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यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए अच्छी खबर, रूस ने सीजफायर का ऐलान किया

यूक्रेन के सूमी, कीव, खारकीव, मारियूपोल में रहेगा युद्ध विराम.

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रूस ने भारतीय छात्रों के सुरक्षित यूक्रेन से बाहर निकलने के किए किया सीजफायर का ऐलान (फोटो: आजतक)
7 मार्च 2022 (Updated: 7 मार्च 2022, 11:37 IST)
Updated: 7 मार्च 2022 11:37 IST
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युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए राहत भरी खबर आई है. रूस ने यूक्रेन के चार शहरों में सीजफायर का ऐलान किया है ताकि भारतीय छात्र आसानी से इन शहरों से निकल सकें. इंडिया टुडे/आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव (Kyiv), मारियूपोल (Mariupol), खारकीव (Kharkiv) और सूमी (Sumy) शहर में ये सीजफायर किया है. सूमी में अभी भी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जिनको निकालने में अब आसानी होगी.
भारत सरकार ने यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) चला रखा है. इसके तहत अब तक 76 फ्लाइट्स भेजी गई हैं, जिनमें 15,920 भारतीयों को यूक्रेन से लाया गया है. कोई 3-4 हजार नागरिक अभी भी वहां फंसे हुए हैं. रूस का ये फैसला उनकी मुश्किलें आसान करने वाला है.
Indian Students Flight
ऑपरेशन गंगा के तहत देश वापस लौटते छात्र


इसी सिलसिले में सोमवार 7 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बात की. इसमें सूमी में फंसे छात्रों के इवैकुएशन का मुद्दा खास तौर पर शामिल रहा. जेलेंस्की ने पीएम मोदी को ये आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार भारतीय छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने में पूरा सहयोग करेगी.
अलग-अलग अनुमानों के मुताबिक, सूमी में 600 से ज्यादा भारतीय अभी भी फंसे हैं. वहां रूसी सेना की बमबारी जारी है. इसके चलते छात्र बाहर निकलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे. हालांकि यूक्रेन के दूसरे इलाकों से बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों का इवैकुएशन किया गया है. युद्ध के शुरुआती दिनों में अनुमान था कि यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय छात्र और अन्य नागरिक मौजूद हैं. लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पता चला कि इनकी संख्या और ज्यादा है.
ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीयों को पोलैंड, हंगरी और रोमानिया से निकाला जा रहा है. सरकार का कहना है कि अब तक 15 हजार से ज्यादा भारतीयों की देश वापसी हो चुकी है. दो छात्रों की मौत, एक को लगी गोली रूस-यूक्रेन जंग के दौरान अब तक दो भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है. खबरों के मुताबिक एक छात्र की जान रूसी गोलाबारी में गई थी, जबकि दूसरे का निधन ब्रेनस्ट्रोक की वजह से हुआ था. बीती 3 मार्च को रूस ने दावा किया था कि यूक्रेन जानबूझकर भारतीय छात्रों को बाहर नहीं निकलने दे रहा है और छात्रों को ह्यूमन शील्ड के तौर इस्तेमाल कर रहा है. इसके बाद यूक्रेन की ओर से रूस के इन आरोपों का खंडन किया गया था. यूक्रेन ने उल्टा रूस पर आरोप लगते हुए कहा था कि रूस की अंधाधुंध बमबारी और मिसाइल हमलों की वजह से भारत, पाकिस्तान, चीन और दूसरे देशों के छात्र इन इलाकों से नहीं निकल पा रहे हैं.
यूक्रेन ने कहा था कि अगर रूस अपने हमले बंद करता है, तो उसकी सरकार इन छात्रों को दूसरी जगहों पर भेजने के लिए पूरी तरह तैयार है. इसके साथ ही यूक्रेन ने रूस से कुछ समय के लिए हमले रोकने के लिए कहा था.

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