ट्वीट 1
बड़ा दिलचस्प है ये देखना कि ‘प्रग्रेसिव’ डेमोक्रेट कांग्रेसविमिन, जो कि ऐसे मुल्कों से यहां आईं जहां की सरकारें बिल्कुल बर्बाद हैं, बदतर हैं, सबसे भ्रष्ट हैं और जिनमें कुछ अच्छा नहीं है (अगर वहां कोई काम करने वाली सरकार है भी तो).
So interesting to see “Progressive” Democrat Congresswomen, who originally came from countries whose governments are a complete and total catastrophe, the worst, most corrupt and inept anywhere in the world (if they even have a functioning government at all), now loudly……
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 14, 2019
ट्वीट 2
ये महिलाएं यहां आकर दुनिया के सबसे महान, सबसे ताकतवर देश अमेरिका से कहती हैं कि हमारी सरकार को कैसे काम करना चाहिए. वो वापस क्यों नहीं लौट जातीं? जिन बिल्कुल बर्बाद और अपराध से भरी जगहों से वो आई हैं, वहां जाकर चीजें ठीक करने में मद करें. फिर अमेरिका लौटकर आएं और हमें दिखाएं कि देश कैसे ठीक किया जाता है.
….and viciously telling the people of the United States, the greatest and most powerful Nation on earth, how our government is to be run. Why don’t they go back and help fix the totally broken and crime infested places from which they came. Then come back and show us how….
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 14, 2019
ट्वीट 3
उन जगहों को इनकी सख़्त ज़रूरत है. आपको बिना देरी किए फौरन लौट जाना चाहिए. मुझे यकीन है कि नैंसी पेलोस्की खुशी-खुशी इन लोगों के वापसी के सफ़र का इंतज़ाम कर देंगी.
….it is done. These places need your help badly, you can’t leave fast enough. I’m sure that Nancy Pelosi would be very happy to quickly work out free travel arrangements!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 14, 2019
किसके लिए लिखा है ट्रंप ने ये सब?
ये ट्वीट अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के हैं. वो जिन्हें अमेरिका से चले जाने को कह रहे हैं, वो चार महिलाएं हैं. चारों अमेरिकी कांग्रेस की चुनी हुई सांसद. चारों पहली बार सांसद बनी हैं. इन चारों के लिए अमेरिका में एक नाम चलता है- The Squad. या फिर The Progressive Squad. इन्हें निशाना बनाते हुए 14 जुलाई से 17 जुलाई के बीच ट्रंप ने कुल 28 ट्वीट किए. ट्रंप ने इन्हें यहूदी-विरोधी, इज़रायल विरोधी और अल-क़ायदा का समर्थक बताया है. ट्रंप का कहना है कि इन चारों के ‘ऑरिजनल’ देश चूंकि खुद बर्बाद हैं, इसलिए बेहतर होगा कि ये महिलाएं वहां लौट जाएं और चीजें सुधारने की कोशिश करें. न कि अमेरिका में बैठकर यहां की सरकार को उपदेश दें कि ये करना चाहिए, ऐसे करना चाहिए.
“We are more than four people. We ran on a mandate to advocate for and to represent those ignored, left out, and left behind. Our squad is big. Our squad includes any person committed to creating a more equitable and just world.” –@AyannaPressley pic.twitter.com/gBtzatOjWS
— Justice Democrats (@justicedems) July 15, 2019
चारों अमेरिकी नागरिक हैं, सांसद हैं
ट्रंप का कार्यकाल जनवरी 2021 में पूरा हो रहा है. नवंबर 2020 में अगले अमेरिकी राष्ट्रपति ये सारे ट्वीट्स, ये सारी बातें ट्रंप के चुनावी कैंपेन का हिस्सा हैं. वो दोबारा राष्ट्रपति बनना चाहते हैं. पहली बार राष्ट्रपति बनने के उनके जैसे मुद्दे थे- ऐंटी इमिग्रेशन, ऐंटी रिफ्यूजी वो सब इस बार भी फोकस में हैं. एक बार फिर ट्रंप सांस्कृतिक और नस्लीय फाड़ बनाने में जुट गए हैं. एक बार फिर वो ‘शुद्ध अमेरिकी ही सच्चा अमेरिकी’ वाली मानसिकता उछालने में लगे हैं. हालांकि इनमें से कुछ भी ऐसा नहीं, जो राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने होल्ड पर रख दिया हो. आयरनी ये है कि ट्रंप चारों को गैर-अमेरिकी बताने में जुटे हैं. जबकि चार में से तीन अमेरिका में ही पैदा हुईं. बस एक का ही जन्म अमेरिका से बाहर हुआ.
