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मस्सा होने पर आप भी घोड़ा ढूंढने निकलते हैं तो ये खबर पढ़ डालिए

बड़े काम की बात.

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मस्से न ही दर्द देते हैं, न ही इन्फेक्शन है, वो फैलते भी नहीं हैं.
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25 अगस्त 2020 (Updated: 25 अगस्त 2020, 07:47 IST)
Updated: 25 अगस्त 2020 07:47 IST
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मेरा एक दोस्त है. उसने मुझे आज फ़ोन किया. एक बहुत ही अजीब बात पूछने के लिए. उसने मुझसे पूछा कि घोड़े का बाल कहां मिल सकता है? मुझे हंसी आ गई. मैंने कहा भई घोड़े के बाल का करोगे क्या? तो बोला यार गर्दन पर एक मस्से जैसी चीज़ हो गई है. स्किन ही है पर बाहर की तरफ़ निकली हुई है. मां कह रही है कि घोड़े के बाल से निकल जाएगा. दरसल वो जिस मस्से की बात कर रहा था उसे स्किन टैग कहते हैं.  इन्हें बोलचाल की भाषा में मस्सा कहते हैं. पर ये आम मस्सों से थोड़ा अलग दिखते हैं. वैसे आम से याद आया, काफ़ी आम है ये. बहुत लोगों की स्किन पर होते हैं ये. कुछ लोगों में स्किन टैग्स दुखते नहीं है. उनमें जलन नहीं होती. पर कुछ लोगों को ये दिक्कत होती हैं. तो आख़िर क्या होते हैं स्किन टैग्स, क्यों होते हैं...और क्या इनमें कैंसर होने का डर तो नहीं? चलिए पता करते हैं.
मस्सा कैसा होता है?
-स्किन जमा होने से छोटे-छोटे गांठ बन जाते हैं
-स्किन के ही रंग का होता है, स्किन के टेक्सचर का होता है
-सॉफ्ट फील होता है
- वैसे मस्से कई प्रकार के होते हैं. एक बड़ा मस्सा हो सकता है, या छोटे-छोटे टहनी से लटके हुए मस्से होते हैं, फ्लैट बिंदी जैसा भी मस्सा होता है, या बारीक दाने जैसा भी मस्सा होता है
Skin tags: Identification and removal - Insider  मस्से और वार्ट्स में अक्सर लोग कंफ्यूज़ हो जाते हैं.


शरीर में कहां पर होते हैं मस्से?
- मस्से शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकते हैं
-ज़्यादातर मस्से हमें गर्दन पर, बगल में, जांघों पर, ब्रेस्ट के नीचे, या आंखों की फोल्ड्स में, या आंखों के नीचे नज़र आते हैं
- यानी उन जगहों पर जहां हमारी स्किन फोल्ड होती है या स्किन थिक होती है
क्या मस्से और वार्ट्स एक ही हैं?
- वार्ट्स एक इन्फेक्शन होता है जो HPV वायरस से होता है
- वार्ट्स फैल सकते हैं इसीलिए उनका इलाज करना तुरंत करना ज़रूरी है
- मस्से न ही दर्द देते हैं, न ही इन्फेक्शन है, वो फैलते भी नहीं हैं
- मस्से स्किन की ग्रोथ होते हैं, पर वो कैंसर नहीं हैं
मस्से क्यों होते हैं
- अगर आपकी फैमिली में किसी को मस्से हैं तो चांस है आपको भी मस्सा हो
- मोटापा भी एक कारण है
- मोटापे के कारण स्किन के रगड़ने से या स्किन के थिक होने से मस्सों का होना कॉमन हो जाता है
चलो ये तो समझ में आ गया कि स्किन टैग्स आख़िर क्या बला हैं. पर क्या इनसे बचा जा सकता है और इनका इलाज क्या है.
-स्किन टैग्स एक जेनेटिक इशू है, इसमें हम 100 प्रतिशत प्रिवेंशन नहीं कर सकते
-अगर हम अपना वज़न कंट्रोल करते हैं, थोड़ा एक्टिव रहते हैं, एक्सरसाइज़ करते हैं, तो स्किन टैग्स कम हो सकते हैं
Skin Tag Removal Experts | U.S. Dermatology Partners अगर आपकी फैमिली में किसी को मस्से हैं तो चांस है आपको भी मस्सा हो.


- हमने मस्से के ट्रीटमेंट के बारे में बहुत सारे नुस्ख़े सुने हैं. जैसे घोड़े के बाल का इस्तेमाल करना, या होम्योपैथिक दवाई का इस्तेमाल करना. जैसे थूजा-200. इसको गोलियों या लोशन के तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. ये सब बहुत पुराने तरीके हो चुके हैं
डॉक्टर के पास अगर जाएंगे तो आपको ये तीन तरीके सजेस्ट किए जाएंगेः
-ऑइंटमेंट का इस्तेमालः डॉक्टर आपको बेन्जोइक एसिड, रेटिनोइक एसिड सजेस्ट कर सकते हैं. पर आपको ध्यान रखना है आपको टूथपिक या इयरबड से इन एसिड को सिर्फ़ उस जगह पर लगाना है जहां स्किन टैग है. क्योंकि ये एसिड आपकी स्किन को इरीटेट कर सकते हैं.
-केमिकल क्वॉर्टरीः इसमें डॉक्टर एक TCA नाम के पील का इस्तेमाल करते हैं. इससे मस्से को जलाया जाता है. पर उसमें तीन से पांच दिन का डाउन टाइम होता है. फिर वो मस्सा जलकर गिर जाता है
-रेडियो क्वॉटेराइज़ेशनः ये वन टाइम प्रोसीजर है. 30-40 मिनट का टाइम लगता है. पहले डॉक्टर स्किन के उस हिस्से को सुन्न करने के लिए क्रीम लगाते हैं. ताकि आपको कोई दर्द न हो. आराम रहता है. उसके बाद मस्से को जलाया जाता है
-स्किन टैग्स जेनेटिक है. जींस का बहुत बड़ा असर पड़ता है. ट्रीटमेंट से मस्से को निकाल सकते हैं. पर इसका 100 प्रतिशत इलाज नहीं है
तो मेरे दोस्तों घोड़े के बाल ढूढ़ने मत निकलो. ये बातें नोट डाउन कर लो.


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