पीरियड्स में सेक्स करने से प्रेग्नेंट नहीं हो सकते?
सेक्स से जुड़े सबसे आम मिथकों के सही जवाब आज जान लो!
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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
अगर मैं मास्टरबेट करूंगा तो क्या मैं अंधा हो जाऊंगा? क्या मैं नपुंसक बन जाऊंगा? क्या अच्छी सेक्स लाइफ के लिए लिंग का साइज़ मैटर करता है? मुझे अक्सर नाइटफॉल होता है, क्या इसका मतलब है मैं कमज़ोर हूं? क्या मैं बाप नहीं बन पाऊंगा? क्या शराब पीकर सेक्स करने से पौरुष शक्ति बढ़ती है? क्या पीरियड्स के दौरान अनसेफ़ सेक्स करने के बावजूद भी प्रेग्नेंसी नहीं होगी?
ये पांच ऐसे सवाल हैं जो आप में से बहुत, बहुत सारे लोगों ने हमें कई बार भेजे हैं. अब सबका नाम लेना पॉसिबल नहीं है, और कई लोग नहीं चाहते हम शो पर उनका नाम लें, इसलिए हमने इन सारे सवालों की लिस्ट बनाई और पूछा एक एक्सपर्ट से. वैसे भी बात जब सेक्स की आती है तो हम में से ज़्यादातर लोगों में जागरूकता की कमी साफ दिखती है. हम अपनी समस्याओं के बारे में खुलकर बात करने से झिझकते हैं. और जब सही सोर्स से जानकारी नहीं मिलती तो फैलते हैं मिथक. इसलिए आज हम सेक्स से जुड़े 5 बहुत ही आम मिथकों के बारे में बात करेंगे. सुनिए एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं. हस्तमैथुन करने से नपुंसकता होती है? ये हमें बताया डॉक्टर सारांश जैन ने.
डॉक्टर सारांश जैन, सेक्सोलॉजिस्ट, एसके जैन बर्लिंगटन क्लिनिक, लखनऊ
-लोगों का मानना है कि हस्तमैथुन करने से अंधापन, एक्ने, डार्क सर्किल, नपुंसकता होती है.
-आंखें धस जाती हैं, गाल पिचक जाते हैं, स्पर्म काउंट कम हो जाता है वगैरह.
-ऐसे कई मिथक हैं, जिनके सिर-पैर नहीं हैं.
-हस्तमैथुन करने से कोई नुकसान नहीं होता है.
-हस्तमैथुन से दिक्कत तब होती है जब उसकी लत लग जाती है.
-जब किसी भी एक्टिविटी की अति हो जाती है तो उसको लत बनते देर नहीं लगती.
-किसी भी चीज़ की लत अच्छी नहीं होती.
-यही बात हस्तमैथुन पर भी लागू होती है.
-अगर आपको हस्तमैथुन करने की लत लग जाएगी तो आपकी डेली लाइफ पर असर पड़ेगा.
-टीनएजेर्स की पढ़ाई पर असर पड़ता है.
-सोशल लाइफ पर असर पड़ेगा.
-क्योंकि आपका ज़्यादातर समय इसी में निकल जाएगा.
-लोग अपने गोल पर फोकस नहीं कर पाते, ये चीज़ ग़लत है.
-कई लोगों को इतनी लत पड़ जाती है कि वो हस्तमैथुन किए बगैर रह नहीं पाते, चाहे जो भी हो जाए.
-शारीरिक और मानसिक निर्भरता हो जाती है.
-बिना हस्तमैथुन किए चैन नहीं मिलता.
-अपनी इच्छाओं पर काबू नहीं कर पाते.
अगर आपको हस्तमैथुन करने की लत लग जाएगी तो आपकी डेली लाइफ पर असर पड़ेगा
-बर्ताव में बदलाव आने लगता है.
-ये गलत है.
-कई बार हस्तमैथुन रफ़ तरीके से करने के कारण चोट लग जाती है.
-सेक्स से ज़्यादा हस्तमैथुन करना चूज़ करते हैं.
-तो ये चिंता की बात है.
-ऐसे में किसी एक्सपर्ट से जल्द से जल्द मिलें.
-कुछ लोगों में हस्तमैथुन के कारण गिल्ट होता है.
-जिसकी वजह से इमोशनल हेल्थ और सेल्फ़ एस्टीम पर भी असर पड़ता है.
-ऐसा मत होने दीजिए.
-अगर आप एक हद तक हस्तमैथुन कर रहे हैं, सही तरीके से कर रहे हैं तो हस्तमैथुन से कोई प्रॉब्लम नहीं होती.
