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पुराने भड़काऊ बयान याद दिलाने पर क्या बोले सीएम योगी आदित्यनाथ?

जवाब में पलटकर योगी ने सौरभ द्विवेदी से क्या पूछ लिया?

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13 जनवरी 2022 (Updated: 13 जनवरी 2022, 12:33 IST)
Updated: 13 जनवरी 2022 12:33 IST
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यूपी में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. सियासी ताप के बीच दी लल्लनटॉप ने इंटरव्यू किया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का. संपादक सौरभ द्विवेदी ने उनसे सरकार के कामकाज और तमाम बड़े विवादों से लेकर जन सरोकार से जुड़े मुद्दों पर सीधे सवाल पूछे. योगी से पूछा गया कि सांसद योगी आदित्यनाथ और सीएम योगी आदित्यनाथ के बयानों में अंतर दिखता है. जब सांसद (रहे) योगी आदित्यनाथ के बयान देखते हैं तो वह यूपी के सामाजिक ढ़ांचे पर टिप्पणियां करते हैं. बाबर की औलाद, बजरंगबली की बात करते हैं. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री होते हुए चुनावी मूड में पंरपरा, धर्म परिवर्तन, योग, हाफिज सईद इन सब पर बात करते हैं. लोग कहते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने थोड़ा सा टोन डाउन कर लिया है. ऐसा है क्या? इस सवाल के जवाब में योगी ने पलटकर सौरभ द्विवेदी से ही पूछ लिया. आपको लगता है. इसके बाद योगी ने कहा,
मैं 2017 के पहले जो था, वही आज भी हूं. पहले सांसद था, आज मुख्यमंत्री हूं. पहले धर्म परिवर्तन पर कंट्रोल करने की बात करता था, मुख्यमंत्री बनने के बाद उसके लिए एक्ट बनाता हूं. उससे पहले आतंकवादियों के खिलाफ दायर मुकदमों को पिछली सरकार वापस लेती थी, तो उसके खिलाफ आंदोलन करता था. आज एंटी नेशनल एलीमेंट के खिलाफ जिस प्रकार की प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए, उसको क्रियान्वित करता हूं. जो पहले बोलता था आज वो कर रहा हूं. अब फर्क आपको कहां पर नजर आता है? हां, फर्क एक जगह जरूर नजर आता होगा, 2017 के पहले और 2017 के बाद. लेकिन मेरी कार्य पद्धति पहले सैद्धांतिक थी तो सैद्धांतिक रूप से बोलता था, 2017 के बाद व्यवहारिक हुई तो उसे व्यवहारिक रूप से धरातल पर उतारता हूं.
बता दें कि योगी आदित्यनाथ अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं. हाल ही में लखनऊ में एक कार्यक्रम ने योगी ने इशारों-इशारों में कह दिया था कि 20 फीसदी मुसलमान उन्हें वोट नहीं देंगे और सिर्फ 80 फीसदी हिन्दुओं का वोट ही उन्हें मिलेगा. उन्होंने कहा था कि
”मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं, जो गलतफहमी के शिकार हैं, वे ही अपने आंकड़े प्रदेश में थोपने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन यह चुनाव 80 बनाम 20 का होगा, 80 फीसदी समर्थक एकतरफ होगा, 20 फीसदी दूसरी तरफ होगा. मुझे लगता है कि 80 फीसदी सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे जबकि 20 फीसदी ने हमेशा विरोध किया है, आगे भी विरोध करेंगे, लेकिन सत्ता भाजपा की आएगी. भाजपा फिर ‘सबका साथ सबका विकास’ के अभियान को आगे बढ़ाने का काम करेगी.
योगी के इस बयान की विपक्ष ने आलोचना की थी.

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