SDM ने शिकायत करने आए व्यक्ति को ऑफिस में मुर्गा बनाया, लेटर फाड़ा, अब खुद नप गए
बरेली के जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि जांच में SDM को दोषी पाया गया है.

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक शिकायतकर्ता को ‘मुर्गा’ बनवाने के आरोप में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) को पद से हटा दिया गया. मीरगंज के SDM उदित पवार पर आरोप है कि उनके ऑफिस में एक व्यक्ति शिकायत लेकर आया था. लेकिन उन्होंने उसे कान पकड़वाकर 'मुर्गा' बनाया. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है.
आजतक से जुड़े कृष्ण गोपाल राज की रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो वायरल होने के बाद बरेली के जिला मजिस्ट्रेट शिवाकांत द्विवेदी ने मीरगंज SDM के खिलाफ कार्रवाई की. आजतक से बातचीत के दौरान जिला मजिस्ट्रेट ने बताया,
“मैंने एक वरिष्ठ अधिकारी से वीडियो की जांच करने के लिए कहा था और उन्होंने SDM को दोषी पाया है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि SDM ने इस संबंध में उचित व्यवहार नहीं किया है और इसलिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है.”
रिपोर्ट के मुताबिक, जिस व्यक्ति को वीडियो में मुर्गा बनाया गया, वह मीरगंज तहसील के मदनपुर गांव का रहने वाला पप्पू लोधी है. लोधी के अनुसार, वो और कुछ अन्य लोग गांव की जमीन पर कुछ बदमाशों के जबरन कब्जे के खिलाफ शिकायत के लिए SDM के पास गए थे. उन्होंने कहा,
SDM ने आरोपों को झूठा बताया“यह ज़मीन सरकारी रिकॉर्ड में कब्रिस्तान के रूप में दिखाई गई है, लेकिन गांव के कुछ लोगों ने इस पर जबरन कब्ज़ा कर लिया है. इसी सिलसिले में मैं तीसरी बार SDM के ऑफिस गया था. मैंने अधिकारी को बताया कि मैं इस ज़मीन के मामले में पहले भी दो बार ऑफिस आ चुका हूं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. मैंने उन्हें अपना अनुरोध पत्र दिया लेकिन अधिकारी ने गुस्से में उसे फाड़ दिया और मुझे मुर्गे की तरह अपने ऑफिस में बैठने के लिए मजबूर किया."
हालांकि आजतक से बातचीत के दौरान SDM पवार ने दावा किया कि उनके खिलाफ़ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया,
"जब मैं शुक्रवार यानी 15 सितंबर को सुबह ऑफिस पहुंचा, तो मैंने देखा वहां एक व्यक्ति पहले से ही मुर्गा बना हुआ था. मैंने उसके साथ आए लोगों से कहा कि इन्हें उठाइए. उनमें से एक ने घटना का वीडियो बनाया और ऑफिस से बाहर चला गया."
इस घटना का वीडियो शेयर कई लोग अधिकारी के साथ-साथ सरकार पर भी सवाल उठा रहे हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस वीडियो को शेयर कर सरकार पर सवाल उठाया और कहा कि तानाशाही ऊपर से नीचे आती है. उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर लिखा,
"तथ्य: ये है UP में एकाधिकारी शासन के अंतर्गत निरंकुश नौकरशाही का असली चेहरा और UP के कमज़ोर-निर्बल लोगों के ऊपर किये जा रहे आधिकारिक-सरकारी अत्याचार की एक सच्ची तस्वीर.
सिद्धांत: तानाशाही ऊपर से नीचे आती है और देश की राजधानी से प्रदेश की राजधानी होते हुए अधिकारियों के भी व्यवहार का हिस्सा बन जाती है.
अपेक्षा: सरकार स्वत: संज्ञान लेकर अधिकारी को निलंबित करके जांच बैठाए या फिर न्यायालय इसका स्वत: संज्ञान ले.
चेतावनी: अधिकारी को किसी फ़रियादी को मुर्ग़ा बनाने से पहले उसके पहने ‘रंग’ पर तो ध्यान देना चाहिए था. कहीं भाजपा सरकार ‘रंग विशेष’ का अपमान करने पर यह ‘अति विशिष्ट दंडात्मक शारीरिक मुद्रा’ अधिकारी से ही न बनवा दे."
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