-ये पूरी तरह से नॉर्मल है.
-बस इसकी लत मत पड़ने दीजिए.
-हेल्दी हस्तमैथुन करना प्रोस्टेट कैंसर के रिस्क से बचा सकता है. क्या लिंग के साइज़ से फ़र्क पड़ता है? -क्या लिंग का साइज़ मायने रखता है?.
-ये भी एक बहुत बड़ा मिथक है.
-ऐसा माना जाता है कि अच्छी सेक्स लाइफ के लिए लिंग का साइज़ मायने रखता है.
-इस मिथक की पहली बड़ी वजह है पोर्न.
-दूसरी वजह है सेक्स एजुकेशन की कमी.
-पोर्न की वजह से लोग अपने दिमाग में ग़लत धारणा बना लेते हैं.
-एजुकेशन और जागरूकता की कमी के कारण लोग इन्हें सच भी मान लेते हैं.
-इसी वजह से वो सच्चाई से दूर हो जाते हैं.
ऐसा माना जाता है कि अच्छी सेक्स लाइफ के लिए लिंग का साइज़ मायने रखता है
-वजाइना की गहराई लगभग 6 इंच होती है.
-बाहर का एक तिहाई हिस्सा यानी आगे का 2 इंच और बाहरी हिस्से में सबसे ज़्यादा नर्व एंडिंग होती हैं.
-सबसे ज़्यादा सेंसेशन होती है.
-ये एरिया संवेदनशील होता है.
-वजाइना के अंदर का दो तिहाई हिस्सा यानी लगभग 4 इंच, इसमें कोई सेंसेशन नहीं होती.
-इसलिए अगर लिंग का साइज़ 2 इंच भी है और इरेक्शन होता है.
-तो ये अच्छी सेक्स लाइफ के लिए काफ़ी होता है.
-ज़्यादातर महिलाओं को लिंग के साइज़ से फ़र्क नहीं पड़ता, वो क्वालिटी ऑफ़ सेक्स को तवज्जो देती हैं.
-इसके लिए फोरप्ले को समय दें.
-ये रिलेशनशिप के लिए ज़्यादा अच्छा है. नाइटफॉल का मतलब है आप 'कमज़ोर' हैं? -युवा पीढ़ी की सबसे बड़ी समस्या है नाइटफॉल.
-जिसकी वजह से वो डिप्रेशन तक के शिकार हो जाते हैं.
-क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि वो इम्पोटेंट हो जाएंगे.
-सेक्स्शुअली कमज़ोर हो जाएंगे.
-सीमन कम हो जाएगा.
-नपुंसकता हो जाएगी, लाइफ अच्छी नहीं होगी.
-ये सब एक मिथक है.
-नाइटफॉल एक नॉर्मल फिज़ियोलॉजिकल फ़िनौमिना है.
-सीमन लगातार शरीर में बनता रहता है.
-अगर आपने उसे शरीर से बाहर नहीं निकाला, चाहे सेक्स के ज़रिए या हस्तमैथुन करके.
-तो वो खुद शरीर से बाहर निकल जाता है.
-पर अगर नाइटफॉल रोज़ हो रहा है.
युवा पीढ़ी की सबसे बड़ी समस्या है नाइटफॉल
-या जल्दी-जल्दी हो रहा है तो ये किसी समस्या का संकेत हो सकता है.
-इसलिए डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें.
-लेकिन अगर हफ़्ते में 1-2 बार ही नाइटफॉल होता है तो ये हेल्दी सेक्स्शुएलिटी का संकेत है.
-ये एकदम नॉर्मल है.
-क्या नाइटफॉल में सीमन निकलने से कमज़ोरी हो जाती है?
-या सीमन इतना कीमती है कि उसकी एक बूंद खून के 40-80 बूंद के बराबर है?
-क्या सीमन को बचाकर रखना चाहिए?
-ऐसे कई मिथक हैं जो सही नहीं हैं.
-सीमन 3 चीज़ों का मिश्रण होता है.
-10 प्रतिशत स्पर्म.
-ये स्पर्म अंडकोष में बनते हैं.
-60 प्रतिशत सेमिनल वेसिकल होता है.
-30 प्रतिशत प्रोस्टेट ग्लैंड से होने वाला रिसाव.
-ये तीनों चीज़ें मिलकर सीमन बनाती हैं.
-ये पूरी ज़िंदगी बनता और निकलता रहता है.
-अगर आप सीमन को स्टोर भी करना चाहें तो ऐसा नहीं हो सकता.
-क्योंकि सीमन लगातार बनता रहता है.
