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राजस्थान: कांग्रेस के 80 से ज्यादा विधायकों का इस्तीफा, गहलोत बोले- अब मेरे बस में कुछ नहीं

राजस्थान के विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए सचिन पायलट के नाम से नाराज़ बताए जा रहे हैं.

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Rajasthan Congress Sachin Pilot and Ashok Gehlot
सचिन पायलट और अशोक गहलोत.
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25 सितंबर 2022 (Updated: 26 सितंबर 2022, 15:42 IST)
Updated: 26 सितंबर 2022 15:42 IST
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राजस्थान कांग्रेस में आज, 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक से पहले बड़ा उलटफेर हो गया. आजतक की खबर के मुताबिक अशोक गहलोत समर्थक 80 से ज्यादा विधायकों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया. ये विधायक कांग्रेस MLA शांति धारीवाल के घर पर इकट्ठा हुए थे. यहां विधायकों ने इस्तीफा दिया जिसे स्पीकर सीपी जोशी को सौंपे जाने की बात कही जा रही है.

आजतक की खबर के मुताबिक ये सभी विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए सचिन पायलट के नाम से नाराज़ हैं. इनका कहना है कि विधायकों से अगले सीएम के चुनाव के बारे में राय नहीं ली गई.  

दरअसल, 25 सितंबर की शाम 7 बजे मुख्यमंत्री आवास पर विधायक दल की बैठक होने वाली थी. कहा जा रहा था कि इस बैठक में राजस्थान के अगले सीएम को लेकर फैसला लिया जाएगा क्योंकि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. इस बैठक में आलाकमान की तरफ से भेजे गए पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी शामिल होना था. सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक ये भी कहा जा रहा था कि पार्टी अध्यक्ष पद के नामांकन से पहले ही गहलोत इस्तीफा दे सकते हैं क्योंकि कांग्रेस 'एक व्यक्ति एक पद' की नीति अपना रही है. लेकिन राजस्थान से आ रही मौजूदा खबरों की मानें तो राजनीति के जादूगर माने जाने वाले गहलोत का जादू एक बार फिर से चलता दिख रहा.

इधर ये भी बताया जा रहा है कि विधायकों की नाराज़गी की खबर आने के बाद अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत से बातचीत करने पहुंचे. इस बैठक में सचिन पायलट के मौजूद होने की बात भी कही जा रही है. आजतक की संवाददाता मौसमी सिंह की खबर के मुताबिक कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी इस पूरे घटनाक्रम पर गहलोत से फोन पर बात की है. बताया जा रहा है कि वेणुगोपाल ने जब गहलोत से स्थिति संभालने की बात कही तो गहलोत ने दो टूक जवाब दे दिया कि उनके बस में कुछ नहीं है.

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक कांग्रेस की अध्यक्ष (अंतरिम) सोनिया गांधी ने पर्यवेक्षों से सभी विधायकों से बात करने को भी कहा है.

दरअसल, ये पूरी उठापटक कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की घोषणा के शुरू हुई. खबरों के मुताबिक गांधी परिवार ने अशोक गहलोत को पार्टी नेतृत्व स्वीकार करने को कहा. लेकिन साथ उनसे ये भी कहा गया कि उन्हें राजस्थान की राजनीति अब छोड़ देनी चाहिए. इस बात को लेकर गहलोत अपनी इच्छा जता चुके थे. कहा जा रहा था वे कांग्रेस अध्यक्ष पद के साथ राजस्थान में भी मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ना चाह रहे थे. साथ ही चर्चा ये भी थी कि गहलोत ये नहीं चाह रहे हैं कि अगर वो इस्तीफा देते हैं तो सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाए.

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