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यूक्रेन ने चौथे रूसी जनरल को मार गिराया, बड़े अफसरों को कैसे मारती है यूक्रेनी सेना? जानिए

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लगा अबतक का सबसे बड़ा झटका

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ओलेग मित्येव (बाएं) चौथे बड़े रूसी अफसर हैं जिन्हें यूक्रेन की सेना ने मार गिराया है (पहला फोटो: नेक्सटा/ट्विटर, दूसरा: आजतक)
17 मार्च 2022 (Updated: 17 मार्च 2022, 09:55 IST)
Updated: 17 मार्च 2022 09:55 IST
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का आज 22वां दिन है. इस बीच खबर आई है कि यूक्रेन के सैनिकों ने रूसी सेना के एक मेजर जनरल को मार गिराया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मेजर जनरल ओलेग मित्येव 150वीं मोटराइज्ड राइफल डिवीजन के कमांडर थे. बीबीसी के मुताबिक इसकी जानकारी खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दी है. हालांकि उन्होंने अपने बयान में मरने वाले रूसी जनरल का नाम नहीं बताया. लेकिन, कुछ देर बाद यूक्रेन के गृहमंत्री के एक सलाहकार ने मीडिया को जानकारी दी कि मारे गए रूसी जनरल का नाम ओलेग मित्येव है. उनके मुताबिक मित्येव को यूक्रेनी सेना की अजोव बटालियन ने दक्षिण-पूर्वी शहर मारियोपोल में मार गिराया है. हालांकि, यूक्रेन के इस दावे पर अभी तक रूस की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. अबतक 4 रूसी जनरलों की मौत ओलेग मित्येव चौथे बड़े रूसी जनरल हैं जिन्हें यूक्रेन की सेना ने मार गिराया है. इससे पहले यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी सेना के मेजर जनरल विताली गेरासिमोव, एंड्री सुखोवेत्स्की और रूसी फोर्स हेडक्वार्टर के डिप्टी चीफ मेजर एंड्री बर्लाकोव को खेरसॉन इलाके में मौत के घाट उतारा था. एंड्री बर्लाकोव रिजिमेंट चीफ ऑफ स्टाफ भी थे. युद्ध के दौरान उनके पास कई अहम जिम्मेदारियां थीं. जनरलों को कैसे मार रहा यूक्रेन? रूस के 4 जनरलों की मौत के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर यूक्रेन ने कैसे रूस के इतने बड़े सैन्य अधिकारियों को मार गिराया. कुछ लोगों का कहना है कि इतने बड़े सैन्य अधिकारी तो मुख्य युद्ध क्षेत्र से काफी दूर रहते हैं, ऐसे में इन्हें मारना आसान नहीं है. रक्षा विशेषज्ञ कोनराड मुजीका टॉप रूसी जनरलों की मौत को लेकर बीबीसी से कहते हैं कि इस युद्ध में रूसी सैन्य अफसरों को मारने का मतलब है कि यूक्रेनी सेना को इनकी सटीक लोकेशन पता चल गई होगी.
वे आगे कहते हैं,
'रूस कम्युनिकेशन के लिए ओपेन चैनलों का इस्तेमाल कर रहा है, मुझे लगता है कि इनसे ही यूक्रेन की सेना को जनरलों की लोकेशन का सुराग मिलता होगा. यदि रूस के वरिष्ठ अधिकारी बातचीत के लिए मोबाइल फोन या एनालॉग रेडियो का उपयोग कर रहे हैं, तो समझ लीजिए कि वे खुद यूक्रेनी खुफिया एजेंसियों को थाली में रखकर सुराग दे रहे हैं.'
यूक्रेन एक के बाद एक रूसी जनरलों को कैसे मार रहा है, इसके पीछे उसकी एक विशेष योजना भी है, जिसकी पुष्टि यूक्रेनी राष्ट्रपति के एक करीबी ने की है. राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की टीम में शामिल इस अधिकारी ने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल से बात करते हुए कहा,
'यूक्रेन के पास एक ऐसी सैन्य खुफिया टीम है, जिसे केवल और केवल रूस के बड़े सैन्य अफसरों को खोजने और उन्हें निशाना बनाने का काम सौंपा गया है...हमारी ये टीम हाई प्रोफाइल जनरलों, पायलटों और आर्टिलरी कमांडरों को ही तलाश करती रहती है.'
पुतिन को युद्ध अपराधी बताने पर भड़का रूस उधर, यूक्रेन पर हमले के बाद से अमेरिका और रूस के संबंधों में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. दोनों के बीच खूब बयानबाजी भी देखने को मिल रही. इसी क्रम में बुधवार, 16 मार्च को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 'युद्ध अपराधी' कह दिया. बाइडेन ने पुतिन पर यह टिप्पणी तब की जब वाशिंगटन में एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि यूक्रेन में जो हो रहा है, उसके बाद क्या आप पुतिन को युद्ध अपराधी कहने के लिए तैयार हैं? इसके जवाब में पहले तो बाइडेन 'नहीं' कहा, लेकिन फिर बोले,
''क्या आपने मुझसे पूछा कि क्या मैं उन्हें (पुतिन को) युद्ध अपराधी कहूंगा या नहीं? मुझे लगता है कि वो एक युद्ध अपराधी हैं.'
Vladimir Putin And Joe Biden
रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन. (तस्वीर: एएफपी)

जो बाइडेन के इस बयान पर रूस भड़क गया. उसने इस बयान को 'अक्षम्य बयानबाजी' करार दिया. रूसी न्यूज एजेंसी तास को दिए गए बयान में रूसी प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा,
'हमें लगता है कि ऐसी बयानबाज़ी अस्वीकार्य और अक्षम्य है, वो भी ऐसे देश के राष्ट्रपति की तरफ से जिनके बमों ने दुनिया भर में लाखों लोगों को मार डाला.'
हालांकि, इसके कुछ देर बाद व्हाइट हाउस ने अपने राष्ट्रपति के बयान पर सफाई दी. व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा,
'राष्ट्रपति जो बाइडेन कोई आधिकारिक घोषणा नहीं कर रहे थे, बल्कि यूक्रेन में चल रही बर्बरता की तस्वीरों को देखकर अपने दिल से बोल रहे थे...युद्ध अपराधी तय करने के लिए विदेश मंत्रालय अलग से कानूनी प्रक्रिया चलाता है और वो चल रही है.'

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