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बिल्डिंग से कूद रहे बच्चे को बचाया, उसने कहा ब्लू वेल गेम खेल रहा था

लत बन रहा है गेम, बैन करने की उठ रही मांग

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ब्लू वेल चैलेंज खेलने वालों से खुद को नुकसान पहुंचाने को कहा जाता है.
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अविनाश
11 अगस्त 2017 (Updated: 11 अगस्त 2017, 07:29 AM IST) कॉमेंट्स
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29 जुलाई को मुंबई के अंधेरी में एक 14 साल के लड़के ने सात मंजिला इमारत से कूदकर जान दे दी. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस आत्महत्या की वजह ब्लू वेल चैलेंज गेम को माना गया. कहा गया कि भारत में इस गेम की वजह से होने वाली यह पहली मौत है. वहीं पुलिस और बच्चे के घरवालों ने इस बात को नहीं मान रहे. लेकिन 10 अगस्त को मध्यप्रदेश के इंदौर और महाराष्ट्र के शोलापुर में दो और मामले सामने आए हैं, जिसने ब्लू वेल चैलेंज के खतरे को साबित कर दिया है. इन दोनों बच्चों को तो दोस्तों और पुलिसवालों ने बचा लिया, लेकिन यह खतरा ऐसा है जो कभी भी किसी बच्चे के लिए जानलेवा हो सकता है.


इंदौर में बच्चे को दोस्तों ने बचा लिया

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इंदौर का चमेली देवी स्कूल. Photo: ANI

पहला मामला इंदौर का है. 13 साल के बच्चे ने स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदने की कोशिश की. हालांकि उसके दोस्तों ने उसे बचा लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजेंद्र नगर के चमाली देवी पब्लिक स्कूल में सातवीं क्लास में पढ़ने वाला छात्र 10 अगस्त को दोपहर में स्कूल की तीसरी मंजिल की बालकनी की रेलिंग पर चढ़ गया था. इस दौरान उसके पीटी कोच ने देख लिया और उसे बचा लिया.

स्कूल के और लोगों के साथ ही पुलिस को भी सूचना दी गई, जिसके बाद जांच शुरू हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच में पता चला कि वो पिता के फोन में ब्लू वेल गेम खेलता था. अब उसकी काउंसलिंग की जा रही है. बच्चे ने माना है कि वह कुछ दिनों से वह ब्लू वेल गेम खेल रहा है.


सोलापुर में घर से भाग गया था, पुलिस ने खोज निकाला

दूसरा मामला महाराष्ट्र के सोलापुर से सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 14 साल का एक लड़का 9 अगस्त की शाम को माता-पिता के लिए एक नोट छोड़कर घर से निकल गया. नोट में लिखा था कि वह पुणे जा रहा है और उसकी लौटने की योजना नहीं है. घरवालों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी. उसे 10 अगस्त की सुबह भिगवां के पास स्थित एसटी बस स्टैंड से पकड़ा गया. ये भी पिछले कई दिनों से ब्लू वेल गेम खेल रहा था. वह गेम पूरा करने वाला था, जिसमें जीतने के लिए आत्महत्या करनी पड़ती है. वह सुसाइड कर पाता, इससे पहले ही पुलिस के हाथ लग गया. बच्चे के पिता के मुताबिक वह बहुत होनहार है. उसने पहले कभी इस तरह का बर्ताव नहीं किया था. वह हमेशा वीडियो गेम्स खेलता था लेकिन हमने कभी ध्यान नहीं दिया कि वह क्या खेल रहा है.


केरल विधानसभा में मुख्यमंत्री ने उठाया था मुद्दा

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केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ब्लू वेल के मुद्दे को विधानसभा में उठा चुके हैं. 9 अगस्त को उन्होंने विधानसभा में कहा था कि वह केंद्र सरकार से इस गेम पर बैन लगाने की मांग करेंगे. केरल सीएम ने कहा था कि पुलिस ने बच्चों के माता-पिता से अलर्ट रहने को कहा है और इस बात का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं कि बच्चों को इस खेल की आदत न लगे. विजयन ने कहा कि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम की यह जिम्मेदारी है कि वह इस संबंध में एक्शन ले. वहीं माकपा विधायक राजू इब्राहिम ने भी विधानसभा में रिपोर्ट्स के हवाले से कहा था कि अकेले केरल में ही कम से कम 2000 बच्चे इस खतरनाक गेम को डाउनलोड कर चुके हैं.


मध्यप्रदेश में भी उठी है मांग

इंदौर में इस मामले के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी कहा है कि वो इस गेम पर बैन लगाने की मांग करेंगे.


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