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चुनाव हारने के बाद हरीश रावत ने खुद को जला देने की बात क्यों की?

हरीश रावत पर उनके एक करीबी नेता ने लगाए बड़े आरोप

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बाएं से दाएं - हरीश रावत और रंजीत रावत
15 मार्च 2022 (Updated: 15 मार्च 2022, 09:28 IST)
Updated: 15 मार्च 2022 09:28 IST
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उत्तराखंड में चुनावी हार के बाद कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है. उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रंजीत रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर टिकट बेचने का आरोप लगाया है. हरीश रावत ने रंजीत के आरोप का जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा है तो फिर कांग्रेस नेतृत्व को उन्हें पार्टी से तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए. हरीश रावत ने मंगलवार, 15 मार्च को अपने एक ट्वीट में लिखा,
'पद और पार्टी का टिकट बेचने का आरोप अत्यधिक गंभीर है और यदि वह आरोप एक ऐसे व्यक्ति पर लगाया जा रहा हो, जो मुख्यमंत्री, पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी का महासचिव रहा हो और वर्तमान में कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य हो. साथ ही अगर आरोप लगाने वाला व्यक्ति भी गंभीर पद पर विद्यमान व्यक्ति हो, तो यह आरोप और भी गंभीर हो जाता है. यह आरोप मुझ पर लगाया गया है. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस पार्टी मुझ पर लगे इस आरोप के चलते मुझे पार्टी से निष्कासित करे.'
हरीश रावत ने आगे कहा,
'होली बुराइयों के समन का एक उचित उत्सव है, होलिका दहन और हरीश रावत रूपी बुराई का भी इस होलिका में कांग्रेस को दहन कर देना चाहिए‌.'
रंजीत रावत ने क्या कहा था? उत्तराखंड में चुनावी नतीजे सामने आने के बाद से कांग्रेस नेता रंजीत रावत हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. आजतक के दिलीप सिंह राठौड़ की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार, 14 मार्च को रंजीत रावत ने हरीश रावत पर पैसे लेकर विधानसभा चुनाव में टिकट बांटने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा,
'टिकट नहीं मिलने पर लोग अब हरीश रावत को तलाश रहे हैं. कुछ लोगों के पैसे हरीश रावत के मैनेजर ने लौटा दिए लेकिन कुछ अभी भी पैसे मांगते हुए नजर आ रहे हैं...नए नेताओं को हरीश रावत ऐसे अफीम चटा देते हैं कि वे उनके मोहपाश से बाहर ही नहीं निकल पाते. मुझे खुद हरीश रावत के सम्मोहन से निकलने में 36 साल लग गए...2022 के विधानसभा चुनाव में वे कांग्रेस की हार के सबसे बड़े जिम्मेदार हैं.'
बतादें, उत्तराखंड चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी ने फिर से सत्ता पर कब्जा कर लिया है. विधानसभा चुनाव 2022 के परिणामों में राज्य की कुल 70 सीटों में से भाजपा को 47 सीटों पर जीत मिली. जबकि कांग्रेस केवल 19 सीटें ही जीत पाई. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद भी लालकुआं क्षेत्र से चुनाव हार गए. चुनावी हार के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है. कुछ साल पहले तक रंजीत रावत हरीश रावत के बेहद करीबी माने जाते थे. लेकिन, चुनावी हार के बाद से वे हरीश रावत पर एक के बाद एक बड़े आरोप लगा रहे हैं.

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