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RBI ने आपकी EMI और बढ़ाने का इंतजाम कर दिया, रेपो रेट में हुई बढ़ोतरी

RBI की मौद्रिक पॉलिसी कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है.

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करेंसी (सांकेतिक तस्वीर)
7 दिसंबर 2022 (Updated: 7 दिसंबर 2022, 11:09 IST)
Updated: 7 दिसंबर 2022 11:09 IST
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एक बार फिर आपके होम लोन (Home Loan) और कार लोन (Car Loan) समेत सभी तरह के कर्ज की EMI का बोझ बढ़ने जा रहा है. RBI ने इसका इंतजाम कर दिया है. उसने अपनी मौद्रिक पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट बढ़ाने का फैसला लिया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में तीन दिन तक चली MPC की मीटिंग के नतीजे बुधवार, 7 दिसंबर को सुबह-सुबह सामने आ गए. RBI गवर्नर ने बताया कि महंगाई के दबाव को देखते हुए एक बार फिर रेपो रेट में 0.35 फीसदी की वृद्धि की जा रही है.

इस फैसले से आने वाले समय में होम, ऑटो, पर्सनल सहित सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. इससे पहले RBI ने मई, जून, अगस्त और सितंबर यानी चार बार में रेपो रेट में कुल-मिलाकर 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. और आज लगातार पांचवीं बार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में वृद्धि कर दी. इस तरह से अब रिजर्व बैंक का प्रभावी रेपो रेट 6.25 फीसदी हो गया है. कोरोना महामारी के बढ़ते संकट को देखते हुए RBI ने मार्च, 2020 में रेपो रेट को घटा दिया था. लेकिन 4 मई, 2022 को करीब दो साल बाद 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.

हालांकि आपके लिए एक राहत की बात भी है. रेपो रेट बढ़ने का असर आपके सेविंग बैंक अकाउंट और एफडी पर भी पड़ेगा. बैंक आपके सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर बढ़ा सकते हैं. एक्सपर्ट की मानें तो महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट बढ़ाने के अलावा RBI के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था. रेपो रेट की बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए RBI गवर्नर ने यह भी कहा कि अगले चार महीनों में महंगाई दर चार फीसदी से ऊपर बने रहने की संभावना है.

एमपीसी बैठक में शामिल 6 सदस्‍यों में से 4 सदस्‍यों ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में वोट किया है. उनका मानना था कि महंगाई के काबू में आने तक ब्‍याज दरों को ऊपर रखना जरूरी है. भारत में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी खुदरा महंगाई अब भी 6 फीसदी के ऊपर बनी हुई है जोकि RBI की तय लिमिट से ज्यादा है. RBI गवर्नर ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ 6.8% रह सकती है.

क्या है Repo Rate?  
रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर RBI बैंकों को कर्ज देता है. रेपो रेट बढ़ने का सीधा मतलब है कि RBI से बैंकों को महंगा कर्ज मिलेगा. ऐसे में बैंक भी अपने ग्राहकों को महंगा लोन बांटेंगे.

महंगाई काबू करने के लिए RBI ने बढ़ाई रेपो दर, अब आप ब्याज देते थक जाएंगे

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