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ये गाने होली का मज़ा खराब कर देते हैं

क्या आपने कभी होली गानों के लिरिक्स पर गौर किया है?

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होली के गाने उसी हरासमेंट का आईना है जो अक्सर कुछ लड़के होली के दिन नॉर्मल मानते हैं.
17 मार्च 2022 (Updated: 17 मार्च 2022, 18:40 IST)
Updated: 17 मार्च 2022 18:40 IST
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होली आ ही गयी है और आ गया है उसके साथ वो लॉन्ग वीकेंड, जिसके लिए कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने वाले मन्नतें मांगते हैं. यकीन मानिए, कोई कैलेंडर देवता होते तो लोग पूजा करते कि होली-दिवाली-ईद-क्रिसमस सब फ्राइडे या मंडे को पड़ा करे. तो भाई मेरी पैकिंग पूरी है, ये एपिसोड शूट करके घर के लिए निकलना है. अब खेलने वाली होली के दिन हमारी टीम मनाएगी छुट्टी, तो सोचा क्यों न आज ही आपसे होली पर कुछ बातचीत कर ली जाए.
अगर कोई फेस्टिवल्स की रैंकिंग लिस्ट बनाई जा सकती, तो बाय गॉड, होली मेरा फेवरेट होता. क्यों? घर जाते हैं, जो स्कूल के या मोहल्ले के दोस्त पीछे छूट गए थे वो भी अपने घर को लौटते हैं और सबसे मुलाक़ात होती है. ठूंसकर खाना खाते हैं और इस दिन खाना खाने के लिए कोई जज नहीं करता. मन लगाकर रंग खेलते हैं और करते हैं डांस.
बॉलीवुड के ये होली गाने मूड बिगाड़ देते हैं
लेकिन जिन गानों पर डांस करते हैं, क्या आपने कभी उनके लिरिक्स पर गौर किया है? नहीं किया है, तो करियेगा. क्योंकि मेरे लिए कुछ गाने ऐसे हैं, जिनसे मन खराब हो जाता है. हमने बचपन से हमेशा सीखा है कि होली मनमुटाव भुलाकर प्रेम करने, टूटे हुए रिश्तों को जोड़ने और लोगों को माफ़ कर देने का त्योहार है. लेकिन क्या बॉलीवुड ने इस बात का खयाल किया है? नहीं.
 मुझे सबसे पहले याद आती है मोहब्बतें फिल्म. जिसमें होली का गाना था, 'सोणी सोणी अंखियों वाली.' वैसे तो शाहरुख़ से मुझे बहुत मोहब्बत है, लेकिन कम ऑन! ऐसा कौन सा म्यूजिक टीचर है जो अपने संरक्षण में लड़कों से स्कूल के नियम तुड़वाता है. मतलब होली खेलना अच्छी बात है, लेकिन आपका स्टूडेंट एक लड़की को देखकर कह रहा है-
"जा कुड़िये, जो कर ले, गोरा बदन तेरा रंग दिया"
और जबरन हिरोइन यानी शमिता शेट्टी को रंग लगाता है.
और ये तो फिर भी शाहरुख़ के दौर का गाना है, इस दौर में तो हीरो का काम ही लड़की की ना को हां मानना होता था. लेकिन वो पुराने गीत जिनको लेकर हमारे मम्मी पापा नॉस्टैल्जिया पाले  बैठे रहते हैं, होली के मामले में वहां भी कंसेंट यानी लड़की की सहमति का कोई खास खयाल नहीं रखा गया था. जैसे राजेश खन्ना और आशा पारिख का गाना-
"आज ना छोड़ेंगे बस हमजोली, खेलेंगे हम होली. चाहे भीगे तेरी चुनरिया, चाहे भीगे रे चोली, खेलेंगे हम होली."
Chahe Bheege Re Teri Chunariya Khelenge Hum Holi
एक तो जब लोगों ने चोली शब्द का निर्माण किया होगा, तब उन्होंने सबसे बड़ी गलती यही की, कि इसको होली का राइमिंग शब्द बना दिया. तो होली के गीत लिखने वाले गीतकारों ने मान लिया कि एक न एक बार तो चोली लाना ही पड़ेगा. जैसे 90s के दशक में गीतकारों ने कसम खाई थी कि हर गाने में दिल, सनम, जानम, बेवफ़ा ये सब आना ही है. वैसे ही होली के गाने में थोड़ी जोर-ज़बरदस्ती तो डालनी ही पड़ेगी.
चोली से एक और कर्कश गाना याद आता है अनु मालिक जी का. डू मी अ फेवर लेट्स प्ले होली. नायिका कह रही है- जा रे जा, डोंट टच माई चोली, उफ्फ ये होली, हाय ये होली. मतलब टेक्निकली हीरो यहां सेक्शुअल हैरेसमेंट के लिए रिक्वेस्ट कर रहा है,
"एक फेवर कर दो, अपनी चोली टच करने दो".
ऐसे सेक्शुअल हैरेसमेंट कौन करता है यार!
एक्चुअली चोली से  बॉलीवुड का ओब्सेशन वैसे भी है. गाने कैसे लिखे गए हैं-चोली के पीछे क्या है, चुनरी के नीचे. अरे आपको नहीं पता चोली के नीचे क्या है? ये तस्वीर देखिए, ये है चोली के नीचे.
होली पर कन्सेन्ट छुट्टी पर होता है क्या ?
कंसेंट को धता बताते हुआ एक और गाना है. बलम पिचकारी, जो तूने मुझे मारी. एक तो ऐसा कौन सा एडल्ट है जो पिचकारी से खेल रहा है, पहले मुझे ये बताओ. अगर मेरा बलम वयस्क होकर पिचकारी से खेल रहा है तो मुझे उसकी मेंटल एज चेक करवानी पड़ेगी. खैर, एक लाइन है-
'क्यों नो वैकेनसी की होठों पे गाली है, जबकि तेरे दिल का कमरा तो खाली है.'
Balam Pichkaari2
बेसिकली हीरो कह रहा है कि जब तुम सिंगल हो तो मुझसे ही क्यों नहीं पट लेती. ब्रो, अगर मुझे अभी भूख लगी है तो मैं खाने का वेट कर लूंगी, कूड़ा तो नहीं खा लूंगी ना.
ऐसा ही एक गाना और है होली की सेटिंग में- 'बद्री की दुल्हनिया' फिल्म से-
"तुझको बना कर के ले जाएंगे बद्री की दुल्हनिया."
होली के रंगों के बीच गया जा रहा ये गाना भी लड़की से फ़ोर्सफूली शादी करने को लेकर है.
एक और पुराना गाना है, सुनने में बड़ा मधुर भी लगता है-
'अरे जा रे हट नटखट. इसमें लड़की कह रही है - ना छू मेरा घूंघट, पलट के आज तुझे गाली रे'
लिरिक्स ऐसे हैं कि लड़की बार - बार मना कर रही है और लड़का कह रहा है कि होली है तो तुम्हारी कंसेंट का कोई मतलब नहीं है. कमाल की बात तो ये है कि ऐसे गीत हम कई साल से सुन रहे हैं. स्कूल में छोटे-छोटे बच्चे इन गानों पर डांस करते हैं और न टीचर, न  पेरेंट्स इस बात पर ध्यान देते हैं कि ऐसी गीत हैरेसमेंट को नॉर्मलाइज करते हैं. यानी उसकी स्वीकार्यता को बढ़ाते हैं.
होली पर छेड़खानी को ग्लोरीफाई करना नॉर्मल है ?
हम अक्सर ऐसे गानों के बारे में सोचते नहीं क्योंकि ये जिन फिल्मों के बीच में होते हैं उसमें हीरो-हिरोइन अक्सर रिलेशनशिप में दिखाए जाते हैं, या पति पत्नी के बीच ऐसी छेड़खानी दिखाते हैं. अक्सर ऐसे गीतों में हिरोइन खुद ही हरासमेंट की बात सुनते हुए हंस-खेल रही होती है. इससे सन्देश ये जाता है कि खासकर होली के दिन हरासमेंट की बात लड़की को बुरी नहीं लगेगी.
कहते हैं सिनेमा समाज का आईना होती है. ये गाने भी उसी हरासमेंट का आईना है जो अक्सर कुछ लड़के होली के दिन नॉर्मल मानते हैं.
इन गीतों में डायरेक्टर हमेशा ये दिखाना चाहते हैं कि रंग लड़की भी लगवाना चाहती है, लेकिन वो भाव खा रही है. तो लड़का अगर उसको पकड़कर जबरन रंग लगा देता है, और माइंड यूं, गाल-वाल में भी नहीं, चोली में, तो ये हीरोइक और रोमैंटिक कैसे है?

