हिंदू महासभा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदू विरोधी हैं. और हिंदू समाज को धोखा दे रहे हैं. हिंदू महासभा के नाम में ‘हिंदू’ है इसलिए वो ये बात कह सकते हैं. मजाल कोई और ऐसा कह जाए. हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडे ये भी कह गईं कि हिंदू समाज आज अनाथ की स्थिति में है. कम से कम हिंदू महासभा को ऐसा नहीं कहना चाहिए, याद रखिए ये वही लोग हैं, जो वैलेंटाइन डे मनाने वाले जोड़ों की शादी कराते फिरते हैं. दुनिया-जहान का कन्यादान कराने वाले अनाथ कैसे हो सकते हैं?
हिंदू महासभा ने इतना गलत भी नहीं कहा है, जो खांटी दक्षिणपंथी हैं और जिन्होंने मन ही मन मोदी से उम्मीदें पाल ली थीं. उनके साथ मोदी ने सच में धोखा किया है. कुछ वादे मोदी ने किए थे, कुछ लोगों ने खुद ही सोच लिए थे.
जैसा सोचा गया था, वैसा कुछ नहीं हुआ. न लाहौर को बैंगलोर में मिलाया गया, न कराची रांची के किनारे लगी. ‘धारा हर मोड़ बदल कर लाहौर से गुजरेगी गंगा, इस्लामाबाद की छाती पर लहराएगा भारत का झंडा’ कहने वालों के साथ भी धोखा ही हुआ है. पाकिस्तान नहीं, नवाज़ के केक के टुकड़े जरूर हुए. साड़ियां और शॉल का लेन-देन होता है. पाकिस्तान पर एटम बम भी नहीं छोड़ा गया, दाऊद अब भी पकड़ से बाहर है. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद उरी अटैक से ज्यादा जवान मारे गए हैं. (ओ सॉरी, भले ये फैक्ट है, भले हमारे जवान मारे गए हैं लेकिन हमें ये चीज नहीं कहनी चाहिए थी, क्योंकि ये सरकार के अगेंस्ट जा सकती है. ठीक है, आप इस फैक्ट को भूल जाइए.)
मोदी सच में हिंदू विरोधी हैं, अब तक गाय को राष्ट्रीय पशु नहीं बनाया. गौमाता घोषित नहीं किया. उल्टे गाय की रक्षा के लिए दिन-रात एक किए रहने वाले ‘गौ-रक्षक उद्यमियों’ को गोरखधंधा करने वाला कह डाला. ये नहीं कि गौहत्या बंद करा दें, गाय मारने वालों को फांसी चढ़ाएं, बल्कि कहा 70 फीसदी गौ-सेवक फर्जी हैं. गोरखधंधे करते हैं. उन लोगों का सपोर्ट भी नहीं किया, जिनने गौ-माता के लिए लोगों को सरेआम पीटा था.
इतना ही नहीं मोदी ने देश को हिंदूराष्ट्र भी घोषित नहीं किया. उल्टे शांति-वांति की बात करते हैं, कहते हैं कि बातचीत से हल निकालें. सबसे ज्यादा दुःख तो इस बात का कि बेचारे कहते-कहते थक गए 2014 में मोदी आएंगे, समवन को मारेंगे. कुछ न हुआ, और तो और बेचारे साक्षी महाराज और योगी आदित्यनाथ कुछ कहते हैं तो रिस्पांस तक नहीं मिलता. डांट पड़ती है. सवाल पूछिए, मोदी भक्तों को गुस्सा क्यों आता है, मोदी भक्त गाली क्यों देते हैं? वजह यही है, मोदी ऐसा कुछ नहीं कर रहे जैसा खांटी हिंदूवादियों ने सोचा था. न वो मार-काट ही करते, न एक रात में किसी के खिलाफ मोर्चा खोल देते, न किसी पर हावी होते हैं.
हिंदूवादियों को सबसे बड़ा दुःख जो है वो ये कि राम मंदिर के निर्माण का वादा अटका सो अटका. बुलेट ट्रेन आ रही है. स्मार्ट सिटी ले आएंगे, स्टार्ट अप इंडिया की बात कर लेंगे. राम मंदिर का जिक्र तक नहीं करते. सरदार पटेल की मूर्ति का नाम न लें कोई दिक्कत नहीं लेकिन राम मंदिर के बारे में कुछ तो कह दें. मोदी के शासन में सच में ई-हिंदुओं और ऐसे हिंदुओं के साथ बहुत बुरा हुआ है. उनका हवा में फुलाया फुग्गा फूट गया है.
ये भी पढ़िए:
पर्सन ऑफ द इयर के अलावा इन कैटेगरीज में मोदी हैं नंबर वन