It’s day three of Trump attacking the progressive congresswomen. https://t.co/5R2gKvG08D
— VICE (@VICE) July 16, 2019
मगर ये चारों महिलाएं क्यों? क्योंकि-
चारों डेमोक्रैटिक पार्टी की हैं.
चारों अश्वेत हैं.
चारों अलग नस्ल से हैं. अल्पसंख्यक हैं.
चारों का परिवार मूल रूप से किसी और देश से आकर अमेरिका में बसा.
ट्रंप की नीतियों की आलोचना करती हैं.
सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं.
अमेरिका और इज़रायल के मौजूदा रिश्तों की आलोचना करती हैं.
पिछले चुनाव में इमिग्रेंट्स को निशाना बनाने पर ट्रंप को फायदा हुआ था. इस बार भी वो अपने विरोधियों को ‘ऐंटी-अमेरिका’ साबित करने की रणनीति पर चल रहे हैं. इसके लिए ट्रंप को ये चारों विपक्ष की ये चारों महिलाएं मुफ़ीद लगीं. क्योंकि इनका बैकग्राउंड ट्रंप के अजेंडे को सूट करता है.
कौन हैं ये चारों महिलाएं?
1. अलेक्जांड्रिया ओकासियो कोरटेज़
लोग इन्हें शॉर्ट में कहते हैं AOC. 29 साल की हैं. बारटेंडर रह चुकी हैं. अमेरिकी सेनेट की 100 में से 35 सीटों और हाउस ऑफ रेप्रेजेंटेटिव की सभी 435 सीटों पर नवंबर 2018 में चुनाव हुए. इसमें न्यू यॉर्क के 14वें कंग्रेशनल डिस्ट्रिक्ट की सीट से खड़ी हुईं अलेक्जांड्रिया. उनके मुकाबले में थे रिपब्लिकन पार्टी के जोसफ़ क्रोले. जोसफ़ 10 बार ये सीट जीत चुके थे. मगर इस बार अलेक्जांड्रिया उन्हें हराकर हाउस ऑफ रेप्रेजेंटेटिव पहुंचीं. वो अमेरिकी कांग्रेस में चुनकर आईं सबसे युवा महिला हैं.
अलेक्जांड्रिया का परिवार मूल रूप से प्योर्तो रिको का रहने वाला है. मगर अलेक्जांड्रिया के पिता और खुद अलेक्जांड्रिया, न्यू यॉर्क में पैदा हुए. हां, उनकी मां प्योर्तो रिको में पैदा हुई थीं. अलेक्जांड्रिया ‘डेमोक्रैटिक सोशलिस्ट्स ऑफ अमेरिका’ की भी सदस्य हैं. क्लाइमेंट चेंज और गरीबी खत्म करने पर काफी बोलती हैं. सबके लिए मेडिकेयर की बात करती है. न्यूनतम मज़दूरी 15 डॉलर प्रति घंटे तय करने और छात्रों द्वारा पढ़ाई के लिए गए लोन माफ़ करने जैसे मुद्दे भी उठाती हैं. ट्विटर पर 48 लाख के करीब फॉलोअर हैं उनके. कहती हैं कि आज के समय में कोई अमेरिकी इतना गरीब न हो कि जीना मुश्किल हो जाए उसके लिए.
You’re right, Mr. President – you don’t have a racist bone in your body.
You have a racist mind in your head, and a racist heart in your chest.
