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यूक्रेन संकट: बाइडन ने पुतिन को कसाई बता दी धमकी, 'रूसी राष्ट्रपति सत्ता में नहीं रह सकते'

जवाब में रूस ने एक बार फिर से परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की बात कही.

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (फोटो- AFP/Reuters)
27 मार्च 2022 (Updated: 27 मार्च 2022, 07:38 IST)
Updated: 27 मार्च 2022 07:38 IST
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रूस और यूक्रेन की जंग के बीच अब अमेरिका ने आक्रामक तरीके से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना की है. पोलैंड दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पुतिन पर निशाना साधते हुए कहा कि 'वो सत्ता में नहीं रह सकते हैं.' बाइडन ने पुतिन को 'कसाई' तक कह दिया. अमेरिका इस युद्ध में यूक्रेन के साथ खड़ा है. अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों के जरिए भी मदद का वादा किया है. बीती 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस की 'विशेष सैन्य कार्रवाई' शुरू होने के बाद अमेरिका ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं. कुछ दिनों पहले बाइडन ने पुतिन को 'युद्ध अपराधी' और 'हत्यारा तानाशाह' भी बता दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइडन ने 26 मार्च को पोलैंड की राजधानी वारसॉ में यूक्रेन के शरणार्थियों से मुलाकात की. इसी दौरान एक संबोधन में बाइडन ने कहा कि रूस लोकतंत्र का गला घोंट रहा है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध रूस के लिए 'रणनीतिक असफलता' है. बाइडन ने कहा कि ये लड़ाई कुछ दिनों या महीनों में खत्म नहीं होने वाली है. इसलिए इस संकट के समय वो यूक्रेन के साथ पूरी ताकत से खड़े हैं. इसी संबोधन के अंत में बाइडन ने पुतिन को लेकर कहा,
"भगवान के लिए, यह व्यक्ति सत्ता में नहीं रह सकता है."
जो बाइडन के इस बयान का मतलब अलग-अलग तरीके से निकाला जाने लगा. जिसके बाद व्हाइट हाउस को भी सफाई देनी पड़ी. व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा,
"बाइडन मॉस्को में सत्ता परिवर्तन की बात नहीं कह रहे थे. राष्ट्रपति के कहने का मतलब यह था कि पुतिन अपनी शक्ति का इस्तेमाल अपने पड़ोसियों या किसी दूसरे क्षेत्र में नहीं कर सकते हैं. वो रूस में पुतिन के शासन की बात नहीं कर रहे थे."
इससे पहले बाइडन ने 26 मार्च को वारसॉ में यूक्रेनी शरणार्थियों से भी मुलाकात की. इसी दौरान पत्रकारों ने बाइडन से शरणार्थियों की दिक्कतों को लेकर उनसे पुतिन के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया, 'वो एक कसाई हैं.' बाइडन ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि रूस ने यूक्रेन को लेकर अपनी रणनीति में कोई बदलाव किया है. एक दिन पहले रूस ने कहा था कि यूक्रेन पर उसकी सैन्य कार्रवाई का 'पहला चरण' पूरा हो चुका है और अब वह डोनबास क्षेत्र को 'आजाद' कराने पर फोकस करेगा. रूस ने बाइडन के बयान को किया खारिज वहीं दूसरी तरफ, रूस ने जो बाइडन के 'पुतिन के सत्ता में नहीं रहने वाले' बयान की आलोचना की और कहा कि अमेरिका का इस मामले में कोई अधिकार नहीं है. रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इसका जवाब देते हुए कहा,
"इसका फैसला जो बाइडन नहीं कर सकते हैं. रूस के राष्ट्रपति को रूसी नागरिकों ने चुना है."
यूक्रेन पर हमले की शुरुआत के बाद से एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. रूस अपनी 'रणनीति' में बदलाव की बात कर रहा है. लेकिन अब भी यूक्रेन के कई शहरों पर लगातार हमला जारी है. 26 मार्च को भी अमेरिकी राष्ट्रपति के संबोधन से कुछ देर पहले पोलैंड की सीमा से लगे यूक्रेन के लवीव शहर पर हमला किया गया. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने चार रॉकेट से लवीव पर हमला किया. युद्ध के कारण पूर्वी क्षेत्रों से भाग रहे लोगों के लिए लवीव एक सुरक्षित जगह माना जाता रहा है. इस हमले में पांच लोग घायल हुए. परमाणु हथियारों की धमकी इधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के पोलैंड दौरे के बीच रूस ने एक बार फिर कहा कि वो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने से नहीं झिझकेगा. द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की सिक्योरिटी काउंसिल के डिप्टी चेयरमैन दमित्री मेदवेदेव ने कहा कि अगर उनके देश पर कोई संकट आता है, तो परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल करेंगे. मेदवेदेव ने कहा कि अगर रूस या उसके सहयोगी देशों के खिलाफ न्यूक्लियर मिसाइल का उपयोग होता है, तो वो इसका जवाब जरूर देंगे. उन्होंने कहा कि अगर रूस के खिलाफ कोई आक्रामक कार्रवाई या उसके किसी महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला होता है, तो वो उन देशों के खिलाफ भी हमला करेगा, जिनके पास सिर्फ परंपरागत हथियार हैं. इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने हथियार से मदद नहीं करने पर अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश सिर्फ बातचीत कर रहे हैं. जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन मिसाइल के खिलाफ बिना उपयुक्त हथियारों से खुद की रक्षा नहीं कर सकता है. और कब्जे में आ चुके मारियुपोल को टैंक और फाइटर जेट के बिना आजाद नहीं करा सकता है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन को NATO के एक एयरक्राफ्ट और टैंकों का सिर्फ 1 फीसदी चाहिए.

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