Women Cooking On Holi
जहां टरोहरों पर अधिकतर लोग इन्जॉय करते हैं, औरतों का लंबा समय किचन में बीत जाता है (सांकेतिक फोटो )


देखिए, लड़कियां और महिलाएं भी त्योहारों से प्रेम करती हैं, उन्हें एन्जॉय करना चाहती हैं. अधिकतर घरों में महिलाओं के त्योहार का एक बड़ा हिस्सा किचन में खाना और तमाम पकवान बनाते हुए बीत जाता है. होली एक ऐसा त्योहार है जब कई महिलाएं, खासकर शादीशुदा महिलाएं सड़कों पर रंग खेलने के लिए निकलती हैं. होना तो ये चाहिए कि हमारे गानों में लड़कियां बेहिसाब एन्जॉय कर रही हों, न कि लड़कों से छिड़ रही हों. ये गाने होली को पुरुषों का त्योहार बना देते हैं. जबकि ये त्योहार हम सबका है, जितना आपका, उतना मेरा, उतना ही हर लड़की का.
तो खूब होली खेलिए, ज़िम्मेदारी से खेलिए, कंसेंट से खेलिए और इस लॉन्ग वीकेंड के वरदान को एन्जॉय कीजिए. जोर ज़बरदस्ती न करिए, न करने दीजिए.

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