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कौन हैं 125 साल के स्वामी शिवानंद जिनके सम्मान में पीएम मोदी झुक गए?

योग के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री दिया गया है.

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योग के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री अवार्ड दिया गया है. (फोटो- TWITTER ANI स्क्रीनग्रैब)
21 मार्च 2022 (Updated: 22 मार्च 2022, 12:57 IST)
Updated: 22 मार्च 2022 12:57 IST
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योग के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए स्वामी शिवानंद को पद्मश्री से नवाज़ा गया है. सोमवार 21 मार्च को राष्ट्रपति भवन में आयोजित अवार्ड समारोह का एक बड़ा आकर्षण स्वामी शिवानंद ही रहे. पद्मश्री के लिए अपने नाम की घोषणा सुनते ही स्वामी शिवानंद ने कुछ ऐसा किया जो अब हर जगह चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल पुरस्कार लेने से पहले शिवानंद सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पहुंच गए और उनके सामने घुटनों के बल नतमस्तक हो गए. उनकी ये भावना देखकर पीएम मोदी से भी रहा नहीं गया और वो भी अपनी कुर्सी से उठकर वृद्ध योगी के आगे झुक गए. इस पल का वीडियो अब सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है.
वीडियो में दिख रहा है पीएम मोदी के बाद स्वामी शिवानंद ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के प्रति भी इसी तरह से सम्मान व्यक्त किया. बदले में राष्ट्रपति ने भी झुककर उन्हें उठाया. इसके बाद उन्होंने स्वामी शिवानंद को पद्मश्री से नवाजा.125 साल की उम्र स्वामी शिवानंद की उम्र ने हर किसी को हैरान कर रखा है. मीडिया रिपोर्टों में उनका जन्म 3 अगस्त 1896 का बताया जा रहा है. यानी इस समय स्वामी शिवानंद की आयु 125 साल से भी ज्यादा है. घोर आर्थिक तंगी के कारण माता-पिता ने 4 साल की उम्र में ही उन्हें बाबा ओंकारानंद गोस्वामी को दान कर दिया था. वही स्वामी शिवानंद के गुरु बने. इसके कुछ समय बाद शिवानंद की बहन, मां और पिता की मौत हो गई थी. स्वामी शिवानंद का ताल्लुक काशी से बताया जाता है. वे वहां दुर्गाकुंड स्थित शिवानंद आश्रम चलाते हैं. अपने जीवनकाल में स्वामी शिवानंद की योग और धर्म में खासी रुचि रही. उनका कहना रहा है कि योग जैसी पद्धतियों को अपनाकर लोग निरोग लंबा जीवन जी सकते हैं. शिष्यों के बुलावे पर वे इंग्लैंड, ग्रीस, फ्रांस, स्पेन, ऑस्ट्रिया, इटली, हंगरी, रूस, पोलैंड, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, बुल्गेरिया, यूके समेत 50 से ज्यादा देशों का भ्रमण कर चुके हैं.

इन्हें भी मिला सम्मान

स्वामी शिवानंद के अलावा और भी लोगों को पद्म पुरस्कार दिए गए हैं. असम की सामाजिक कार्यकर्ता शकुंतला चौधरी को मरणोपरांत पद्म सम्मान से सम्मानित किया गया है. कुछ ही दिन पहले 102 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था. जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर, जम्मू-कश्मीर के प्रोफेसर विश्वमूर्ति शास्त्री, पंजाबी लोक गायिका गुरमीत बावा समेत कई हस्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. देश के पहले सीडीएस और पूर्व सेनाध्यक्ष दिवंगत जनरल बिपिन रावत को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है. उनकी बेटी कृतिका और तारिणी ने पिता के बदले ये पुरस्कार स्वीकार किया. उनके अलावा बीजेपी नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष रहे राधेश्याम खेमका और शास्त्रीय संगीत के लिए मशहूर प्रभा अत्रे को भी ये पुरस्कार दिया गया है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से नवाजा गया है.

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