-अगर वो शरीर के बाहर नहीं निकला तो नाइटफॉल हो जाता है. शराब पीकर सेक्स करने से पौरुष शक्ति बढ़ती है? -ये धारणा हर वर्ग के लोगों में बैठी है.
-फिर वो शिक्षित हों या अशिक्षित.
-लोगों को ऐसा लगता है कि शराब पीकर सेक्स करने से स्टैमिना बढ़ता है.
-ज़्यादा देर तक सेक्स कर पाते हैं.
-ज़्यादा मज़ा आता है.
-शराब का सेवन कर के सेक्स करने पर पहले ये अनुभव ज़रूर हो सकता है.
-लेकिन आगे जाकर दिक्कतें और बढ़ जाती हैं.
-वक़्त के साथ सेक्स करने में असफ़ल भी हो जाते हैं.
-क्योंकि शराब उत्तेजित करती है.
लोगों को ऐसा लगता है कि शराब पीकर सेक्स करने से स्टैमिना बढ़ता है
-पर इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति छीन लेती है.
-क्योंकि शराब का सेवन करने से लिंग में ब्लड सप्लाई कम हो जाती है.
-साथ ही सेंट्रल नर्वस सिस्टम भी डिप्रेस हो जाता है.
-नतीजा? इरेक्शन होने में या मेंटेन करने में दिक्कत होती है.
-यही सेम चीज़ महिलाओं में भी होती है.
-शराब पीने से स्त्री जननांग में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है.
-लुब्रिकेशन भी कम हो जाता है.
-इसलिए रगड़ ज़्यादा लगती है.
-जिससे सेक्स करने में दर्द भी होता है.
-शराब पीकर सेक्स करने से पौरुष शक्ति बढ़ती है, ये केवल एक मिथक है.
-उल्टा शराब आपको शारीरिक तौर पर कमज़ोर कर देती है.
-इसलिए इससे बचें. पीरियड्स में सेक्स करने से प्रेग्नेंट नहीं हो सकते? -ये आम मिथक है कि पीरियड्स के दौरान अनसेफ़ सेक्स करने पर भी प्रेगनेंट नहीं हो सकते.
-हालांकि ये सच नहीं है.
-पीरियड्स के दौरान अनसेफ़ सेक्स करने से भी प्रेग्नेंसी हो सकती है.
-पीरियड्स के पहले 1-2 दिनों में चांसेस कम होते हैं.
-पर समय के साथ चांस भी बढ़ जाता है.
-ब्लीड कर रहे होते हैं तब भी प्रेग्नेंसी हो सकती है.
-क्योंकि प्रेग्नेंसी के लिए महिलाओं के अंडे और पुरुष के स्पर्म की ज़रूरत होती है.
-जहां ओवरी से अंडा निकलता है, वहां 12-24 घंटे जिंदा रहता है.
-स्पर्म 5 दिनों तक जिंदा रह सकता है.
ये आम मिथक है कि पीरियड्स के दौरान अनसेफ़ सेक्स करने पर भी प्रेगनेंट नहीं हो सकते
-अंडा कभी भी रिलीज़ हो सकता है इसलिए फर्टिलाइजेशन का चांस रहता है.
-ज़्यादातर महिलाओं की साइकिल 28-30 दिनों की होती है.
-ओवुलेशन 12-14 दिन पर होता है.
-वहीं कुछ औरतों की साइकिल 21 दिन की भी होती है.
-ऐसे में सांतवें दिन पर ओवुलेशन देखने को मिलता है.
-कुछ औरतों की साइकिल 35 दिन या उससे ज़्यादा की होती है.
-उनमें ओवुलेशन 21वें दिन पर देखने को मिलता है.
-ओवुलेशन का दिन और समय बदलता रहता है.
-कुछ महिलाओं में ओवुलेशन के दौरान ब्लीडिंग होती है.
-जिसे वो पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग समझ लेती हैं.
-अब अगर इस दौरान बिना प्रोटेक्शन सेक्स किया तो प्रेग्नेंसी का चांस बढ़ जाता है.
-इसलिए अगर प्रेग्नेंसी नहीं चाहते हैं तो प्रोटेक्शन के साथ सेक्स करें.
डॉक्टर सारांश जैन ने जिन 5 मिथकों के बारे में बात की है, वो लगभग हर इंसान के मन में होते हैं. उम्मीद है आज आपके सारे मिथक दूर हो गए होंगे. अपनी सेक्स्शुअल को इग्नोर न करें. अगर आपको कोई समस्या महसूस हो रही हैं तो गूगल बाबा के चक्कर में न पड़ें. किसी एक्सपर्ट से मिलें और सही राय लें.