विराट के इंकार पर भी ज़िद के साथ किसे टेस्ट टीम में ले आए थे रवि शास्त्री
आते ही उस खिलाड़ी ने 190 रन ठोक दिए.
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री टीम इंडिया से अलग होने के बाद से ढेर सारे किस्से साझा कर रहे हैं. हाल में स्टार स्पोर्ट्स के एक शो में बात करते हुए रवि शास्त्री ने बताया है कि किस तरह से विराट के पूरी तरह आश्वस्त नहीं होने के बावजूद वो शिखर धवन को टेस्ट टीम में लेकर आए. रवि शास्त्री ने 2017 का एक किस्सा बताते हुए इस बात का खुलासा किया है.
दरअसल साल 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी में शिखर धवन ने बेमिसाल प्रदर्शन किया था. धवन ने चैम्पियंस ट्रॉफी में 338 रन बनाए थे जो कि सबसे अधिक था. चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद भारत को श्रीलंका का दौरा करना था. वहां पर हमें तीन टेस्ट मैच खेलने थे. लेकिन भारत के सामने एक बड़ी परेशानी आ गई. टीम इंडिया के ओपनर मुरली विजय उस समय अनफिट थे. वो सर्जरी के बाद पूरी तरह से नहीं उबर पाए थे. ऐसे में कप्तान और कोच इस टेंशन में आ गए कि आखिर कौन श्रीलंका में पारी की शुरुआत करेगा.
ऐसे में कोच रवि शास्त्री ने कप्तान विराट के सामने एक ऐसे बल्लेबाज़ का नाम ले दिया जो कि लंबे समय से भारत की टेस्ट प्लेइंग थ्योरी का हिस्सा नहीं था. कोच शास्त्री ने विराट से शिखर धवन की सिफारिश की. दरअसल धवन की हालिया फॉर्म देख शास्त्री को लगने लगा था कि वो टीम के काम आ सकते हैं. रवि शास्त्री चाहते थे कि धवन गॉल टेस्ट में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनें. जबकि कप्तान विराट इस चीज़ के पक्ष में नहीं थे. रवि शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स के शो 'द बोल्ड एंड ब्रेव, द रवि शास्त्री वे' में कहा,
''मुझे याद है जब लोग सेलेक्शन की बातें कर रहे थे. लेकिन वो एक बेहतरीन सेलेक्शन था. शिखर धवन खेलने वाले नहीं थे. वो उसका हिस्सा भी नहीं थे. हालांकि चैम्पियंस ट्रॉफी में उसने अच्छा परफॉर्म किया था. मैं विराट के पास गया और कहा, ''ये लड़का ओपनर हो सकता है.'' लेकिन विराट ने मना कर दिया. उसने कहा, 'हमने पहले से किसी को मौका देने के बारे में सोच रखा है, ऐसे में हमें उसके साथ ही जाना चाहिए.'हालांकि इसके बावजूद रवि शास्त्री ने विराट को विश्वास दिलाने की कोशिश की. उन्होंने विराट से कहा,
'नहीं, इसे एक मौका देना चाहिए. वो बेहद आक्रामक, काफी अच्छा लग रहा है. अगर वो ऐसे ही खेला तो वो सिर्फ एक सेशन में हमें टेस्ट मैच जिता देगा.' ''उसके बाद उसने पहला मैच खेला और चाय से पहले ही 190 रन बना दिए. सारी बात यहीं पर खत्म हो गई.''कोच शास्त्री के भरोसे और सभी खिलाड़ियों के प्रदर्शन से भारतीय टीम ने श्रीलंका के खिलाफ उस सीरीज़ को 3-0 से जीता. रवि शास्त्री का शिखर धवन पर भरोसा बिल्कुल सही साबित हुआ. धवन ने पहले मैच में महज़ 168 गेंद में 190 रन बनाए. जिसमें उन्होंने 31 चौके लगाए. भारत ने उस टेस्ट मैच को 304 रन के बड़े अंतर से जीता. गॉल के बाद पालेकल में खेले गए सीरीज़ के आखिरी टेस्ट में भी धवन ने एक बेहतरीन शतक लगाया.