Google Crome की 400 करोड़ वाली सत्ता को चुनौती देगा ChatGPT का Atlas, इंटरनेट सर्फिंग में लगेगा AI का तड़का
ChatGPT Atlas हाल फिलहाल Apple के MacOS ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए उपलब्ध है. iPhone से लेकर एंड्रॉयड और विंडोज यूजर्स के लिए भी जल्द उपलब्ध होगा. सर्च इंजन में सर्च बार के नीचे Ask ChatGPT का ऑप्शन भी है.

ChatGPT बनाने वाले OpenAI ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बेस्ड वेब ब्राउजर Atlas लॉन्च किया है. माने गूगल के क्रोम ब्राउजर को चुनौती देने के लिए एक और खिलाड़ी मैदान में आ गया है. Microsoft Edge और Mozilla Firefox जैसे प्लेयर पहले से मौजूद हैं. परप्लेक्सिटी का कोमेट और देसी जोहो Ulaa भी है मगर क्रोम दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ब्राउजर है. दुनिया-जहान में तकरीबन 400 करोड़ यूजर क्रोम का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में Atlas कितनी दुनिया नापेगा. समझते हैं.
क्या है खास Atlas मेंChatGPT Atlas को हाल फिलहाल Apple के MacOS ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए उपलब्ध करवाया गया है. लेकिन iPhone से लेकर एंड्रॉयड और विंडोज यूजर्स के लिए भी जल्द आ ही जाएगा. सर्च इंजन में सर्च बार के नीचे Ask ChatGPT का ऑप्शन भी है. OpenAI के बॉस Sam Altman के मुताबिक इसे कंपनी के चैट बॉट ChatGPT के हिसाब से बनाया (built around ChatGPT) गया है. ChatGPT Atlas को OpenAI के बड़े यूजर बेस से कमाई का एक जरिया माना जा रहा है जो अभी तलक जानकारी जुटाने के लिए क्रोम या दूसरे ब्राउजर पर निर्भर रहता है. OpenAI के मुताबिक अक्टूबर के पहले हफ्ते में उसके उसके साप्ताहिक यूजर्स का आंकड़ा 80 करोड़ तक पहुंच गया है.
एटलस के सर्च रिजल्ट्स पर क्लिक करने से स्क्रीन दो हिस्सों में बंट जाती है. एक तरफ वेबपेज और दूसरी तरफ चैटजीपीटी की बातचीत दिखती है. इसे कंपैनियन फीचर कहा गया है, माने जो हर समय आपके साथ रहता है. यूजर्स को browser memories जैसे फीचर्स भी मिलेंगे जो याद रखेंगे कि आपने पहले कौन सी साइट विजिट की थी. लेकिन इस फीचर पर यूजर का पूरा कंट्रोल होगा. माने वो सेटिंग्स में जाकर इसे ऑन या ऑफ कर सकता है. यूजर्स सर्च रिजल्ट में से नोट्स जनरेट कर सकते हैं. इसके साथ Incognito mode भी मिलेगा. एटलस के तमाम फीचर्स पर हम जल्द ही हाथ फरारे करने वाले हैं. इसके बाद ही पता चलेगा कि नया ब्राउजर वाकई कितने काम का है.
OpenAI के मुताबिक नया सर्च इंजन Agent Mode के साथ आने वाला है. हालांकि इस फीचर के इस्तेमाल के लिए यूजर्स के पास चैटजीपीटी का प्रीमियम अकाउंट होना चाहिए. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि एजेंट मोड यूजर्स के लिए ब्राउजिंग से लेकर डीप रिसर्च तक कर सकता है. इतना ही नहीं, एजेंट आपकी ट्रेन टिकट बुक कर सकता है तो आपके लिए किसी रेस्तरां में सीट भी बुक कर सकता है. एजेंट आपके लिए ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर किराना ऑर्डर करने का काम भी कर सकता है.
वैसे नया ब्राउजर क्रोम या एज को चुनौती दे पाएगा. इसमें थोड़ा संदेह है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह तो क्रोम का बड़ा यूजर बेस भी है. आम से लेकर कॉर्पोरेट में क्रोम का इस्तेमाल होता है. ऐसे में यूजर नए ब्राउजर पर कूदी मारेगा क्या. वैसे भी क्रोम जल्द ही एटलस वाले फीचर अपने सिस्टम में जोड़ ही देगा क्योंकि उसने भी AI पर जमकर पैसा लगाया है. Microsoft Edge में तो कई फीचर पहले से ही मौजूद हैं. Moor Insights & Strategy के CEO, Pat Moorhead भी ऐसा ही मानते हैं. उनके मुताबिक यूजर नए ब्राउजर का इस्तेमाल तो करेगा मगर क्रोम या एज में उनके आने का इंतजार भी करेगा.
जो भी हो. कम से कम इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए यूजर के पास एक और ऑप्शन आया तो सही.
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