फाइबर जरूरी लेकिन कितना?

19 Sept 2024

Author: Shivangi

जब भी कब्ज़ की शिकायत होती है. पेट साफ़ नहीं होता. तब फाइबर से भरपूर चीज़ें खाने को कहा जाता है. जो हाज़मा सुधारने में भी मदद करता है. 

फाइबर 

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फाइबर से पेट में जो गुड बैक्टीरिया हैं, उन्हें पोषण मिलता है. वज़न भी कंट्रोल होता है. लेकिन, कई बार ज़्यादा फाइबर से पेट में गैस भी बनने लगती है.

गुड बैक्टीरिया 

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डॉक्टर के अनुसार फाइबर दो तरह का होता है. एक, सॉल्यूबल फाइबर. जो सेब, गाजर और ओट्स में होता है. दूसरा, इनसॉल्यूबल फाइबर. जो नट्स, बीन्स, आलू और फूलगोभी में पाया जाता है. 

सॉल्यूबल फाइबर

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सॉल्यूबल फाइबर पानी में घुल जाता है. और जेल जैसा पदार्थ बना लेता है. वहीं, इनसॉल्यूबल फाइबर पानी में नहीं घुलता. 

कैसे काम करता है 

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सॉल्यूबल फाइबर बड़ी आंत में जाकर फर्मेंट होता है. यानी उसमें कई तरह के केमिकल बदलाव होते हैं. जो गैस का कारण बनता है. 

फर्मेंट

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अगर सिर्फ एक ही तरह का फाइबर खाया जाए मतलब सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल फाइबर के बीच बैलेंस न हो. तो भी गैस की दिक्कत हो सकती है. हर फाइबर एक जैसा नहीं होता.

गैस की दिक्कत

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अगर हम सब्ज़ियां खा रहे हैं तो उसके साथ में रागी-बाजरा भी खाना चाहिए. ऐसा करने से दोनों तरह के फाइबर के बीच एक बैलेंस बना रहेगा. 

बैलेंस 

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इसके अलावा अधिक मात्रा में पानी पीना भी बहुत जरूरी है. इससे बॉडी हाइड्रेटेड रहेगी. इसके अलावा अपनी डाइट में नींबू-पानी भी शामिल कर सकते हैं. नींबू में मौजूद एसिड फाइबर को तोड़ने में मदद करता है. 

पानी

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