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जेलेंस्की के कहने के बाद भी नाटो यूक्रेन के एयरस्पेस को बंद क्यों नहीं कर रहा?

कैसे एयरस्पेस बंद करने से तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाएगा? नाटो ने बताया

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यूरोपियन काउंसिल के प्रेसिडेंट चार्ल्स मिचेल, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति पुतिन. (फोटो: एपी)
7 मार्च 2022 (Updated: 7 मार्च 2022, 08:19 IST)
Updated: 7 मार्च 2022 08:19 IST
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रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. इस युद्ध में रूस के हमले रोकने के लिए यूक्रेन ने कई बार यूरोपीय नेताओं और नाटो देशों से अपील की है कि वे उसके एयरस्पेस को बंद कर दें, और इसे नो-फ्लाई जोन घोषित करें. लेकिन, यूरोपीय देश और नाटो दोनों ने ही ऐसा करने से साफ़ इनकार कर दिया है. यूरोपीय देशों का कहना है कि अगर वे ऐसा करते हैं तो नाटो भी अप्रत्यक्ष रूप से इस जंग का भागीदार बन जाएगा, जिसके कारण पूरे यूरोप में युद्ध का खतरा मंडराने लगेगा. वोलोडिमिर जेलेंस्की हुए नाराज शुक्रवार, 04 मार्च को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने एक बार फिर यूक्रेनी एयरस्पेस को बंद करने की अपनी मांग को दोहराया. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि नाटो देशों के फैसला न ले पाने के चलते रूस को यूक्रेन में और अधिक बमबारी करने की इजाजत मिल गई है. जेलिंस्की ने नाराजगी जाहिर करते हुए यह भी कहा,
'आज एक नाटो सम्मेलन हुआ, एक कमजोर सम्मेलन, एक कन्फ्यूज्ड सम्मेलन, एक ऐसा सम्मेलन जहां यह स्पष्ट था कि हर कोई यूरोप की स्वतंत्रता की लड़ाई को नंबर एक लक्ष्य नहीं मानता है.'
यूरोपियन यूनियन और नाटो का क्या कहना है? वोलोडिमिर जेलेंस्की के नाराजगी जताने के बाद यूरोपियन यूनियन और नाटो दोनों की ओर से सफाई आई. यूरोपियन यूनियन के नेता और यूरोपियन काउंसिल के प्रेसिडेंट चार्ल्स मिचेल ने रविवार, 06 मार्च को कहा कि यूक्रेन के एयरस्पेस को बंद करने से तीसरा विश्व युद्ध तक छिड़ सकता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मिचेल ने एक इंटरव्यू में कहा,
'यूक्रेन पर लड़ाकू विमानों की तैनाती के चलते नाटो को युद्ध में भागीदार माना जा सकता है और इसलिए तीसरा विश्व युद्ध भी छिड़ने का खतरा है.'
चार्ल्स मिचेल ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना 'रूस के खिलाफ यूरोपीय संघ या नाटो' का युद्ध नहीं है. मिचेल ने कहा कि यूरोप और अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध रूसी सत्ता पर दबाव डालकर उसे युद्ध से पीछे हटने को मजबूर करने के लिए हैं, न कि रूसी लोगों को क्षति पहुंचाने के लिए. उधर, नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने यूक्रेन की मांग को खारिज करते हुए कहा,
'हम इस संघर्ष में भागीदार नही हैं. हमारी जिम्मेदारी यह है कि इस युद्ध को यूक्रेन से आगे न बढ़ने दिया जाए, क्योंकि वह काफी खतरनाक होगा, ज्यादा विध्वंसक होगा और जिसके कारण बहुत ज्यादा मानव नुकसान होगा.'
 नो-फ्लाई जोन क्या होता है? नो-फ्लाई जोन उस एयरस्पेस को कहते हैं जहां कुछ विशेष एयरक्राफ्ट को उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. किसी देश के संवेदनशील इलाकों जैसे कि न्यूक्लियर प्लांट्स, देश के सर्वोच्च सरकारी पदों वाले लोगों के आवास, रक्षा संबंधी संस्थाओं आदि की सुरक्षा को ध्यान में रखकर एयरस्पेस को बंद करने का फैसला किया जाता है. जिस देश के एयर स्पेस पर प्रतिबंध लगता है, उस देश के सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया जाता है. इसका मतलब ये है कि यदि कोई एयरक्राफ्ट (फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर, ड्रोन इत्यादि) उस देश के नो-फ्लाई जोन में घुसता है, तो जरूरत पड़ने पर वहां की आर्मी उसे ध्वस्त कर सकती है. 1990 के दशक में इराक युद्ध के समय पहली बार इस तरह का निर्णय लिया गया था.

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