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BCCI को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से ये बात सीखनी चाहिए

क्रिकेटर बिसमाह मारूफ ने नौ महीने की मैटरनिटी लीव के बाद गेम में वापसी की है. वर्ल्ड कप में वो पाकिस्तानी टीम की कप्तानी कर रही हैं.

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पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की कप्तान बिसमाह मारूफ ने लगभग नौ महीने की मैटरनिटी के बाद वापसी की है, PCB की मैटरनिटी लीव पॉलिसी के चलते बिसमाह को मैटरनिटी लीव के बाद काफी मदद मिली. वहीं, कॉन्ट्रैक्ट रिन्युअल को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं है. फोटो में- बीसीसीआई चीफ सौरव गांगुली और बिसमाह मारूफ
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8 मार्च 2022 (Updated: 8 मार्च 2022, 14:57 IST)
Updated: 8 मार्च 2022 14:57 IST
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बिसमाह मारूफ. पाकिस्तान की महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हैं. 6 मार्च को वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान का मैच हुआ. मैच के बाद एक फोटो सामने आई. फोटो में भारतीय प्लेयर्स बिसमाह मारूफ की छह महीने की बेटी फातिमा के साथ खेल रही थीं. ये दिल के कई सारे तारों को एक साथ छूने वाली फोटो थी. प्यार से भरी, विमेन एम्पावरमेंट की तस्वीर. इंडिया-पाकिस्तान के बीच दोस्ती, सिस्टरहुड का बढ़िया उदाहरण. इस तस्वीर के बहाने आज हम बात करेंगे स्पोर्ट्स पर्सन्स को मिलने वाली मैटरनिटी लीव पर.
वैसे आज विमेंस डे है. औरतों का दिन. वैसे तो ऐट ऑडनारी हमारा हर दिन औरतों के नाम होता है, लेकिन आज का दिन हमारी तरफ से हम सबको मुबारक. हम सब माने हर उस व्यक्ति को जो ये वीडियो देख रहा है, क्योंकि दुनिया के हर व्यक्ति में एक हिस्सा औरत का होता ही है, होना ही चाहिए. बहरहाल, लौटते हैं आज के हमारे टॉपिक पर.
बिसमाह मारूफ ने अप्रैल 2021 में ऐलान किया था कि वो मां बनने वाली हैं और इसके लिए अनिश्चितकाल के लिए क्रिकेट से ब्रेक ले रही हैं. मई, 2021 में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने खिलाड़ियों को पैरेंटल लीव देने की पॉलिसी शुरू की. नियम के मुताबिक, महिला क्रिकेटर्स को 12 महीने की पेड मैटरनिटी लीव मिलती है और कॉन्ट्रैक्ट एक्स्टेंड करने की गारंटी भी मिलती है. मैटरनिटी लीव्स खत्म होने के बाद प्लेयर्स को पूरा मेडिकल और फिजिकल सपोर्ट दिया जाता है. वहीं, प्लेयर्स को बच्चे के साथ ट्रैवल करने और बच्चे की देख रेख के लिए एक केयर टेकर रखने की सहूलियत भी पीसीबी महिला प्लेयर्स को देता है. वहीं पुरुष खिलाड़ियों को 30 दिन की पेड मैटरनिटी लीव दी जाती है.
बिसमाह मारूफ ने सितंबर, 2021 में बेटी को जन्म दिया. दिसंबर में उन्होंने क्रिकेट में लौटने का ऐलान किया. मैटरनिटी लीव पॉलिसी के लिए PCB का आभार जताया. कहा कि उसके और PCB के सपोर्ट के बिना ये संभव नहीं था. जनवरी में ट्रेनिंग शुरू कर दी. मार्च में वो क्रिकेट वर्ल्ड कप में पाकिस्तान टीम की कप्तानी कर रही हैं. पाकिस्तान के अलावा न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में प्लेयर्स के विशेष मैटरनिटी बेनिफिट्स दिए जाते हैं. हालांकि, भारत की बात करें तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड एक एम्प्लॉयर है जो कॉन्ट्रैक्ट पर क्रिकेटर्स को रखती है. भारतीय कानून के मुताबिक, किसी भी एम्प्लॉयर के लिए ये अनिवार्य है कि वो अपनी महिला कर्मचारियों को छह महीने की पेड मैटरनिटी लीव दे. ये नियम बीसीसीआई पर भी लागू होता है. हालांकि, जब हम स्पोर्ट्स की बात करते हैं तो उसके अपने कई नियम होते हैं. जैसे कॉन्ट्रैक्ट में बने रहने के लिए तय मैच खेलने के नियम, फिटनेस से जुड़े नियम आदि. ऐसे में यदि कोई महिला छह महीने आउट ऑफ फील्ड होती है तो उसके लिए वापसी एक बड़ी चुनौती होती है. जितना हमने सर्च किया, हमें कहीं कोई स्पष्ट नियम या पॉलिसी के बारे में पता नहीं चला जो मैटरनिटी लीव के बाद कॉन्ट्रैक्ट एक्सटेंड करने की बात करती हो. हमने इसे लेकर बीसीसीआई के मीडिया मैनेजर मॉलिन पारेख से बात की, उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही. हमने इसे लेकर बीसीसीआई को ईमेल करके जानकारी मांगी है.
दूसरे खेलों में बच्चे के जन्म के बाद फील्ड पर लौटने वाली प्लेयर्स की बात करें तो सानिया मिर्ज़ा, मैरी कॉम और गीता फोगाट का नाम सामने आता है. इनमें से सानिया ने बेटे के जन्म के छह-सात महीने के अंदर ही खेलना शुरू कर दिया था. जितने सारे स्पोर्ट्स हैं और जितनी सारी महिलाएं इंडिया को रिप्रेजेंट करती हैं, उसे देखते हुए ये नंबर नहीं के बराबर है.
Sania Mirza 1200 सानिया मिर्ज़ा ने बेटे के जन्म के छह महीने के अंदर कोर्ट में वापसी कर ली थी.

