उत्तर प्रदेश में चाचा भतीजा अब तक मार मचाए हुए थे लेकिन आज अचानक शिवपाल बड़े दिलवाले होने की नाकाम कोशिश करने लगे. कहा मैं खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर करता हूं. लेकिन थोड़ी ही देर बाद दिल की भड़ास भी मंच पर ही निकल आई. हुआ ये कि आज लखनऊ में एक समारोह था. सपा की सिल्वर जुबली मनाई जा रही थी. मंच पर जनता परिवार के कई ऐसे पुराने दिग्गज जमा थे जो खुद हमेशा आपस में लड़ते रहे और कभी एक नहीं हो सके. लेकिन अखिलेश और शिवपाल को झगड़ा भूल कर एक होने की नसीहत देने में कोई किसी से पीछे नहीं रहना चाहता था.
समाजवादी पार्टी के सिल्वर जुबली समारोह के कर्ताधर्ता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर शिवपाल यादव थे लेकिन सबसे ज्यादा तालियां बटोरी अखिलेश यादव ने. पंडाल के भीतर भी शिवपाल और अखिलेश के समर्थक अलग अलग खेमों में बैठे थे. जितनी बार जिस नेता का नाम आता था उतनी बार उसके गुट के लोग तालियां बजाते थे.
इसमें दो अहम बातें हुईं –
1. पहले एकदम प्यार-मुहब्बत, बड़प्पन से.
शिवपाल ने कहा-
“खून मांगोगे तो खून दे देंगे, सीएम नहीं बनना. कितना भी अपमान कर लो,मैं जानता हूं अच्छा काम किया है.”
इससे पहले भी एक और रैली में शिवपाल ने अखिलेश की तारीफ करते हुए कहा था-
”अखिलेश यादव के नेतृत्व में रथ यात्रा बढ़ रही है और ये रथ यात्रा पूरे उत्तर प्रदेश में सन्देश देने का काम करेगी. हमारी सरकार ने चार साल में जो ऐतिहासिक काम किया है वो जनता तक पहुंचेगा. समाजवादी पार्टी के जो भी सिद्धांत हैं वो भी जन-जन तक पहुंचेंगे और मैं इस रथ यात्रा को अपनी तरफ से शुभकामनाएं देना चाहता हूं. अखिलेश यादव को भी शुभकामनायें देना चाहता हूं.”
समारोह में मुलायम को क्रेडिट देते हुए बोले कि नेता जी के संघर्षों की ही वजह से हम तीन बार सत्ता में आए. अखिलेश यादव की खूब तारीफ़ भी की. आगे कहा-
‘‘हम जानते हैं, हम लोगों के बीच घुसपैठिए घुस आए हैं, जो ऐसा माहौल पैदा करते हैं. उनसे सावधान रहने की ज़रुरत है.
अखिलेश ने अच्छा काम किया. मैं ये भी कहना चाहता हूं कि जो ज़िम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग की आपने दी थी उसमें भी अच्छा काम हुआ.”
शिवपाल ने ये भी कहा वो मुलायम के लिए कुछ भी कर सकते हैं. कहा,”हमें कोई भी कुर्बानी देनी पड़े, हम हमेशा नेताजी की आज्ञा का पालन करेंगे.”
बाद में भतीजे अखिलेश ने भी जवाब दिया. कहा ”किसी को परीक्षा देने की ज़रुरत नहीं है. किसी को परीक्षा देनी है तो मैं तैयार हूं. कुछ लोग सब सुनेंगे लेकिन पार्टी बिगाड़ने के बाद. आपने मुझे तलवार भेंट की है, और तलवार दोगे तो चलाएंगे ही.”
सबसे मजेदार नजारा वो था जब लालू यादव शिवपाल और अखिलेश दोनों को खींचकर साथ लाए और अगल-बगल खड़ा कर दिया. जब दोनों ने अपने हाथ में पकड़ी तलवार को हवा में उपर करके लहराया तो भीड़ ने खूब तालियां बजाई. अखिलेश, शिवपाल, लालू हाथ पकड़कर अभिवादन स्वीकार करते हैं. तलवार वगैरह लहराते हैं. और सबसे बड़ी बात, पल भर के लिए ही सही अखिलेश लपककर शिवपाल के घुटने छूते दिखते हैं.
#WATCH: Samajwadi Party Rajat Jayanti program underway in Lucknow, Uttar Pradesh. pic.twitter.com/Jp5drdrRYj
— ANI UP (@ANINewsUP) November 5, 2016
मुलायम फिर से वही बात दोहराते दिखे कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है. ये भी क्लियर कर दिया कि हम चुनाव जीतने के बाद अपना मुख्यमंत्री चुनेंगे. अखिलेश और शिवपाल एक दूसरे के बारे में बड़ा नपा-तुला बोल रहे थे.
2. फिर दिल की असली बात सामने आ गई
लेकिन इन सब के बीच एक और चीज हुई. शिवपाल का गुस्सा उबल पड़ा. पार्टी के नेता जावेद अबिदी बोल रहे थे खूब तेज तेज. अखिलेश के समर्थन में हुंकार भर रहे थे. चाचा झुलस गए. उठकर आए और अबिदी को भाषण के बीच में धकेल कर पीछे कर दिया. चाचा को अखिलेश की तारीफ़ बर्दाश्त नहीं हुई.
#WATCH Shivpal Singh Yadav shoves SP leader Javed Abidi on stage during the SP Rajat Jayanti program in Lucknow (UP) pic.twitter.com/mZx7ZvHx7L
— ANI UP (@ANINewsUP) November 5, 2016
दूसरे के बारे में जितना ऊपर-ऊपर अच्छा बोल लो, जो अन्दर दबा रहता है छलक ही आता है. चाचा शिवपाल के साथ भी यही हुआ. एक दूसरे को लेकर चाचा-भतीजा की ज़बानें तो साफ़ हो रही हैं, पता नहीं दोनों के दिल भी साफ़ हुए हैं या नहीं?
ये स्टोरी निशान्त ने की है.
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