That’s why you violate the rights of children and tell the Congresswoman who represents your home borough, to “go back to my country.” https://t.co/adlCUO7r0v
— Alexandria Ocasio-Cortez (@AOC) July 16, 2019
2. रशिदा तलीब
फिलिस्तीनी मूल की अमेरिकी नागरिक हैं. नवंबर 2018 में हुए चुनावों में जीतकर अमेरिकी कांग्रेस पहुंचीं. इस मूल की पहली महिला हैं, जो अमेरिकी कांग्रेस के लिए चुनी गईं. बल्कि यहां पहुंचने वाली शुरुआती दो मुस्लिम महिलाओं में हैं. मिशिगन के 13वें कंग्रेशनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करती हैं.
रशिदा के माता-पिता फिलिस्तीन से आकर अमेरिका बस गए थे. उनके 14 बच्चे थे. सबसे बड़ी रशिदा. हाई स्कूल पहुंचने और कॉलेज से ग्रेजुएट होने वाली वो अपने परिवार की पहली सदस्य हैं. अलेक्जांड्रिया की तरह रशिदा भी सबके लिए स्वास्थ्य सुविधाएं, 15 डॉलर प्रति घंटे की न्यूनतम मज़दूरी, छात्र बिना कर्ज़ लिए पढ़ाई कर सकें जैसे प्रगतिशील मुद्दे उठाती हैं. इनकी तारीफ़ होती है, मगर आलोचनाएं भी हैं. जैसे- इज़रायल जिस तरह फिलिस्तीन का दमन करता है, उसके लिए इज़रायल पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने और उसका बायकॉट करने की उनकी बातें. और कांग्रेस में चुने जाने के बाद जब उन्होंने एक कार्यक्रम में उन्होंने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि हम वहां जाएंगे और उस मद…. पर महाभियोग चलाएंगे.
#13thDistrictStrong: I will #neverbackdown and no bully, even this racist President, will waiver the work we have to do for our residents of Wayne County. Together, we will fight back, speak truth to power, and become stronger for it. #rootedincommunity #BoostAct #JusticeforAll pic.twitter.com/XkAcPA3FlL
— Rashida Tlaib (@RashidaTlaib) July 14, 2019
3. अयाना प्रेसली
अयाना अमेरिकी कांग्रेस में मैसाचूसेट्स का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली अश्वेत महिला हैं. नवंबर 2018 के चुनाव में 7वें कंग्रेशनल डिस्ट्रिक्ट सीट से चुनाव जीतकर यहां पहुंची हैं. राजनीति में नई नहीं हैं. बोस्टन सिटी काउंसिल में रह चुकी हैं. वहां चुनी जाने वाली पहली अश्वेत महिला थीं ये. डेमोक्रैटिक पार्टी का एक प्रॉमिसिंग चेहरा मानी जाती हैं. ओबामा की तरह ये भी अफ्रीकी-अमेरिकी मूल की हैं.
अयाना के पिता लंबे समय तक जेल में थे. तो ज्यादातर परवरिश अकेले उनकी मां ने की है. रेप सर्वाइवर हैं. ट्रंप की इमिग्रेशन पॉलिसी के खिलाफ बोलती हैं. शरणार्थियों की स्थितियों का भी मुद्दा उठाती हैं.
THIS is what racism looks like. WE are what democracy looks like. And we’re not going anywhere. Except back to DC to fight for the families you marginalize and vilify everyday. pic.twitter.com/vYzoxCgN0X
— Ayanna Pressley (@AyannaPressley) July 14, 2019
Part of the #Squad? Raise your hand and tell this racist Administration to #CloseTheCamps: https://t.co/mwA2ELUElh
— Ayanna Pressley (@AyannaPressley) July 16, 2019
4. इलहान ओमर
मुस्लिम हैं. इनका परिवार मूल रूप से सोमालिया का रहने वाला है. करीब दो दशक पहले इनका परिवार सोमालिया से आकर अमेरिका में बस गया. ओमर 17 साल की थीं, जब उन्हें अमेरिका की नागरिकता मिली. नवंबर 2018 में हुए चुनावों में ही उनकी अमेरिकी कांग्रेस में एंट्री हुई. ओमर और रशिदा तलीब, दोनों अमेरिकी कांग्रेस में चुनकर आईं पहली दो मुस्लिम महिलाएं हैं. वो मिनिसोटा के 5वें कंग्रेशनल डिस्ट्रिक्ट की सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं. ये भी सबके लिए स्वास्थ्य सुविधाएं और 15 डॉलर प्रतिघंटे की न्यूनतम मज़दूरी जैसे संवेदनशील मुद्दे उठाती हैं.
