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दिल्ली : गे डेटिंग ऐप की मदद से मिलने गया लड़का, लोगों ने वीडियो बनाकर पैसे लूट लिए!

सीखिए कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं.

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ये तस्वीर 'मुझसे फ्रेंडशिप करोगे' फिल्म की है. इसमें लड़का और लड़की अपनी असल पहचान छिपाते हुए एक-दूसरे से फेसबुक पर बातें करते थे. असलियत सामने आने पर जमकर बवाल हुआ था. यही क्लाइमेक्स था.
ये तस्वीर 'मुझसे फ्रेंडशिप करोगे' फिल्म की है. इसमें लड़का और लड़की अपनी असल पहचान छिपाते हुए एक-दूसरे से फेसबुक पर बातें करते थे. असलियत सामने आने पर जमकर बवाल हुआ था. यही क्लाइमेक्स था.
17 दिसंबर 2020 (Updated: 17 दिसंबर 2020, 10:48 IST)
Updated: 17 दिसंबर 2020 10:48 IST
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9 दिसंबर 2020. दिल्ली का सरिता विहार इलाक़ा. यहां की एक कम्पनी में काम करने वाला दीपक (बदला हुआ नाम) बीते कुछेक सालों से चपरासी का काम करता है. दीपक की कुछ समय पहले शादी हो चुकी है. उम्र 26 साल. दीपक बहुत दिनों से एक गे डेटिंग ऐप ग्राइंडर ( Grindr ) का इस्तेमाल करता था. इसी डेटिंग ऐप पर दीपक की मुलाक़ात अमित नाम के लड़के से हुई. 9 दिसम्बर की रात दीपक और अमित की मुलाक़ात तय हुई. आगे की कहानी दीपक की ज़ुबानी सुनिए,
“उस दिन मैंने ऑफ़िस से जल्दी छुट्टी ले ली थी. मैं मेट्रो से गया, तो अमित मुझे बाइक पर लेने आ गया. मिलने पर उसने मुझे अपना नाम दानिश बताया. फिर वो मुझे अली गांव लेकर चला गया. वहां पर थोड़ा जंगल-सा था. वहाँ पर टीन की चादर से धनका हुआ एक कमरा था. हम दोनों उस कमरे में गए. उस कमरे में हम दोनों ने सेक्स किया.”
और इसके बाद हुई दुर्घटना का ज़िक्र दीपक करते हैं. कहते हैं,
“सेक्स के बाद हम दोनों ऐसे ही बिना कपड़ों के लेटे हुए थे. अचानक से वहां 4 लोग चले आए. तब मुझे ध्यान आया कि हमने कमरे का दरवाज़ा भी बंद नहीं किया था. उन 4 में से दो कमरे के अंदर चले आए. और दो बाहर खड़े रहे. जो अंदर आ गए थे, उनमें से एक ने होमगार्ड की वर्दी पहन रखी थी. और दूसरे ने हमारा वीडियो बनाना शुरू कर दिया.”
दीपक बताते हैं,
“मैं बहुत घबरा गया था. मुझे लगा कि अब मेरे घर पर पता चल जाएगा. हमने कपड़े पहन लिए. उन लोगों ने हम दोनों को बहुत देर तक बिठाए रखा. मैंने कहा कि हमें जाने दो तो वो लोग पुलिस केस की धमकी देने लगे. उन्होंने दूसरे लड़के की जाति पूछी. दूसरे लड़के ने बताया, उसके बाद मुझसे पूछताछ शुरू कर दी. मेरा फ़ोन छीन लिया. सारी फ़ोटो और सबकुछ देखने लगे. इतना सब करने के बाद उन्होंने हमसे पैसे की माँग की.”
अमित से 50 हज़ार रुपए मांगे गए. अमित के पास फ़ौरन इतने पैसे नहीं थे. लिहाज़ा अमित ने किसी से ऑनलाइन पैसे मांगकर दो बार में उन लोगों को पैसे दिए. जब दीपक से 50 हज़ार रुपए मांगे गए तो दीपक ने कहा कि उनकी सैलरी ही साढ़े 12 हज़ार है. वो 50 हज़ार नहीं दे सकते हैं. दीपक से सैलरी के बचे हुए साढ़े 9 हज़ार रुपए ले लिए गए. और उसे वहां से जाने को बोल दिया गया. दीपक बताते हैं कि वो पुलिस केस करने से डर रहे हैं. फिर भी वो सरिता विहार थाने गए. वहां पर थानेदार ने दीपक से अकेले में बात करने से इंकार कर दिया. बक़ौल दीपक, थानेदार ने कहा कि सबके सामने बात करो. दीपक ने किसी तरह अपनी दिक़्क़त बतायी. दीपक हमसे साझा करते हैं,
“मैं FIR नहीं करवाना चाहता हूं. मैं नहीं चाहता हूं कि मेरी पहचान कहीं से ज़ाहिर हो. मेरा पैसा भी चला गया, कोई दिक़्क़त नहीं. बस वो वीडियो किसी तरह पुलिस डिलीट करवा दे.”
दीपक की कहानी नयी नहीं है. लेकिन फिर भी दीपक ने ये वादा किया कि वो पुलिस से बात करके क़ानूनी तरीक़े से इसका हल निकालने की कोशिश करेंगे. दिल्ली में ये आम है. नवंबर में दिल्ली पुलिस ने ऐसे एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जो गे डेटिंग ऐप पर फ़र्ज़ी प्रोफ़ाइल बनाता था. लोगों को मिलने के बहाने सुनसान जगह पर बुलाया जाता था. और उस जगह पर उनसे लूटपाट कर ली जाती थी.

