SBI ने ऐसा क्या किया कि उसे महिला विरोधी कहा जाने लगा?
आलोचना के बाद बैंक ने अपना फ़ैसला रद्द कर दिया.
क्या है मसला? 31 दिसंबर को SBI ने अपनी नई मेडिकल गाइडलाइन्स जारी कीं. इनमें लिखा है कि तीन महीने से अधिक गर्भवती महिलाओं को काम पर आने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही उन्हें टेंपरेरिली अनफिट, यानी अस्थायी रूप से अयोग्य, की श्रेणी में डाल दिया. लिखा है,SBI decides to keep circular on recruitment regarding pregnant women in abeyance: statement
— Press Trust of India (@PTI_News) January 29, 2022
"यदि प्रेग्नेंसी तीन महीने से अधिक की है, तो कैंडिडेट को अस्थायी रूप से अयोग्य माना जाएगा और बच्चे के जन्म के चार महीने के भीतर उन्हें सर्विस में वापस शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है."पुराने नियमों के तहत, छह महीने तक गर्भवती महिला उम्मीदवारों को SBI में शामिल होने की अनुमति थी. बशर्ते गायनाकॉलोजिस्ट से एक प्रमाण पत्र लेना होता था, जिसमें जांच के आधार पर लिखा हो कि काम की वजह से कर्मचारी के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा. SBI पर उठे सवाल इस क़दम की अखिल भारतीय स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया एम्प्लॉय एसोसिएशन सहित कई संगठनों ने आलोचना की. वहीं दिल्ली महिला आयोग ने इस नियम को 'महिला-विरोधी' बताया. DCW की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया,
"भारतीय स्टेट बैंक ने 3 महीने से अधिक गर्भवती महिलाओं को सर्विस में शामिल होने से रोकने के निर्देश जारी किए हैं और उन्हें 'अस्थाई रूप से अयोग्य' भी क़रार दिया. यह भेदभावपूर्ण भी है और अवैध भी. हमने उन्हें इस महिला-विरोधी नियम को वापस लेने की मांग करते हुए नोटिस जारी किया है."
शिवसेना से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी नए नियमों के विरुद्ध आपत्ति जताई. उन्होंने स्टेट बैंक के चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश कुमार खारा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने लिखा,State Bank of India seems to have issued guidelines preventing women who are over 3 months pregnant from joining service & have termed them as ‘temporarily unfit’. This is both discriminatory and illegal. We have issued a Notice to them seeking withdrawal of this anti women rule. pic.twitter.com/mUtpoCHCWq
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) January 29, 2022
"ये नए दिशा निर्देश बेहद भेदभावपूर्ण हैं और हमारे देश की महिलाओं को सशक्त करने के लिए किए गए प्रयासों को कमज़ोर करते हैं. और ऐसे नियम तब आते हैं, जब पहले से ही महिला वर्क फोर्स की स्थिति बदतर हो रखी है. वर्ल्ड बैंक एस्टीमेट के हिसाब से फीमेल लेबर की भागीदारी लगातार कम हो रही है. ऐसे दकियानूसी और सेक्सिस्ट दिशानिर्देश महिलाओं के बहिष्कार और असमानता को बढ़ावा देंगे."
प्रियंका चतुर्वेदी ने इन नियमों को तुरंत वापस लिए जाने की मांग की थी. साथ ही, DCW ने SBI से 1 फरवरी तक नोटिस का जवाब देने को कहा था. न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक़, SBI ने अपने इस विवादास्पद सर्कुलर को रद्द कर देने का फ़ैसला किया है.SBI in its revised guidelines says candidates who are 3 months pregnant will be considered temporarily unfit&will be allowed to join 4 months after delivery of child. This is discriminatory in nature. I urge Hon @nsitharaman ji & CMD @TheOfficialSBI to revoke this immediately. pic.twitter.com/AUmOaHbWzv
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) January 29, 2022