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प्रतिबंधों के मामले में रूस ने तोड़ा नॉर्थ कोरिया का रिकॉर्ड, अबतक लगे इतने प्रतिबंध

लेकिन रूस पर सबसे ज्यादा प्रतिबंध लगाने वाला देश अमेरिका नहीं है

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जो बाइडन और व्लादिमीर पुतिन (फोटो: इंडिया टुडे)
8 मार्च 2022 (Updated: 8 मार्च 2022, 12:23 IST)
Updated: 8 मार्च 2022 12:23 IST
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रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War ) का आज 13वां दिन है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस युद्ध में अब तक यूक्रेन के 406 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 801 लोग घायल हुए हैं. लाखों की संख्या में पलायन जारी है. यूक्रेन के खिलाफ छेड़े गए इस युद्ध के चलते रूस के नाम एक अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज हो गया है. रूस इस वक्त दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिबंध झेलने वाला देश बन गया है. ताजा पाबंदियों के बाद रूस ने ईरान और नॉर्थ कोरिया को भी पछाड़ दिया है. Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन ने रूस पर 2,778 नए प्रतिबंध लगाए हैं. इनको मिलाकर रूस पर अब कुल 5,530 प्रतिबंध लग चुके हैं. इनमें से 2,754 प्रतिबंध 22 फरवरी से पहले लगे थे. रूस पर सबसे ज्यादा (568) प्रतिबंध स्विट्जरलैंड (Switzerland) ने लगाए हैं. इसके बाद European Union (518), फ्रांस (512) का नंबर आता है. अमेरिका ने अबतक रूस पर 243 प्रतिबंध लगाए हैं. ईरान और कोरिया पर कितने प्रतिबंध? इंडिया टुडे के मुताबिक ईरान पर पिछले 10 साल में 3,616 प्रतिबंध लगे. इनमें से ज्यादातर उसके न्यूक्लियर प्रोग्राम और आतंकवाद को सपोर्ट करने की वजह से लगाए गए. सीरिया और नॉर्थ कोरिया पर क्रमशः 2608 और 2077 पाबंदियां लगी हुई हैं. लेकिन रूस पर सिर्फ बीते 10 दिनों में इतने प्रतिबंध लगे हैं कि उसने इन सभी देशों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. रूस ने कहा- युद्ध रोकने के लिए यूक्रेन पर किया हमला यूक्रेन पर हमले को महज एक "स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन" का नाम देने वाले रूस ने, अब अपने मिलिट्री ऑपरेशन को युद्ध रोकने का प्रयास बताया है. सोमवार, 7 मार्च को ब्रिटेन में मौजूद रूस के दूतावास ने अपने एक ट्वीट में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के हवाले से लिखा,
'रूस के इस स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का मकसद उस युद्ध को रोकना है जो यूक्रेन की धरती पर हो सकता था या फिर वहां से शुरू हो सकता था.'
उधर, अमेरिका ने रूसी विदेश मंत्री के इस बयान पर जवाब दिया है. अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि ये एक सफ़ेद झूठ है. उनका कहना की रूस के स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन की वजह से ही यूक्रेन में युद्ध की स्थिति बनी हुई है. नेड प्राइस ने अपने एक ट्वीट में लिखा,
'यह एक सफेद झूठ है. हकीकत यह है कि रूस का विशेष सैन्य अभियान यूक्रेन में युद्ध के लिए (अन्य देशों को) उकसा रहा है. यूक्रेन ये युद्ध नहीं चाहता.'

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