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गोद में बच्चा लिए पिता को थानेदार दौड़ा-दौड़ाकर पीटता रहा

कानपुर देहात पुलिस की इस बर्बरता का वीडियो वायरल हो गया है

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फोटो: आजतक
10 दिसंबर 2021 (Updated: 9 दिसंबर 2021, 05:07 IST)
Updated: 9 दिसंबर 2021 05:07 IST
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उत्तर प्रदेश पुलिस भले ही अपनी कार्यशैली के लिए खुद की पीठ थपथपाते नजर आती हो, लेकिन कानपुर देहात का एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसने पुलिस की कार्यशैली पर तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं. इसमें यूपी पुलिस की बर्बरता साफ देखी जा सकती है. इस वीडियो में कानपुर देहात के अकबरपुर थाने का इंचार्ज एक युवक को दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहा है, युवक का बच्चा उसकी गोद में है और वह बच्चे को चोट लगने की दुहाई देकर पुलिस से न पीटने की विनती भी करता है. बच्चा भी पुलिस का यह रूप देखकर जोर-जोर से रोता है. लेकिन, थानेदार को रहम नहीं आता और वह पिता पर लाठियां बरसाता रहता है. आइये आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है? क्या हुआ था? मामला कानपुर देहात के जिला अस्पताल से जुड़ा है. आजतक के रंजय सिंह के मुताबिक जिला अस्पताल के बगल में ही खुदाई का काम चल रहा है. इसके चलते धूल-मिट्टी अस्पताल में अंदर घुसती है. बताते हैं कि अस्पताल के कर्मचारी इसका कई दिनों से विरोध कर रहे थे. जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो गुरुवार को जिला अस्पताल में कर्मचारियों ने ओपीडी बंद कर दी और धरने पर बैठ गए. जानकारी होते ही अकबरपुर थाने का पुलिस बल मौके पर पहुंचा. पुलिस ने कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ला पर कर्मचारियों को उकसाने का आरोप लगाया और उसे साथ ले जाने लगी. इसका अन्य कर्मचारियों ने विरोध किया और उनकी पुलिस से धक्का-मुक्की शुरू हो गई. बताते हैं कि इस दौरान अकबरपुर थाना प्रभारी विनोद मिश्रा रजनीश को खींचकर ले जाने लगे. रजनीश ने खुद को छुड़ाने के लिए थाना प्रभारी के हाथ के अंगूठे पर काट लिया, जिससे उनका पारा चढ़ गया. और उन्होंने लाठी बरसाते हुए उसे पुलिस की गाड़ी में बिठा दिया. घटना के वीडियो में दिख रहा है कि रजनीश को कुछ पुलिस वाले गाडी में पकड़े बैठे हैं. इसी दौरान एक अन्य कर्मचारी जिसकी गोद में एक बच्चा है, गाड़ी के पास आकर खड़ा हो जाता है. तभी थाना प्रभारी विनोद मिश्रा उस कर्मचारी के बाल पकड़कर खींचते हैं और उस पर लाठियां बरसाना शुरू कर देते हैं. कर्मचारी बच्चे को चोट लग जाने की दुहाई देता है, लेकिन थानेदार उसे दौड़ा-दौड़ाकर पीटते हैं. इस दौरान कुछ पुलिस वाले बच्चे को खींचने की कोशिश भी करते दिख रहे हैं. पुलिस का क्या कहना है? इस पूरे मामले पर कानपुर देहात के एसपी केशव कुमार चौधरी ने बताया कि रजनीश शुक्ला अस्पताल में अराजकता फैला रहा था, इसलिए उस पर कार्रवाई हुई है. एसपी केशव चौधरी ने बताया,
"रजनीश शुक्ला ने अपने 100-150 कर्मचारियों के साथ जिला अस्पताल की ओपीडी बंद कर दी. ये लोग डॉक्टरों को मरीजों को देखने से मना करने लगे. ये लोग अस्पताल के अन्य कर्मियों और मरीजों के साथ अभद्रता करने लगे. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने प्रशासन और पुलिस को सूचना दी, पुलिस मौके पर पहुंची. रजनीश शुक्ला को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन वह और उसके साथियों ने पुलिस वालों के साथ साथ गलत व्यवहार करते हुए, उन्हें कमरे में बंद कर दिया. इसके बाद थानाध्यक्ष विनोद मिश्रा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. रजनीश ने और उग्र होते हुए उनके अंगूठे को अपने दातों से काट लिया...इसके बाद न्यूनतम बल का प्रयोग कर रजनीश और उसके साथियों को अस्पताल से हटाया गया."
थानेदार लाइन हाजिर एसपी केशव चौधरी ने यह भी बताया कि थानाध्यक्ष विनोद मिश्रा को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया गया है. उन्होंने कहा,
"रजनीश शुक्ला पहले भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है...वीडियो में बच्चे को पकडे जो व्यक्ति दिख रहा है, वह रजनीश का भाई है, वह भी भीड़ को उकसाने का प्रयास कर रहा था, उपद्रव फैला रहा था...मामले की जांच एडिशनल एसपी को दी गयी है, थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया गया है."

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