इंटरनैशनल स्तर पर बात करें तो विमेन टेनिस, NBA और फीफा के नियमों पर भी बात कर लेते हैं.
- विमिंस टेनिस में पहले मैटरनिटी लीव से वापसी करने पर प्लेयर्स की रैंकिंग अपडेट हो जाती थी. जो कि अक्सर बहुत खराब हालात में रहती. जैसे वर्ल्ड नंबर वन रहते हुए मैटरनिटी लीव लेने वाली सेरेना जब लौटीं तो उनकी रैंकिंग 483 हो चुकी थी. इस बात पर काफी बवाल हुआ. जिसके बाद नियम आया कि मैटरनिटी लीव पर जाने वाली प्लेयर्स की रैंकिंग फ्रीज़ हो जाती है. और वापसी में उस स्पेशल रैंकिंग के आधार पर टूर्नामेंट्स खेल सकती हैं. यह नियम इंजरी और बीमारी के चलते खेल से दूर होने वाली प्लेयर्स पर भी है.
- विमिंस NBA में पहले मैटरनिटी लीव के दौरान आधी सैलरी ही मिलती थी. लेकिन फरवरी 2020 से इसे बदला गया. अब प्लेयर्स को मैटरनिटी लीव के दौरान पूरी सैलरी मिलती है. ऐवरेज की बात करें तो यह पहले 75000 डॉलर होती थी, अब यह कम से कम 130000 डॉलर रहेगी. इसके साथ ही WNBA में पेरेंट्स को लीग की ओर से दो बेडरूम अपार्टमेंट और 5000 डॉलर का चाइल्ड केयर स्टाइपेंड भी मिलता है.
- फीफा ने दिसंबर 2020 में नए नियम लागू किए थे. इसके मुताबिक प्रेगनेंट विमिंस को 14 हफ्तों की मेंडेटरी लीव मिलेगी. इस दौरान उन्हें सैलरी का कम से कम दो-तिहाई पेमेंट मिलेगा. क्लब चाहें तो टेंपररी रिप्लेमेंट साइन कर सकते हैं लेकिन प्लेयर की वापसी पर उसे पहले वाला दर्जा देना ही होगा.
स्पोर्ट्स के लिए कहा जाता है कि प्लेयर अगर एक साल के लिए फील्ड से बाहर हुआ तो हमेशा के लिए बाहर हो जाता है. ऐसे में प्रेग्नेंसी और उसकी वजह से शरीर में आए बदलाव एक महिला के लिए फील्ड में वापसी को और ज्यादा मुश्किल बना देते हैं. ऐसे में अगर उन्हें कॉन्ट्रैक्ट रिन्यूअल जैसी कोई गारंटी मिले और जिस स्पोर्ट्स फेडरेशन से वो जुड़ी हैं वो अगर उन्हें सपोर्ट करें तो महिला प्लेयर्स उस हिसाब से बेबी प्लान कर सकती हैं, बिना इस डर के कि इससे उनका करियर खत्म हो जाएगा.

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