हैप्पीनेस के मामले में
काफी पीछे भारत!

By Manasi Samadhiya

Publish Date: 20-03-2023

आज, यानि 20 मार्च को होता है 'वर्ल्ड हैप्पीनेस डे'. यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (UNGA) ने 2013 में इसकी शुरुआत की थी. 

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इस के लिए दुनिया के देशों की खुशहाली को अलग-अलग पैमानों जैसे GDP, सामाजिक समर्थन, स्वास्थ्य, जीने की स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार के आधार पर मापकर रैंक किया जाता है. 

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2022 की रिपोर्ट में 146 देशों की 'हैप्पीनेस' को रैंक किया गया था. इस सर्वे के दौरान पैंडेमिक के दौरान बनी स्थितियों और लोगों पर इसके प्रभाव को भी ध्यान में रखा गया.

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इस रिपोर्ट में पहली रैंक फिनलैंड ने अपने नाम की. फिनलैंड पिछले 5 सालों से हैप्पीनेस के मामले में नंबर 1 पर है. 

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लिस्ट में डेनमार्क दूसरे, आइसलैंड तीसरे, स्विट्जरलैंड चौथे और नीदरलैंड पांचवें स्थान पर है. फिनलैंड समेत ये दुनिया के 5 सबसे खुशहाल देश हैं. 

पिछले एक दशक में भारत वैश्विक मंच पर मजबूत हुआ है, हमारा देश सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. लेकिन खुशहाली के मामले में भारत की स्थिति खुश करने वाली नहीं है. 

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'वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट' की 146 देशों की लिस्ट में भारत 136वें स्थान पर है. नेपाल, चीन, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान भी भारत से आगे खड़े हैं. 

इस रिपोर्ट में अफगानिस्तान 146वीं रैंक के साथ सबसे खराब स्थिति में है. अफगानिस्तान को दुनिया का सबसे कम 'खुश' देश या सबसे दुखी देश माना गया है.

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