीं आई. राहुल गांधी को लेकर दूसरी बात ये कि वो व्यक्तिगत तौर पर आपको और इस मुल्क की जनता को कभी धोखा नहीं देंगे. उन्हें लेकर एक फीलिंग ये भी आई कि ये आदमी सच में उदारवादी और डेमोक्रेटिक है. और कांग्रेस के अंदर मुझे दलितों, आदिवासियों, मजदूरों और अल्पसंख्यकों के सवाल पर बोलने की हमेशा आजादी देगा.

जिग्नेश मेवाणी के मुताबिक राहुल गांधी को लेकर ये भावना ही उन्हें कांग्रेस में लेकर आई.

वीडियो- जमघट: जिग्नेश मेवाणी ने बताया कांग्रेस कैसे करेगी गुजरात फतह, कैसी है राहुल के साथ केमिस्ट्री?

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