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आशीष विंस्टन ज़ैदी - क्रिकेट का बदनसीब अमर अकबर एंथनी
आशीष विंस्टन ज़ैदी - क्रिकेट का बदनसीब अमर अकबर एंथनी
सत्य व्यास. गजब का आदमी. लेखक हैं और क्रिकेट प्रेमी भी. और ये बहुत घातक कॉम्बो रहता है. तिसपर ज़ुल्म ये कि बनारस से प्रेम है. क्या कहने! इन्हें क्रिकेट के किस्से सुनाने में भयानक मौज आती है. एक वक़्त था जब क्रिकेट सम्राट को गीता बना बैठे थे. जो कि कमोबेसी थी भी. आज … और पढ़ें आशीष विंस्टन ज़ैदी – क्रिकेट का बदनसीब अमर अकबर एंथनी
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प्रणब मुखर्जी ने ऐसा भी क्या कर दिया था कि उन्हें कांग्रेस से ही निकाल दिया गया?
प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण The Turbulent Years: 1980-1996 में इस मामले पर विस्तार से लिखा है. उन्होंने लिखा है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब फ्लाइट में राजीव गांधी ने जब जवाहर लाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद की स्थिति के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें 1964 और 1966 का वाकया बताया. तब नेहरू और शास्त्री के निधन के बाद कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री गुलजारी लाल नंदा को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी. बाद में, कांग्रेस संसदीय दल की औपचारिक बैठक बुलाकर नेता का चुनाव किया गया था. फ्लाइट में मौजूद सभी नेताओं से बातचीत के बाद ये तय किया गया कि राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए. खुद प्रणब मुखर्जी ने जब राजीव से पीएम बनने को कहा तो उन्होंने पूछा, “क्या आपको लगता है कि मैं ये मैनेज कर पाऊंगा?’’ इस पर मैंने उनसे कहा, “हां, हम सब आपके साथ हैं.” पूरा किस्सा देखें वीडियो में.
प्रणब मुखर्जी ने ऐसा भी क्या कर दिया था कि उन्हें कांग्रेस से ही निकाल दिया गया?
प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण The Turbulent Years: 1980-1996 में इस मामले पर विस्तार से लिखा है. उन्होंने लिखा है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब फ्लाइट में राजीव गांधी ने जब जवाहर लाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद की स्थिति के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें 1964 और 1966 का वाकया बताया. तब नेहरू और शास्त्री के निधन के बाद कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री गुलजारी लाल नंदा को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी. बाद में, कांग्रेस संसदीय दल की औपचारिक बैठक बुलाकर नेता का चुनाव किया गया था. फ्लाइट में मौजूद सभी नेताओं से बातचीत के बाद ये तय किया गया कि राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए. खुद प्रणब मुखर्जी ने जब राजीव से पीएम बनने को कहा तो उन्होंने पूछा, “क्या आपको लगता है कि मैं ये मैनेज कर पाऊंगा?’’ इस पर मैंने उनसे कहा, “हां, हम सब आपके साथ हैं.” पूरा किस्सा देखें वीडियो में.
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कहानी उस दिन की, जब सचिन और अज़हर ने साउथ अफ्रीका की गेंदबाज़ी के उन्हीं के घर में बखिए उधेड़े
कहानी उस दिन की, जब सचिन और अज़हर ने साउथ अफ्रीका की गेंदबाज़ी के उन्हीं के घर में बखिए उधेड़े
सूरत, गुजरात के रहने वाले अजय शर्मा के जीवन में दो ही शौक हैं. एंटरमार कविताओं वाले कवियों के जीवन में चरस बोए रहना और क्रिकेट को जुनून की तरह जीना. क्रिकेट की दुनिया में ऐसा कुछ शायद ही रहा हो, जो इनकी निगाह से छूटा हो. क्रिकेट की अपनी इस दीवानगी को कभी-कभी फेसबुक … और पढ़ें कहानी उस दिन की, जब सचिन और अज़हर ने साउथ अफ्रीका की गेंदबाज़ी के उन्हीं के घर में बखिए उधेड़े
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अमेरिकी ब्लू जीन्स का जवाब हिंदुस्तानी कुर्ता है?
अमेरिकी ब्लू जीन्स का जवाब हिंदुस्तानी कुर्ता है?
