Shark Tank India: बुलीइंग के खिलाफ इस 13 साल की लड़की के आइडिया को मिले 50 लाख रुपये
शार्क टैंक शो में एंटी बुलीइंग ऐप 'कवच' बनाने का आइडिया लेकर पहुंची थीं अनुष्का जॉली.
Advertisement
शार्क टैंक इंडिया. अमेरिका के बिज़नेस रिएलिटी शो की इंडियन फ्रेंचाइजी. 20 दिसम्बर 2021 से भारत में शुरू हुआ ये शो कई कारणों से चर्चा में है. इनमें से एक कारण है इस शो में सबसे कम उम्र की प्रतिभागी अनुष्का जॉली. महज 13 साल की अनुष्का पिछले तीन सालों से स्कूल और यूनिवर्सिटी में होने वाली ‘बुलीइंग’ के खिलाफ़ ‘एंटी बुलीइंग स्क्वाड’ चला रही हैं. अनुष्का का कहना है कि इस वेबसाइट ने लगभग 100 स्कूलों में 2000 से अधिक बच्चों की मदद की है. अब वो इसी आइडिया को ‘कवच’ नाम के ऐप में तब्दील करके बुलीइंग को लेकर सोशल अवेयरनेस बढ़ाना चाहती हैं.
शार्क टैंक इंडिया शो के जजों को उनका ये आइडिया बेहद इंस्पायरिंग और समाज के लिए हितकर लगा. शो में शामिल जजों में अनुपम मित्तल और अमन गुप्ता ने अनुष्का के ऐप के लिए 50 लाख रुपये का निवेश किया है. कैसे हुई शुरुआत?
हरियाणा के गुरुग्राम स्थित पाथवे स्कूल की आठवीं क्लास में पढ़ने वालीं अनुष्का जॉली ने साबित किया है कि कामयाबी हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती. उनके जज्बे का अंदाजा आप इसी बात से लगा लीजिए कि महज़ 10 साल की उम्र में उन्होंने 'एंटी बुलीइंग स्क्वॉड' वेबसाइट तैयार की और इसके CEO की जिम्मेदारी भी संभाल ली.
वेबसाइट के ज़रिए अनुष्का कुछ मनोवैज्ञानिकों की मदद से काउन्सलिंग सेशन्स चलाती हैं. इनमें वो स्कूली बच्चों को बुलीइंग के बारे मे समझाती हैं और बुली हुए बच्चों को इससे निकालने में मदद करती हैं. न्यूज़18 को दिए एक इंटरव्यू में अनुष्का ने इस आइडिया के पीछे के अपने मोटिवेशन के बारे में बताया. उन्होंने कहा,
"मैं खुद बुलीइंग का शिकार हुई हूं. मैंने बुलिंग देखी है. मैं 'एंटी बुलीइंग स्क्वाड' शुरू करने के लिए तब प्रेरित हुई जब मेरे दो दोस्त मेरे पास आए और उन्होंने मुझे बताया कि वो एक लड़की को बुली करेंगे. मुझे उस व्यक्त बहुत गुस्सा आया कि वो उस लड़की को सिर्फ इसलिए परेशान करेंगे क्योंकि उसे देखकर उन्हें चिढ़ होती थी."बुलिंग को कैसे समझा?
अनुष्का ने रिसर्च की और पाया कि हर पांच में से एक बच्चा बुलीइंग का शिकार है.
अनुष्का के मुताबिक उनके दोस्तों ने जिस लड़की को बुली किया था, उसे देखकर उन्होंने समझा कि कितने ही बच्चे इसका शिकार होते होंगे. अनुष्का ने बताया,
"जब वे उसे बुली कर रहे थे, मैंने उस लड़की को देखा. वो छोटी सी डरी हुई लड़की नहीं जानती थी कि वो क्या करे. मैंने उसकी मदद की और महसूस किया कि मुझे इसे लेकर सीरियसली कुछ करना चाहिए."इसके बाद अनुष्का ने अपने पिता से बुलीइंग को लेकर कुछ करने की इच्छा ज़ाहिर की. उन्होंने इस पर रिसर्च किया और पाया कि हर पांच में से एक बच्चा बुलीइंग का शिकार है. बुलिंग पर अपनी समझ ज़ाहिर करते हुए अनुष्का ने कहा,
"बुलीइंग किसी को जानबूझकर नीचा दिखाना है. बुलीइंग डिप्रेशन और डर जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती है. इसलिए मैंने फैसला किया कि मुझे इसके लिए कुछ करना है. तब मुझे एंटी बुलीइंग स्क्वाड बनाने का आइडिया आया."समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में अनुष्का ने बताया कि पिछले तीन सालों से एंटी बुलीइंग स्क्वाड एक ऐसी कम्युनिटी की तरह काम कर रहा है, जहां एक्सपर्ट्स इस तरह के व्यवहार के पीड़ित बच्चों से पर्सनली बात करते हैं और उन्हें इसके नकारात्मक प्रभावों से उबारने की कोशिश करते हैं. आइडिया को मिले 50 लाख रुपये
अनुष्का अपने पिता के साथ शार्क टैंक देखती आई हैं. वो भारत में पहली बार लॉन्च हुए इस शो की सबसे कम उम्र की प्रतिभागी हैं जिनके आइडिया के लिए जजों ने रुपये इन्वेस्ट किए हैं. अनुष्का ने इससे डेवलप होने वाले ऐप कवच के बारे में बताया है. उनके मुताबिक 'कवच' में स्कूल-कॉलेज में होने वाली बुलीइंग के खिलाफ़ शिकायत की जा सकेगी. इसे झेल चुके लोगों के अनुभव जाने जा सकेंगे. साथ ही बुलीइंग के खिलाफ सोशल अवेयरनेस फैलाने का काम होगा.
स्टूडेंट, पैरेंट या स्कूल स्टाफ़, कोई भी बुलीइंग की शिकायत कवच पर दर्ज करा सकता है. उसकी पहचान गोपनीय रहेगी. अनुष्का ने बताया है,
"कई सारे बुलीइंग के केस इसलिए नहीं सुलझते क्योंकि वे रिपोर्ट ही नहीं होते. इसलिए मैं एक ऐसा ऐप बनाना चाहती हूं जहां कोई भी बुलीइंग की शिकायत गोपनीय रूप से दर्ज करवा सकता है."अनुष्का के इस आइडिया में इन्वेस्ट करने वाले जज अनुपम मित्तल ने कहा,
जजेस् ने अनुष्का के आइडिया में किया 50 लाख का इनवेस्टमेंट.
"बुलीइंग बहुत बड़ी बीमारी है जिसको लेकर किसी ना किसी को तो कुछ तो करना चाहिए था."चलते-चलते बता दें कि शार्क टैंक इंडिया के पहले सीज़न में 198 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इनमें से केवल 68 प्रतिभागियों के आइडिया को जजों ने सपोर्ट किया है.