ये लोग कैसे काम करते हैं?

नवंबर केस के आधार पर बात करते हैं. गूगल से ये लोग ढेर सारी फोटोज डाउनलोड करते थे. उनका इस्तेमाल करके डेटिंग ऐप पर प्रोफाइल बनाते थे. लोगों से बात करते थे. अधिकतर दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाज़ियाबाद के होते थे. बातचीत पक्की होने के बाद उन्हें सेक्टर 29 बुलाते थे. उनमें से कोई एक वहां मिलने आता था डेट पर. वह वहां से सदर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (गुरुग्राम से निकलने वाली सड़क. बीच में गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड आता है) पर ड्राइव के लिए चलने को कहता था. सुनसान जगह देखकर अपने साथियों को इन्फॉर्म कर देता था. वो लोग आकर गाड़ी को घेरकर लूट लेते थे. फिर वहां से चम्पत हो जाते थे.

दिक़्क़त क्या है?

पुलिस ने तो रैकेट का भंडाफोड़ किया है. लेकिन पुलिस के पास अभी भी कोई आधिकारिक कम्प्लेन नहीं आ सकी है. जानकारों के मुताबिक़, समलैंगिक होना क़ानूनी तो है, लेकिन अभी भी एक टैबू है. लोग ये स्वीकार करने से डरते हैं कि वो समलैंगिक हैं. और चूंकि वो अपराध करने वालों से गे डेटिंग ऐप पर मिलते हैं तो पुलिस में शिकायत भी नहीं करना चाहते हैं. कुछ शादीशुदा होते हैं या संयुक्त परिवार में होते हैं, तो उनकी दिक़्क़त एक तह और बढ़ जाती है. भारत में बने डेटिंग ऐप Woo ने एक सर्वे किया. इसमें पता चला कि भारत में ऑनलाइन डेटिंग की दुनिया में सिर्फ 26 फीसद प्रोफाइल्स ही महिलाओं की हैं. यानी पुरुषों को अपने मैच ढूंढने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है.

तो करें क्या?

तो भईया लल्लनटॉप, ये तो बताओ कि ऐसे अपराध से बचने के लिए करें क्या? संक्षिप्त जवाब दो शब्दों में : सूझबूझ और साहस. लम्बा जवाब कुछ ऐसे : 1). अपनी पहचान ना छुपाएं. अगर आप डेट करना चाहती/चाहते हैं, तो नकली आईडी ना बनाएं. इससे सामने वाले के साथ धोखा होता है. आप खुद भी वैसे इंसान से नहीं मिल सकेंगे जिसकी आपको तलाश है. इससे सिर्फ ग़लतफ़हमी बढ़ती है, और नुकसान होता है. 2). सीधे अपना फ़ोन नंबर ना दें. अगर आपको डेटिंग एप पर कोई अच्छा लगता है, तो पहले उससे बातचीत करें. थोड़े दिन तक बातचीत करें. फिर ही डिसाइड करें कि आपको बात आगे बढ़ानी है या नहीं. मिलना है या नहीं. 3). बाहर मिलें तो सबसे पहली बात आपके दिमाग में कौंधे - सुरक्षा. सौरभ द्विवेदी रोज 10 बजे वाली मीटिंग में कहते हैं कि आप स्वस्थ हैं, तो सब स्वस्थ है. तो पहले अपनी सेहत और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए ही किसी से मिलें या मिलने की जगह का चुनाव करें. 4). सेफ़्टी में सेक्शुअल सेफ़्टी भी आती है. कंडोम का इस्तेमाल करें. 5). पैसा-रुपया, फ़ोन रिचार्ज, अचानक की कुछ ख़रीददारी और अपनी पर्सनल जानकारी साझा करने से बचें. 6). क़ानून और न्याय व्यवस्था हमारे लिए हैं. हमारी सुविधा के लिए है. पुलिस की मदद लीजिए. बिना डरे. नहीं समझ में आता तो सोशल मीडिया पर किसी वक़ील की मदद लीजिए. लोग अगर चोट पहुँचाते है तो इस दुनिया में मदद करने वाले बहुत सारे लोग हैं.

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