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अवैध खनन के 9 मामलों में आरोपी जनार्दन रेड्डी की BJP में वापसी

G Janardhan Reddy साल 2022 में KRPP पार्टी बनाकर BJP से अलग हो गए थे. अब उन्होंने कहा है कि Amit Shah के कहने पर उन्होंने भाजपा जॉइन कर लिया है.

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G Janardhan Reddy
जनार्दन रेड्डी भाजपा में शामिल हो गए हैं. (तस्वीर साभार: PTI)
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26 मार्च 2024 (Updated: 26 मार्च 2024, 13:02 IST)
Updated: 26 मार्च 2024 13:02 IST
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कर्नाटक (Karnataka) के विधायक और खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी (G Janardhan Reddy) की BJP में वापसी हो गई है. रेड्डी गंगावती निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं. लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने 25 मार्च को अपनी पार्टी का विलय BJP में कर दिया है. उनकी पार्टी का नाम था- कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (KRPP). 2022 में उन्होंने बीजेपी से अलग होकर KRPP पार्टी बनाई थी. रेड्डी पर 9 CBI मामले चल रहे हैं. 2008 से 2013 के बीच हुए अवैध खनन से जुड़े इन मामलों में CBI ने उन्हें आरोपी बनाया है.

BJP में शामिल होने के बाद रेड्डी ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने भाजपा को सपोर्ट करने की बात की थी. लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह KRPP पार्टी के विलय पर जोर दे रहे थे. रेड्डी ने कहा कि शाह ने उनसे कहा कि बाहरी समर्थन का सवाल ही नहीं उठता.

बकौल रेड्डी, गृह मंत्री ने उन्हें याद दिलाया कि उनका राजनीतिक जन्म भाजपा से ही हुआ है. और उन्होंने रेड्डी से पार्टी में वापस आने के लिए कहा. उन्होंने बताया कि इससे पहले कुछ कारणों से उन्हें भाजपा से बाहर होना पड़ा था.

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कौन हैं Janardhan Reddy?

इंडियन एक्सप्रेस के जॉनसन टीए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रेड्डी की पहचान शेड्यूल कास्ट के एक नेता और खनन क्षेत्र के एक दिग्गज के रूप में थी. 2004 से 2013 तक उत्तरी कर्नाटक के बेल्लारी, रायचूर और कोप्पल जिलों में भाजपा की सफलता में रेड्डी को एक प्रमुख कारण माना जाता है. लेकिन फिर एक खनन घोटाले ने उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं.

2008 से 2013 के दौरान दक्षिणी भारत के किसी राज्य में पहली बार भाजपा की सरकार रही. जनार्दन रेड्डी के भाई सोमशेखर रेड्डी तब विधायक थे और जनार्दन के एक दूसरे भाई जी करुणाकर रेड्डी सांसद थे. इन तीनों पर आरोप लगे कि इन्होंने जंगलों के साथ प्राइवेट और सरकारी कंपनियों की लौह अयस्क खदानों से अवैध रूप से लौह अयस्क हड़प लिया.

कर्नाटक लोकायुक्त ने 2010-11 में इस मामले में जाच की. जांच में आरोप लगा कि इन्होंने 2006 से 2011 के बीच राज्य से 12,228 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के लौह अयस्क को अवैध रूप से बेच दिया. सितंबर 2011 में CBI ने जनार्दन रेड्डी को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया. रेड्डी को लगभग एक साल तक जेल में रहना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के बल्लारी क्षेत्र में रेड्डी के प्रवेश पर रोक लगा दिया था.

2011 से ही भाजपा ने धीरे-धीरे रेड्डी से दूरी बनानी शुरू कर दी थी. फिर 2022 में उन्होंने अपनी पार्टी बनाई और आधिकारिक रूप से BJP से अलग हो गए.

रेड्डी कांग्रेस के भी संपर्क में रहे. इसी साल फरवरी महीने में काग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए रेड्डी का समर्थन मांगा था.

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