एमजे अकबर ने इस्तीफा तो नहीं ही दिया, उलट कहा, "कानूनी कार्रवाई करूंगा"
अब तक दर्जन भर महिलाओं ने उनपर आरोप लगाए हैं.
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इस्तीफे की उम्मीद लिए गए लोग निराश लौटे.
इसके उलट उन्होंने खुद पर लगे सारे आरोपों को सिरे से नकार दिया है. कहा कि उनपर लगे सारे इल्ज़ाम झूठे और फ़र्ज़ी हैं. ये उनकी इमेज को खराब करने की कोशिश है. जवाब देने में हुई देरी की वजह उन्होंने अपने ऑफिशियल टूर को बताया.

एम जे अकबर पर जो आरोप हैं वो सब उनकी पत्रकारिता के दौर के हैं.
आगे उन्होंने कहा,
"बिना सबूतों के इल्ज़ाम लगा देने की आदत वायरल बुखार सी फ़ैल गई है. जो भी मामला हो, मेरे वकील इसे देखेंगे. उसी के बाद हम इन बेबुनियाद आरोपों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे."एमजे अकबर ने ये सवाल भी उठाया कि क्या 2019 के चुनावों के ठीक पहले ये सब होना क्या कोई शरारत है? वो बोलें,
"जनरल इलेक्शंस से कुछ महीने पहले ये तूफ़ान क्यों उठ खड़ा हुआ है? क्या कोई एजेंडा है? आप फैसला कीजिए. इन बेबुनियाद इल्ज़ामों ने मेरी छवि को कभी न ठीक होने वाला नुकसान पहुंचाया है."

लंबी चुप्पी की वजह अपना विदेश दौरा बताया.
अपने स्टेटमेंट को ख़त्म करते वक़्त उन्होंने कहा,
"झूठ के पैर नहीं होते लेकिन उनमें ज़हर ज़रूर होता है. जिससे उन्माद फैलाया जा सकता है. ये बेहद परेशान करनेवाली बात है. जैसा कि पहले भी कहा मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा."उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर डिटेल में ये लिखा है.
— M.J. Akbar (@mjakbar) October 14, 2018
हो सकता है बढ़ते दबाव की वजह से उन्हें आगे चलकर इस्तीफा देना पड़ जाए. मगर फिलहाल तो ऐसा नहीं हुआ है. न उन्होंने खुद दिया है न पार्टी ने मांगा है. आगे चलकर घटनाक्रम क्या मोड़ लेता है इसपर नज़र रहेगी.
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