The Lallantop
Advertisement

अपमान? गुस्सा? चुनाव जीतने के बाद भी शिवपाल ने विधायक पद की शपथ क्यों नहीं ली?

क्या अखिलेश और शिवपाल के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा?

Advertisement
बाएं से दाएं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव. (फोटो: आजतक)
बाएं से दाएं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव. (फोटो: आजतक)
font-size
Small
Medium
Large
30 मार्च 2022 (Updated: 30 मार्च 2022, 06:29 IST)
Updated: 30 मार्च 2022 06:29 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव के बीच खटपट की खबरें आ रही हैं. इतना झंझट कि समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन टूटने के सट्टे और कयास लगाए जाने लगे हैं. कब से शुरू हुई कहानी? 29 मार्च से. जब शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के सहयोगी दलों की बैठक में शामिल नहीं हुए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समाजवादी पार्टी ने ये बैठक बुलाई थी और इसमें शिवपाल यादव को भी बुलाया गया था. बैठक में शामिल होने की जगह शिवपाल यादव इटावा के भर्थना में आयोजित एक कथा समारोह में शामिल हुए. शिवपाल यादव ने अभी तक एक विधायक के तौर पर यूपी विधानसभा की सदस्यता भी नहीं ली है. समाजवादी पार्टी का क्या कहना है? कहना है कि 29 मार्च को हुई बैठक में शिवपाल यादव को बुलाया गया था. पार्टी का यह भी कहना है कि शिवपाल यादव सपा गठबंधन के सहयोगी हैं और जल्द ही उनके साथ भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों की चर्चा की जाएगी. दूसरी तरफ प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अपने बागी तेवर दिखा रही है. पार्टी की तरफ से शिवपाल यादव के अपमान का आरोप लगाया गया है. पार्टी के प्रवक्ता अरविंद सिंह यादव ने मीडिया को बताया,
"शिवपाल यादव 29 मार्च को दिल्ली से इटावा आ रहे थे. इतने कम समय में वो मीटिंग में नहीं पहुंच सके. वो एक बड़े नेता हैं और उन्हें समाजवादी पार्टी का समर्थन किया है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि उनके पास विकल्प नहीं हैं. उन्होंने अखिलेश यादव को अपना नेता माना था. लेकिन बार-बार उनका अपमान किया गया है."
अब तो खबरें ये भी चल रही हैं कि शिवपाल यादव जल्द ही किसी बड़े कदम का ऐलान कर सकते हैं. राजनीति के अंदरखाने की खबर का दावा करने वाले कहते हैं कि बड़े कदम के आगे-पीछे इनवर्टेड कॉमा लगाकर पढ़ना चाहिए. कैसे? "बड़ा कदम" - ऐसे.  अब भर्थना में कथा समारोह के दौरान उन्होने जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात कही थी. शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के संरक्षक और अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव से भी दिल्ली में मुलाकात कर चुके है. कहने वाले तो इतना कह दे रहे हैं कि शिवपाल भारतीय जनता पार्टी के भी संपर्क में हैं. BJP में ना शामिल होने का संकल्प? शिवपाल यादव पहले बार-बार बीजेपी में कभी ना शामिल होने की बात सार्वजनिक मंचों से करते रहे हैं. हालांकि, इस बार उन्होंने कुछ और संकेत दिए हैं. आजतक की तरफ से उनसे जब पूछा गया कि क्या बीजेपी के साथ ना जाने का उनका संकल्प आज भी बरकरार है, तो उन्होंने कहा वो इस सवाल पर कुछ नहीं बोलेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, शिवपाल यादव अपने लिए नई संभावनाएं तलाश रहे हैं. अखिलेश यादव यूपी विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता बन चुके हैं. साथ ही साथ वो शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं बनाने जा रहे. ऐसे में शिवपाल यादव केवल विधायक बनकर नहीं रहना चाहते. वो 2024 के आम चुनाव के लिए मौके तलाश रहे हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उनके अच्छे संबंध हैं. इससे पहले, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद से ही शिवपाल यादव लगातार अखिलेश यादव के नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष तरीके से निशाना साध रहे हैं. परिणाम के तुरंत बाद उन्होंने खुद को चुनाव प्रचार में सीमित रखे जाने पर भी सवाल उठाए थे. वहीं समाजवादी पार्टी के विधायक दल की बैठक में भी खुद को ना बुलाए जाने पर शिवपाल यादव ने नाराजगी जताई थी. नाराजगी जताते हुए शिवपाल ने कहा था कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर अपनी पारंपरिक जसवंतनगर सीट से चुनाव जीता है, लेकिन इसके बाद भी उन्हें सपा विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया.

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement