इंडिया में बनी वैक्सीन कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट पर काम करेंगी?
ओमिक्रॉन के बारे में आज सबकुछ जान लो.
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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
साल 2019. ये वो साल था जब कोविड-19 महामारी ने दुनिया को अपनी चपेट में लेना शुरू किया था. अब साल 2021 खत्म होने पर है, पर ये महामारी हमारी ज़िंदगी से जाने का नाम ही नहीं ले रही. कोविड की दूसरी वेव ने हिंदुस्तान और दुनियाभर में जो तबाही मचाई, वो किसी से छिपी नहीं है. तब डेल्टा वेरिएंट का कहर था. अब ओमिक्रॉन वेरिएंट ख़बरों में है. साउथ अफ्रीका में इस वेरिएंट के बारे में सबसे पहले पता चला और अब पूरी दुनिया फिर से डर के साए में है. ऐसे में ओमिक्रॉन वेरिएंट से जुड़ी जानकारी पाने के लिए हमें सेहत पर बहुत सारे मेल्स आए.
लोग जानना चाहते हैं कि ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से कैसे अलग है, क्या उतना ही ख़तरनाक है, क्या मौजूदा वैक्सीन इस पर काम करेंगी वगैरा-वगैरा. ओमिक्रॉनस डेल्टा से कैसे अलग है? ये हमें बताया डॉक्टर मनोज गोएल ने.
डॉक्टर मनोज गोएल, डायरेक्टर, पल्मोनोलॉजी, फ़ोर्टिस, गुरुग्राम
-कोविड-19 का नया वेरिएंट आया है जिसका नाम है ओमिक्रॉन.
-WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न' बताया है.
-अभी दुनियाभर में कोविड-19 का डेल्टा वेरिएंट फैला हुआ है.
-ओमिक्रॉन को लेकर काफ़ी हलचल मची हुई है.
-क्योंकि ये डेल्टा से अलग है और उससे ज़्यादा तेज़ी से फैल सकता है.
-इसका म्यूटेशन रेट बहुत ज़्यादा है, डेल्टा से करीब 2 गुना ज़्यादा म्यूटेशन रेट है.
-माना जा रहा है कि ओमिक्रॉन डेल्टा से 2-5 गुना ज़्यादा तेज़ी से फैल सकता है.
-हालांकि अभी ओमिक्रॉन के बारे में साफ़ तौर पर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, आने वाले 3-4 हफ़्तों में चीज़ें साफ़ होंगी. ओमिक्रॉन क्या डेल्टा वेरिएंट जितना घातक है? -अभी तक जो डेटा मिला है, उससे पता चला है कि ओमिक्रॉन से होने वाले लक्षण माइल्ड हैं.
-शरीर में दर्द, खांसी, नज़ला, कमज़ोरी इसके लक्षण हैं.
-फ्लू जैसे लक्षण भी ज़्यादातर लोगों में नहीं मिल रहे हैं.
माना जा रहा है कि ओमिक्रॉन डेल्टा से 2-5 गुना ज़्यादा तेज़ी से फैल सकता है
-पर जैसे-जैसे ये बढ़ेगा, फैलेगा और कमज़ोर इम्युनिटी वाले लोग जैसे कैंसर पेशेंट, डायबिटिक, बुज़ुर्ग लोगों पर अटैक करेगा तब पता चल पाएगा ये कितना घातक है.
- ये हो सकता है कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन ज़्यादा तेज़ी से फैले और ख़तरनाक हो. कोविशील्ड और कोवैक्सिन ओमिक्रॉन से बचाव कर सकते हैं? -फ़िलहाल मौजूदा वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ़ अच्छे से काम कर पाएंगी या नहीं, ये चिंता का टॉपिक है.
-भले ही ये वैक्सीन पूरी तरह से ओमिक्रॉन से न बचा पाएं पर काफ़ी हद तक सुरक्षा देंगी, इसलिए वैक्सीन ज़रूर लगवाएं.
-ओमिक्रॉन जितना ज़्यादा फैलेगा, उतना ज़्यादा इसके नए रूप सामने आएंगे, इसलिए इसे फैलने से रोकना है तो वैक्सीन ज़रूर लगवाएं. दवाइयां काम करेंगी? -कोविड-19 की दवाइयां नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ़ काम करेंगी या नहीं, ये अभी साफ़ नहीं है.
-पर फ़िलहाल कोविड इन्फेक्शन से लड़ने के लिए काफ़ी नई दवाइयां आ चुकी हैं, उम्मीद है वो दवाइयां ओमिक्रॉन वेरिएंट से लड़ने में कारगर साबित होंगी.
-आगे भी जो नई दवाइयां आएंगी, वो भी इस ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ़ काम करेंगी, ये संभावना है.
-पर हो सकता है कि कोविड की नई दवा जैसे कॉकटेल एंटीबॉडी ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ़ उतनी कारगर साबित न हो. बचाव -कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो करें.
-मास्क पहनें, नाक मुंह ढके रहें.
-हाथों को धोते रहें.
-सोशल डिस्टेंसिंग करें.
-बहुत ज़रूरी हो तभी घर से निकलें.
कोविड-19 की दवाइयां नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ़ काम करेंगी या नहीं, ये अभी साफ़ नहीं है
-वैक्सीन लगवाना बहुत ज़्यादा ज़रूरी है, दोनों डोज़ लगवाएं.
-जिन लोगों को निमोनिया या फ्लू की वैक्सीन लगती है, वो इसे ज़रूर लगवाएं.
-अच्छी डाइट लें.
-जिन लोगों को डायबिटीज है, वो डॉक्टर की सलाह से डाइट का पालन करें.
-एक्सरसाइज करें, इससे शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है. इंटरनेशनल सफ़र कर सकते हैं? -दुनियाभर में साउथ अफ्रीका की फ्लाइट्स बैन होना शुरू हो गई हैं.
-इंटरनेशनल सफ़र करना अवॉयड करें.
-पर अगर आपको जाना पड़ रहा है तो वैक्सीन के दोनों डोज़ ज़रूर लें.
-फ्लू जैसे लक्षण हैं तो बिलकुल भी ट्रेवल न करें.
-RT-PCR टेस्ट करवाना ज़रूरी है ट्रेवल करने से पहले.
हो सकता है कि कोविड की नई दवा जैसे कॉकटेल एंटीबॉडी ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ़ उतनी कारगर साबित न हों
-फ्लाइट में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें.
-अगर पहले से कोई बीमारी है, जैसे अस्थमा या दिल की बीमारी तो डॉक्टर की सलाह से ये दवाइयां लेते रहें.
कोविड के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर लोगों का डर और सवाल, दोनों जायज़ है. जैसे डॉक्टर साहब ने बताया, दिक्कत ये है कि इस वेरिएंट से जुड़ी पुख्ता जानकारी अभी हासिल नहीं हो पाई है. पर ये साफ़ है कि ओमिक्रॉन डेल्टा से ज़्यादा तेज़ी से फैलता है. इसलिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें. अपनी वैक्सीन ज़रूर लगवाएं. ध्यान रखें.