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सुशांत के कुक ने कहा- साहब ने भूतों की वजह से पुराना घर छोड़ा था, उनका कोई दोस्त नहीं था

सुशांत सिंह राजपूत के कुक ने हैरान करने वाली बातें बताई हैं.

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सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को सुसाइड कर लिया था. बिहार पुलिस ने उनके कुक का बयान दर्ज किया है. (फाइल फोटो)
सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को सुसाइड कर लिया था. बिहार पुलिस ने उनके कुक का बयान दर्ज किया है. (फाइल फोटो)
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डेविड
31 जुलाई 2020 (Updated: 31 जुलाई 2020, 03:24 PM IST) कॉमेंट्स
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नीरज. सुशांत सिंह राजपूत का कुक. पटना पुलिस ने नीरज का बयान दर्ज किया है. नीरज मई, 2019 से सुशांत राजपूत के यहां काम करता था. पुलिस की पूछताछ में उसने कई अहम जानकारियां साझा की हैं. 14 जून को सुशांत के सुसाइड की खबर आई थी.

'सात बजे जग गए थे'

'इंडिया टुडे' ने नीरज से बात की. उसने घटना वाले दिन का पूरा वाकया बताया. उसने बताया-
सुशांत उस दिन सात बजे जगे थे. जगने के बाद वो नीचे आए. मुझसे ठंडा पानी मांगा. बीमारी की वजह से उन्हें ठंडा पानी देना मना था. रिया मैम ने कहा था. फिर भी मैंने उन्हें नॉर्मल से थोड़ा ठंडा पानी दिया. पानी पीने के बाद वो मुस्कुराए. फिर वो अपने कमरे में चले गए. बाद में उन्हें जूस दिया गया. जब दोपहर के खाने के बारे में पूछने गया, तो कमरा बंद था. कुछ देर बाद फिर खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला. एक-डेढ़ घंटे बाद जब कमरे का दरवाजा खुला, तो हम आवक रह गए. साहब पंखे से झूल रहे थे. और उन्होंने अपने कुर्ते से फंदा लगाया था.

'भूत-प्रेत की वजह से पुराना घर छोड़ा'

नीरज ने ये भी बताया कि पिछले साल अक्टूबर में साहब और मैम के साथ तमाम लोग यूरोप गए थे. दिवाली के कुछ दिन पहले लौटे थे. जब सुशांत यूरोप जा रहे थे, तब वो बहुत अच्छे थे, लेकिन जब लौटे, तो बीमार जैसे दिख रहे थे. नीरज ने बताया कि दिवाली के बाद पहले वाला घर इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि उसमें भूत-प्रेत का साया था. उसने कहा-
लिफ्ट अपने आप चलने लगती थी. लाइट अपने आप ऑन-ऑफ होती थी. ड्रम की आवाज़ आती थी. मैंने भी ड्रम की आवाज़ दो बार सुनी. साहब को डर भी लगता था.
नीरज ने बताया, "दिवाली के बाद घर छोड़ने के बाद साहब मैम के घर पर रहते थे. करीब डेढ़ महीने वहां रहे. मैं उस समय पवई में था. इसी बीच उनकी बड़ी बहन भी आई थीं मिलने, जैसा कि मैंने सुना."

'खर्च कम करने को कहा था'

नीरज ने बताया-
बांद्रा वाले घर में साहब जनवरी में रहने आए थे. मैं 15 दिनों बाद आया. तब मैम भी यहीं रह रही थीं. घर के टेरिस पर रोज पार्टी होती थी, जिसमे मैम के परिवार के लोग, उनके मम्मी- पापा, भाई और भाई के दोस्त होते थे. साहब का कोई दोस्त नहीं था. उन्होंने मैम के भाई के दोस्तों को ही अपना दोस्त बना लिया था. रोज-रोज पार्टी में खर्चे बहुत होते थे. एक दिन साहब ने भी कहा कि खर्चे कम करो. सिगरेट खूब आती थी. साहब भी सिगरेट पीते थे, लेकिन बीमार होने के बाद वो शराब नही पीते थे. कभी-कभी जोर देने पर थोड़ी-बहुत पीते थे, लेकिन पता नहीं चलता था.
नीरज ने कहा कि साहब के कुछ दोस्त ऐसे थे, जो बिना काम के उनके साथ रहते थे.
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