यह लेख दी लल्लनटॉप के लिये हिमांशु सिंह ने लिखा है. हिमांशु दिल्ली में रहते हैं और सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. हिन्दी साहित्य के विद्यार्थी हैं और प्रतिष्ठित करेंट अफेयर्स टुडे पत्रिका में वरिष्ठ संपादक रह चुके हैं. समसामयिक मुद्दों के साथ-साथ विविध विषयों पर स्वतंत्र लेखन करते हैं. दूसरे विश्व युद्ध … और पढ़ें अमेरिकी ब्लू जीन्स का जवाब हिंदुस्तानी कुर्ता है?
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ऐसी छोटी सी पीठ क्यूं कहा जा सकता है, जिसमें बहुत सारे लोग सवार हैं?
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ऐसी छोटी सी पीठ क्यूं कहा जा सकता है, जिसमें बहुत सारे लोग सवार हैं?
7 अगस्त की RBI की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर दी लल्लनटॉप ने इंडिया टुडे हिंदी के संपादक अंशुमन तिवारी से विस्तारपूर्वक बात की. इन बातों को हम एक सीरीज़ के रूप में प्रकाशित कर रहे हैं. पहले भाग में हमने आपको बताया कि रेपो रेट क्या होता है और RBI के रेपो रेट में कोई बदलाव … और पढ़ें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ऐसी छोटी सी पीठ क्यूं कहा जा सकता है, जिसमें बहुत सारे लोग सवार हैं?
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बदहाल अर्थव्यवस्था के बीच चढ़ते शेयर मार्केट और बढ़ते विदेशी भंडार को भी उम्मीद से न देखें
बदहाल अर्थव्यवस्था के बीच चढ़ते शेयर मार्केट और बढ़ते विदेशी भंडार को भी उम्मीद से न देखें
7 अगस्त की RBI की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर दी लल्लनटॉप ने इंडिया टुडे हिंदी के संपादक अंशुमन तिवारी से विस्तारपूर्वक बात की. इन बातों को हम एक सीरीज़ के रूप में प्रकाशित कर रहे हैं. पहले भाग में हमने आपको बताया कि रेपो रेट क्या होता है और RBI के रेपो रेट में कोई बदलाव … और पढ़ें बदहाल अर्थव्यवस्था के बीच चढ़ते शेयर मार्केट और बढ़ते विदेशी भंडार को भी उम्मीद से न देखें
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लोन लिया है या घर में सोना पड़ा है तो RBI गवर्नर की ये बात आपको जरूर जाननी चाहिए
लोन लिया है या घर में सोना पड़ा है तो RBI गवर्नर की ये बात आपको जरूर जाननी चाहिए
7 अगस्त की RBI की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर दी लल्लनटॉप ने इंडिया टुडे हिंदी के संपादक अंशुमन तिवारी से विस्तारपूर्वक बात की. इन बातों को हम एक सीरीज़ के रूप में प्रकाशित कर रहे हैं. पहले भाग में हमने आपको बताया कि रेपो रेट क्या होता है और RBI के रेपो रेट में कोई … और पढ़ें लोन लिया है या घर में सोना पड़ा है तो RBI गवर्नर की ये बात आपको जरूर जाननी चाहिए
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कोरोना, लॉकडाउन और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर RBI ने जो स्वीकार किया है वो डराता है
कोरोना, लॉकडाउन और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर RBI ने जो स्वीकार किया है वो डराता है
7 अगस्त की RBI की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर दी लल्लनटॉप ने इंडिया टुडे हिंदी के संपादक अंशुमन तिवारी से विस्तारपूर्वक बात की. इन बातों को हम एक सीरीज़ के रूप में प्रकाशित कर रहे हैं. पहले भाग में हमने आपको बताया कि रेपो रेट क्या होता है और RBI के रेपो रेट में कोई … और पढ़ें कोरोना, लॉकडाउन और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर RBI ने जो स्वीकार किया है वो डराता है
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तो क्या रिज़र्व बैंक को लगता है कि लोग बैंकों से अपना पैसा निकालने लग जाएंगे?
तो क्या रिज़र्व बैंक को लगता है कि लोग बैंकों से अपना पैसा निकालने लग जाएंगे?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI. इसे बैंकों का बैंक का बैंक कहा जाता है. क्यूं कहा जाता है? इसलिए, क्यूंकि जिस तरह बाक़ी बैंक्स हमको पैसे देते हैं, और उसपर ब्याज़ वसूलते हैं और हमसे पैसे लेते हैं उसपर ब्याज़ देते हैं. ठीक वैसे ही आरबीआई बैंक्स को पैसे देता है, उसपर ब्याज़ वसूलता … और पढ़ें तो क्या रिज़र्व बैंक को लगता है कि लोग बैंकों से अपना पैसा निकालने लग जाएंगे?