पैरों की नसें फूलकर नीली पड़ रही हैं? इलाज जानिए
हिंदुस्तान में वैरीकोज़ वेन्स के हर साल एक करोड़ से ऊपर केसेज़ होते हैं.
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यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.
वैरिकोज वेन्स. हो सकता है ये शब्द आप पहली सुन रहे हों. पर ये क्या होती है, आपको शायद मालूम हो. इसमें आपकी नसें बड़ी हो जाती हैं, सूज जाती है, और एक के ऊपर एक चढ़ जाती हैं. और हां, आपकी नसें डार्क पर्पल या नीली दिखती हैं. आपको पता है वैरिकोज वेन्स इंडिया में बहुत आम है. इतनी कि हर साल इसके एक करोड़ से ऊपर केसेज़ आते हैं. यहीं नहीं. 30 प्ररिशत एडल्ट्स, यानी वो लोग जो 18 साल से ऊपर हैं, उन्हें वैरिकोज वेन्स की दिक्कत होती है. तो चलिए डॉक्टर्स से जानते हैं वैरिकोज वेन्स एग्जैक्ट्ली क्या होती हैं और क्यों होती हैं.
क्या होती हैं वैरिकोज़ वेन्स?
इनके बारे में हमें बताया डॉक्टर हर्शल ने.
डॉक्टर हर्शल छोटकर, जनरल सर्जन, सएमबीटी मेडिकल कॉलेज, नासिक
-वेन्स यानी रक्त वाहिकाएं जो खून को दिल तक लेकर जाती हैं.
-इसमें होता है डीऑक्सीजेनेटेड ब्लड (यानी इसमें ऑक्सीजन नहीं होता).
-पैरों में ऐसी वेन्स का एक नेटवर्क होता है. जिसे वीनस सिस्टम कहते हैं. पैरों में 3 वीनस सिस्टम्स होते हैं.
-एक, जो उपरी सतह पर होती हैं. जिन्हें हम सुपरफ़ीशियल वेन्स कहते हैं.
-दूसरी, जो अंदरूनी सतह पर होती है, मसल्स के बीच. जिसे हम डीप वेन्स कहते हैं.
-तीसरी इन दोनों को जोड़ती है. परफ़ोरेटर वेन्स.
-इन परफ़ोरेटर वेन्स में होते हैं वॉल्व्स.
-अगर ये वॉल्व्स डिफ़ेक्टिव हो जाएं तो ब्लड हाई प्रेशर वाली डीप वेन्स से लो प्रेशर वाली सुपरफ़ीशियल वेन्स में जाना शुरू कर देता है.
अगर ध्यान न दें तो यहां अल्सर तक हो सकता है
-जिसके कारण वो फूलने लगती हैं.
-बाद में टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं. जिसे हम वेरीकोज़ वेन्स कहते हैं.
लक्षण
-फूली हुई नीली नसें.
-पैरों में दर्द होना शुरू होता है.
-काम करते हुए दर्द होता है.
-पैरों के निचले हिस्से पर सूजन आ जाती है.
-वहां छोटी-छोटी शिराएं दिखने लगती हैं. जिसे हम स्पाइडर वेन्स कहते हैं.
-स्किन काली-नीली पड़ने लगती है.
-अगर ध्यान न दें तो वहां अल्सर तक हो सकता है.
किन लोगों को हो सकती है वैरिकोज वेन्स?
-बढ़ती उम्र के साथ होती है.
-प्रेग्नेंसी में होना आम बात है.
-लंबे या ओवरवेट लोगों में ये दिखती हैं.
बढ़ती उम्र के साथ ऐसा होना बहुत ही आम है
-जेनेटिक कारणों से.
-जिस पेशे में ज़्यादा देर तक खड़े रहना पड़ता है उनमें भी वैरिकोज वेन्स हो जाती है.
कारण के ऊपर बात हो गई. अब जानते हैं इसका इलाज क्या है?
इलाज
-काफ़ एक्सरसाइज़ करिए. इससे काफ़ मसल्स स्ट्रांग होती हैं और खून ऊपर जाने में आसानी रहती है.
-पैरों को अपने हार्ट के लेवल से ऊपर रखना.
-जैसे दो तकिए नीचे रखकर पैरों को ऊपर रख सकते हैं.
-हाई हील्स अवॉइड करिए.
-अगर वेन्स दिख रही हैं तो स्टॉकिंग्स पहनिए.
-अगर वैरिकोज वेन्स हो गईं तो सर्जरी एकमात्र उपाय है.
-सर्जरी में सुपरफ़ीशियल वेन्स को निकाल दिया जाता है.
-लेज़र और रेडियो फ्रीक्वेंसी के ज़रिए सुपरफ़ीशियल वेन्स ठीक कर देते हैं.
उम्मीद है वैरिकोज वेन्स पर जानकारी आपके या आपके किसी जानने वाले के काफ़ी काम आएगी .
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