महिलाओं की आम बीमारी यूरिन इन्फेक्शन से बचना है तो ये गलतियां न करें
आदमियों को भी होता है ये. थोड़ी सावधानी रखें तो बच सकते हैं इससे
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नेहा ने लाइफ में पहली बार घर से दूर रहना शुरू किया था. ग्रेजुएशन के लिए वो दिल्ली आई थी. एक हॉस्टल में रह रही थी. अब हॉस्टल में घर वाले ऐशो-आराम कहां. एक कॉमन बाथरूम और टॉयलेट होता था. सब लड़कियां वही इस्तेमाल करती थीं. एक दिन नेहा को थोड़ी जलन महसूस हुई. यूरिन करने में हद पार दर्द हुआ. पेट में दर्द. अब उसे समझ में ही न आए कि क्या हुआ. डॉक्टर को दिखाया तो पता चला, उसे UTI हो गया था. यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन. जिसे आमतौर पर लोग यूरिन का इन्फेक्शन कहते हैं. ये दिक्कत काफ़ी लोगों को होती है. औरतों में UTI की दिक्कत काफ़ी आम है. और इसके बारे में वो ज़्यादा ख़ुलकर बात भी नहीं करतीं. न ही उन तक सही जानकारी पहुंचती है. ऐसा नहीं है कि आदमियों में UTI नहीं होता. लेकिन औरतों के मुक़ाबले बहुत कम होता है. हमें लल्लनटॉप की कई फीमेल व्यूअर्ज़ के मेल आएं हैं, जो UTI और उससे जुड़े इलाज के बारे में जानना चाहती हैं. तो सबसे पहले ये समझ लेते हैं कि UTI होता क्या है और इसके कारण क्या हैं?
ये हमें बताया डॉक्टर विजय रंजन ने. ग्रीनलैंड हॉस्पिटल गोरखपुर में एमडी मेडिसिन हैं.
डॉक्टर विजय रंजन, एमडी मेडिसिन, ग्रीनलैंड हॉस्पिटल, गोरखपुर
क्या होता है UTI?
- यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होता है
-पेशाब की नली में ये इन्फेक्शन फैलता है
कारण:
-UTI फैलने के कई कारण हो सकते हैं
-सामान्य तौर पर ये पुरुष और महिला दोनों में होता है
-लेकिन विशेष रूप से महिलाओं में ज़्यादा होता है
-कारण है, औरतों के शरीर की बनावट. पेशाब का जो मार्ग होता है, वो छोटा होता है
-साथ ही एनस बहुत पास होता है. पास होने के कारण इन्फेक्शन बहुत आसानी से फैल जाता है
-वजाइना के अंदर का मीडियम फंगल बैक्टीरियल इन्फेक्शन को फैलने में मदद करता है
-जो महिलाएं सार्वजानिक शौचालय का उपयोग करती हैं, उनमें UTI इन्फेक्शन ज़्यादा हो सकता है
80 प्रतिशत केसेस में मरीज़ दवाइयों से ठीक हो जाता है
-कई महिलाएं पीरियड्स के दौरान सैनिटरी नैपकिन के बदले साधारण कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं. साधारण कपड़े नॉन सैनिटाइज़ होते हैं. गंदे हो सकते हैं. इस कारण से भी UTI हो सकता है
-यूरिन इन्फेक्शन सेक्स के द्वारा भी फैलता है. पार्टनर को भी हो सकता है
-अगर कोई व्यक्ति अस्पताल में एडमिट है तो पेशाब की नली में एक नलिका डाली जाती है. ये भी UTI होने का एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है.
आपको कारण तो समझ में आ गए. पर क्या आपको पता है, कुछ गलतियां आपसे भी होती हैं, जो इस इन्फेक्शन को हवा देती हैं. वो गलतियां क्या हैं? आपको कैसे पता चलेगा कि आपको UTI हो गया है? और इसका इलाज क्या है? ये सब जानते हैं डॉक्टर अनुज शर्मा से. यूरोलॉजिस्ट हैं जोधपुर में.
डॉक्टर अनुज शर्मा, यूरोलॉजिस्ट, जोधपुर
-यूरिन इन्फेक्शन आमतौर पर दो तरीके से होता है
-एक, सिस्टाइटिस (Cystitis) और दूसरा पाइलॉन्फ्राइटिस (Pyelonephritis)
-सिस्टाइटिस यूरिनरी ब्लैडर का इन्फेक्शन होता है
इसके मेन लक्षण होते हैं :
बार-बार यूरिन आना
एकदम से यूरिन आना, जो कंट्रोल करने में मुश्किल हो
पेशाब करते वक़्त दर्द होना
पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
इसके साथ-साथ यूरिन के रास्ते खून आना
-पाइलॉन्फ्राइटिस किडनी का इन्फेक्शन होता है
इसमें इनके अलावा लक्षण होते हैं:
ठंड के साथ तेज़ बुख़ार आना
पेट के निचले दाईं या बाईं तरफ दर्द होता है
बचने के लिए क्या करना चाहिए
-ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीना चाहिए
-जब भी यूरिन आए तो उसे ज़्यादा देर तक रोककर नहीं रखना है
-ऐसा खाना खाएं, जिसमें विटामिन सी होता है, जैसे आंवला, मौसंबी आदि
-साथ ही प्रोबायोटिक भी लेने चाहिए, जैसे दही, केला आदि
-सफ़ाई पर ध्यान दीजिए, जिससे आप UTI से बच सकते हैं
इलाज:
-दो टेस्ट करवाने होते हैं, यूरिन रुटीन और यूरिन कल्चर एंड सेंसिटिविटी
-इन टेस्ट से ये पता चलता है कि इन्फेक्शन किस ऑर्गन से है
-उसी के हिसाब से डॉक्टर एंटीबायोटिक देते हैं
-जो भी एंटीबायोटिक असरदार होती है, उसे पांच से लेकर 14 दिन तक लेना होता है
-80 प्रतिशत केसों में मरीज़ इन दवाइयों से ठीक हो जाता है
-लेकिन अगर पथरी है, प्रोस्टेट की दिक्कत है तो इन्फेक्शन को दूर करने के लिए कभी-कभी ऑपरेशन करना पड़ता है
इन बातों का ख़ास ख्याल रखिए. और अगर आपको UTI के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो फौरन डॉक्टर को दिखाइए.
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