इज़रायल जिस तरीके का बरतता है फिलिस्तीन के साथ, उसकी आलोचना करती हैं. कुछ समय पहले इन्होंने रिपब्लिकन पार्टी पर उंगली उठाई थी. कहा था कि एक इज़रायल समर्थक समूह रिपब्लिकन पार्टी को डोनेशन देता है और इसीलिए रिपब्लिकन पार्टी इज़रायल का इतना समर्थन करती है. ओमर के इस बयान की काफी आलोचना हुई. उन्होंने माफ़ी भी मांगी इसके लिए. ओमर के ऐसे ही बयानों के सहारे ट्रंप इन्हें ‘यहूदी विरोधी’ साबित करने की कोशिश कर रहे हैं.
Donald Trump is lashing out at me, @AOC, @RashidaTlaib, & @AyannaPressley because he wants to divide our country. We will not allow his latest attacks distract us from working to ensure a brighter future for all. https://t.co/wQhSPwgipk
— Ilhan Omar (@IlhanMN) July 16, 2019
ट्रंप के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित
US House of Representatives ने इन चारों महिलाओं के खिलाफ की गई ट्रंप की नस्लीय टिप्पणियों की निंदा की है. इस बारे में बाकायदा वोटिंग हुई यहां. डेमोक्रैटिक पार्टी का निंदा प्रस्ताव पास भी हुआ. यहां डेमोक्रैटिक पार्टी बहुमत में है. अमेरिकी सेनेट में रिपब्लिकन पार्टी के पास मजॉरिटी है. वहां इस तरह का प्रस्ताव पास नहीं हो पाएगा.
House condemns Trump over ‘racist comments’ tweeted at congresswomen The U.S. House of Representatives voted on Tuesday to condemn President Donald Trump for “racist comments” against four minority Democratic congresswomen, a symbolic vot… https://t.co/6RGAqYH11c #USNews #USRC pic.twitter.com/gdPemFqUu6
— U.S. Reality Check🗽 (@USRealityCheck) July 16, 2019
क्या ओबामा कुछ बोलेंगे?
जैसे-जैसे चुनाव पास आते जाएंगे, ट्रंप शायद और भी आक्रामक होते जाएंगे. ऐंटी-इमिग्रेशन, ऐंटी-मुस्लिम, नस्लवाद ये सब ट्रंप की पसंदीदा पिच है. ऐसे ही मुद्दे उठाकर वो एक बार राष्ट्रपति बने. नवंबर 2018 के मिडटर्म चुनावों के समय भी उन्होंने यही सब चीजें उठाई थीं. वो चुनावों को ‘सभ्यताओं का संघर्ष’ बनाने में जुटे हैं. वो अपने विरोधियों को गैर-अमेरिकी और कट्टर साबित करना चाहते हैं. ट्रंप अमेरिकी जनता के सामने ये साबित करना चाहते हैं कि उनके विरोधी अमेरिका विरोधी हैं. वो डेमोक्रैटिक पार्टी के कुछ चेहरों को निशाने पर लेकर विपक्ष को डिफेंसिव मोड में धकेलना चाहते हैं. अमेरिका में कई लोग बराक ओबामा से अपील कर रहे हैं. कि वो सामने आकर कुछ कहें. ट्रंप के ‘The Squad’ पर किए गए हमले पर एक स्टैंड लें.
My open letter to @BarackObama https://t.co/CxM7SIG0ty
— Karen Tumulty (@ktumulty) July 15, 2019
ओबामा अश्वेत हैं. अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के हैं. इस मामले पर उनका बोलना बहुत असर छोड़ सकता है. क्योंकि ट्रंप स्क्वैड के खिलाफ जो कह रहे हैं, उस हिसाब से तो दो बार अमेरिका के राष्ट्रपति रहे ओबामा भी अमेरिकी नहीं हैं. उन्हें भी अमेरिका से चले जाना चाहिए.
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